Brand Residency 2022: ई-कॉमर्स सेक्टर में ONDC बनेगा गेमचेंजर, केवल भारत तक नहीं होगा सीमित
नई दिल्ली में YourStory के मेगा इवेंट का आज आगाज हो गया. 9 और 10 सितंबर को तमाम दिग्गज ब्रांड्स को सेलिब्रेट करने के लिए यह ईवेंट आयोजित किया जा रहा है.
नई दिल्ली में YourStory के मेगा इवेंट Brand Residency 2022 का आज आगाज हो गया. 9 और 10 सितंबर को तमाम दिग्गज ब्रांड्स को सेलिब्रेट करने के लिए यह ईवेंट आयोजित किया जा रहा है. यह इवेंट YourStory की 'Brands of New India' पहल का एक हिस्सा है, जो पिछले एक साल से देश भर में प्रोडक्ट्स और ब्रांड्स के बारे में जागरुकता फैला रही है. ईवेंट की शुरुआत YourStory की फाउंडर श्रद्धा शर्मा के उद्घाटन भाषण से हुई. श्रद्धा शर्मा ने उद्घाटन भाषण में कहा कि पहले हम देखते थे कि यह ब्रांड यूएस का है, यह ब्रांड जापान का है, यह ब्रांड यूके का है. आज भारत की जर्नी यहां पहुंच चुकी है कि आज मेड इन इंडिया ब्रांड्स की बात होती है. हम गर्व से कहते हैं कि यह भारत का ब्रांड है, ये नए भारत के ब्रांड हैं. योरस्टोरी ब्रांड रेजिडेंसी ईवेंट में हम यही सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम इस बात को सेलिब्रेट करें, हम भारत की इस प्रगति को सेलिब्रेट करें, हम भारत के ब्रांड्स को सेलिब्रेट करें. हम उस ऊंचाई पर जाएं, जहां लोग कहें कि ये भारत के ब्रांड्स हैं, ये नए भारत के ब्रांड हैं और हम मिलकर उस रास्ते को तय भी कर रहे हैं.
ONDC एक तरह से सरकार का स्टार्टअप
ईवेंट के पहले दिन भारत सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) के एडिशनल सेक्रेटरी अनिल अग्रवाल चीफ गेस्ट रहे. उन्होंने इस मौके पर ओएनडीसी (Open Network for Digital Commerce) के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम को लॉन्च किया. इसका मकसद था कि लोग, जॉब क्रिएटर्स बनें. ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी दें. 2016-17 में भारत सरकार के भी कई लोगों को पता नहीं था कि स्टार्टअप होता क्या है. फिर हमने इसे जाना, सरकार के विभिन्न विभागों के लोगों ने स्टार्टअप की परिभाषा को समझा. यह समझा कि इसे सपोर्ट कैसे किया जाए. उसके बाद अलग-अलग राज्यों में जाकर इसके लिए एक मंच स्थापित किया. पूरे देश में आज आलम यह है कि स्टार्टअप्स का बोलबाला है. स्टार्टअप इंडिया मूवमेंट की वजह से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है. यह भारत के लोगों की कामयाबी है.
छोटी-छोटी किराना दुकानों की अहमियत
मार्च 2020 में जब कोविड का प्रकोप आया तो उस वक्त छोटी-छोटी किराना दुकानों की अहमियत और खुलकर सामने आई. आज कोशिश यही है कि छोटी किराना दुकानों की डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच स्थापित की जा सके, उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके. लोगों को ऑनलाइन ग्रॉसरी व अन्य सामान की खरीद के लिए उन किराना दुकानों से जोड़ा जा सके. किराना स्टोर को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए काफी मेहनत लगती है. उसके बाद हर प्लेटफॉर्म पर किसी एक किराना स्टोर के लिए ऑनबोर्डिंग प्रॉसेस, केवाईसी प्रॉसेस, कमीशन की प्रॉसेस, पेमेंट आदि को लेकर प्रक्रियाऐं अलग-अलग रहती हैं. ऐसे में अगर एक किराना स्टोर को एक से ज्यादा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर होना है तो उन्हें अलग-अलग प्रॉसेस, अलग-अलग कैटलॉग को फॉलो करना होता है. तब जरूरत महसूस की गई कि एक ऐसा स्टैंडर्ड प्लेटफॉर्म हो और एक स्टैंडर्ड ओपन कैटलॉग हो. यह कैटलॉग हर किसी के लिए ओपन हो.
केवल भारत तक लिमिटेड नहीं
तब ओएनडीसी को क्रिएट करने का आइडिया आया. उन्होंने यह भी कहा कि ओएनडीसी एक तरह से सरकार का स्टार्टअप है. इस दिशा में कई युवा एंटरप्रेन्योर्स, स्टार्टअप्स की मदद ली गई. यह केवल भारत तक लिमिटेड नहीं होगा, यह ग्लोबल होगा. यहां भी बायर्स, सेलर्स, पेमेंट और सामान होंगे. मौजूदा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ये चारों चीजें आपस में कैसे इंटरैक्ट करेंगी, इसे लेकर पॉलिसी अलग-अलग रहती है. लेकिन ओएनडीसी पर इन चारों चीजों को अनबंडल किया गया है. इसके बाद इनके बीच के इंटरैक्शन के लिए एपीआई क्रिएट किए गए हैं. यानी अगर किसी एक प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे सेलर्स हैं और दूसरे प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे बायर्स हैं तो बायर्स, दूसरे प्लेटाफॉर्म के सेलर्स से भी खरीद कर सकेंगे और सेलर्स, दूसरे प्लेटफॉर्म के बायर्स से भी खरीद कर सकेंगे. इस तरह दो अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्टर लोग आपस में सामान व सर्विसेज का एक्सचेंज कर सकेंगे.