13 साल के इस भारतीय ने बनाई अपनी कंपनी, दुबई में रहकर करता है काम

13 साल के इस भारतीय ने बनाई अपनी कंपनी, दुबई में रहकर करता है काम

Monday December 17, 2018,

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दुबई के देइरा इलाके में एलीट इंग्लिश स्कूल में पढ़ने वाले आदित्यन ने अपनी खुद की सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू कर दी है। वे कोडिंग, वेब डेवलपिंग जैसी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। आदित्यन की कंपनी का नाम 'ट्रिनेट सॉल्यूशन्स' है।

आदित्यन राजेश (तस्वीर साभार- खलीज टाइम्स)

आदित्यन राजेश (तस्वीर साभार- खलीज टाइम्स)


'हालांकि हम अभी से एक कंपनी के तौर पर काम करने लगे हैं। हमने अब तक 12 से ज्यादा क्लाइंट्स के साथ काम किया है और उन्हें अपनी डिजाइन और कोडिंग सर्विस पूरी तरह मुफ्त में दी हैं।'

आप शायद सोच भी नहीं सकते कि खेल-खेल में शुरू किया गया काम किसी को एक कंपनी का मालिक भी बना सकता है। इसे सच कर दिखाया है दुबई में रहने वाले 13 वर्षीय भारतीय आदित्यन राजेश ने। दुबई के देइरा इलाके में एलीट इंग्लिश स्कूल में पढ़ने वाले आदित्यन ने अपनी खुद की सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू कर दी है। वे कोडिंग, वेब डेवलपिंग जैसी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। आदित्यन की कंपनी का नाम 'ट्रिनेट सॉल्यूशन्स' है।

आदित्य जब सिर्फ 9 साल का था तभी उसने पहला मोबाइल ऐप्लिकेशन बना डाला था। इसके बाद से उसने एंड्रॉयड मार्केटप्लेस, एप्टॉयड पर कई सारे ऐप बनाकर अपलोड करने शुरू कर दिए। इसके साथ-साथ वह क्लाइंट्स केक लिए लोगो और वेबसाइट बनाने लगा। अब उसने अपनी कंपनी भी शुरू कर दी। दुबई के खलीज टाइम्स से बात करते हुए आदित्य ने बताया कि जब वह सिर्फ 5 साल का था तब से कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहा है।

ट्रिनेट में आदित्यन के साथ अभी तीन लोग काम कर रहे हैं। ये उसके स्कूल के दोस्त और खुद स्कूल स्टूडेंट हैं। आदित्यन बताते हैं, ' मुझे एक स्थापित कंपनी बनाने का मालिक बनने के लिए 18 की उम्र को पार करना होगा। हालांकि हम अभी से एक कंपनी के तौर पर काम करने लगे हैं। हमने अब तक 12 से ज्यादा क्लाइंट्स के साथ काम किया है और उन्हें अपनी डिजाइन और कोडिंग सर्विस पूरी तरह मुफ्त में दी हैं।'

आदित्यन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसका जन्म केरल के तिरूविला में हुआ था और जब 5 साल का था तो परिवार यहां आ गया था। आदित्यन ने कहा, 'मैंने आशीर्वाद ब्राउजर नाम का एक ऐप बनाया जो कि गूगल क्रोम के समान ही है। मैंने इसे बनाने के लिए एंड्रॉयड स्टूडियो का इस्तेमाल किया। हालांकि इस ब्राउजर को मैंने गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड नहीं किया बल्कि एप्टॉयड पर अपलोड किया था।' इसके बाद आदित्यन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब वह साइबर सिक्योरिटी का जानकार भी बन गया है।

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