भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हैं कई चुनौतियां, जानिए कैसा हो सकता है फ्यूचर
भारत सरकार उपभोक्ताओं और निर्माताओं दोनों को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके. पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहन की मांग में काफी इजाफा हुआ है.
देश में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार और निजी कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दे रही हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पारम्परिक वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके. इसे लेकर भारत सरकार उपभोक्ताओं और निर्माताओं दोनों को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके. यानी इलेक्ट्रोनिक वाहन का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सके.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन
भारत में पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहन की मांग में काफी इजाफा हुआ है. 2019-2020 और 2020-2021 के बीच दोपहिया वाहनों के लिए सड़क पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की संख्या में 422 प्रतिशत, तिपहिया वाहनों के लिए 75 प्रतिशत और चार पहिया वाहनों के लिए 230 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, पिछले साल इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में 1,200 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि हुई है, जिसमें केद्र और राज्य सरकार दोनों का अहम योगदान है.
हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार,2025 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार कम से कम 475 अरब रुपये तक का होने की उम्मीद है और तब भारत दुनिया में सबसे बड़ा ईवी बाजार बन जाएगा. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाया व इस्तेमाल किया जाएगा. खासकर दोपहिया वाहनों को, क्योंकि वो सस्ते होने के साथ ही साथ पैसों की बचत भी करते हैं. हालांकि, ईवी को बड़े पैमाने पर अपनाने के साथ, ईवी निर्माताओं के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे अपने उपयोगकर्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति जागरूक करें. साथ ही उन्हें इससे होने वाले फायदों के बारे में बताएं.
नए बैटरी सुरक्षा मानदंड
किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन के लिए उसकी बैटरी का लॉन्ग लाइफ होना बहुत जरूरी है. जिससे वो उपभोक्ताओं के भरोसे पर खरे उतर सकें. इसके लिए किसी भी कंपनी को एक विश्वसनीय ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने और बैटरियों को अधिक भरोसेमंद और लंबे समय तक चलने वाली बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को लागू करने पर जोर दिया जाना चाहिए.
ईवी के फायदे
इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग से पर्यावरण के साथ-साथ आपके पैसों की भी बचत होती है. जिससे आप कम खर्च में अपनी यातायात सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकेंगे और आपको रोज-रोज के पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए पेट्रोल टंकी पर खड़ा होने के झंझट से भी निजात मिल सकेगा. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि लोगों की पहुँच चार्जिंग स्टेशनों तक हो सके और इसके लिए कंपनियों को सरकार के सहयोग से अधिक से अधिक चार्जिंग स्टेशन बनाने की जरूरत होगी.
बैटरी स्वैपिंग का भविष्य
इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाना काफी हद तक बैटरियों की अदला-बदली करने की क्षमता पर निर्भर करेगा. चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन अब बैटरी के बिना खरीदे जा सकते हैं, इसलिए उनकी कीमत पारंपरिक गैसोलीन से चलने वाले वाहनों के बराबर होगी. केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें भी बीएसएस को देश में व्यापक बनाने में मदद करने के लिए काम कर रही हैं. उसी संदर्भ में दिल्ली सरकार रियायती किराए के पट्टे प्रदान करती है. कई स्टार्टअप्स और स्थापित कंपनियों ने इसी कारण बैटरी स्वैपिंग मार्केट में प्रवेश करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है.
इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य
अगर आप भी किसी बिजनेस में हाथ अजमाना चाहते हैं, तो इलेक्ट्रिक वाहन का बिजनेस करना आपके लिए काफी फायदेमंद होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस क्षेत्र में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी सहयोग कर रही हैं, ताकि इस क्षेत्र के बढ़ावा दिया जा सके.
(लेखक Aponyx EV के फाउंडर और चेयरमैन हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by Anuj Maurya