विवाद से विश्वास-I स्कीम के तहत MSMEs के 10,000 से अधिक दावे स्वीकार किए गए
इससे एमएसएमई को 256 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान प्राप्त हुआ है और इससे गारंटी मुक्त करने के माध्यम से बैंक ऋण का प्रवाह बढ़ा.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को एक बड़ी राहत देते हुए, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों ने विवाद से विश्वास-I स्कीम के तहत एमएसएमई के 10,000 से अधिक दावों को स्वीकार कर लिया है, जिसका उद्देश्य एमएसएमई को कोविड-19 के महामारी काल के लिए राहत प्रदान करना है. इससे एमएसएमई को 256 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान प्राप्त हुआ है और इससे गारंटी मुक्त करने के माध्यम से बैंक ऋण का प्रवाह बढ़ा.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 116.47 करोड़ रुपये की सर्वाधिक राहत प्रदान की गई. इसमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एजेंसियों द्वारा निपटाए गए दावे और भुगतान की गई राशि शामिल है.
एमएसएमई के लिए विवाद से विश्वास I - राहत योजना की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट भाषण 2023-24 में की थी. यह योजना वित्त मंत्रालय द्वारा 17.04.2023 को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई थी. इस योजना के तहत राहत के लिए जीईएम पोर्टल पर दावे प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31.07.2023 थी. जीईएम ने इस योजना के लिए एक समर्पित पोर्टल विकसित किया था.
व्यय विभाग ने 11.04.2023 को दावा दायर करने की योजना और प्रक्रिया का विवरण देते हुए निर्देश जारी किया था. बाद में निर्माण कार्य खरीद और आय अनुबंधों को शामिल करने के लिए योजना का दायरा बढ़ाया गया. योजना के तहत कम की गई निष्पादन सुरक्षा, बोली सुरक्षा और परिसमाप्त क्षति के 95 प्रतिशत के रिफंड के माध्यम से राहत प्रदान की गई थी. अनुबंधों के निष्पादन में चूक के कारण वंचित एमएसएमई को भी राहत प्रदान की गई. इस योजना के तहत प्रदान की गई राहत, कोविड-19 महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने और इसे बनाए रखने के सरकार के प्रयासों के अनुकूल थी.
Edited by रविकांत पारीक