कोरोना को बढ़ता देख फिर से डॉक्टरी पेशे में उतरीं भारत की बेटी मिस इंग्लैंड भाषा मुखर्जी
हाल ही हमने आपको एक खबर बताई कि कोरोना वायरस (COVID-19) से जंग में आयरलैंड के पीएम लियो वराडकर खुद उतर आए हैं। देशवासियों की सुरक्षा के लिए उन्होंने फिर से डॉक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाया है। राजनीति में आने से पहले वह डॉक्टर थे और देश में बढ़ते कोरोना के मरीजों को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया। इसकी सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हुई। कई लोगों ने कहा कि इस महामारी के समय में हर देश को ऐसे ही लीडर की जरूरत है।
अब ऐसा ही कुछ भारतीय मूल की मॉडल भाषा मुखर्जी ने किया है। कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने फिर से डॉक्टरी के पेशे में लौटने का फैसला किया है। 24 साल की भाषा इंग्लैंड में फिर से डॉक्टर बनकर कोरोना मरीजों का इलाज करती नजर आएंगी। मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले भाषा मुखर्जी एक जूनियर डॉक्टर के पद पर काम कर चुकी हैं। अब अपने देश इंग्लैंड में बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए उन्होंने फिर से उसी दुनिया में जाने का फैसला किया है।
हाल ही में वह चैरिटी के लिए भारत सहित कई देशों की यात्रा पर आई थीं। तभी उन्हें अपने दोस्तों से इंग्लैंड में बढ़ते कोरोना के मैसेज मिले। भाषा ने उसी अस्पताल से संपर्क किया जहां वह पहले काम करती थीं। फिर वह वापस इंग्लैंड लौट गईं। साल 2019 में उन्हें मिस इंग्लैंड का खिताब मिला था। तभी उन्होंने अपने डॉक्टरी के पेशे को छोड़कर मॉडलिंग करियर को आगे बढ़ाने का फैसला कर लिया था। अब कोरोना को बढ़ते मामलों को देखकर उन्होंने अपना फैसला बदलकर फिर से डॉक्टरी पेशे में एंट्री कर ली है। वह अगस्त तक लोगों का इलाज करती नजर आएंगी।
भाषा का जन्म प. बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ था। वह 9 साल की उम्र में ही परिार के साथ इंग्लैंड चली गईं। वहीं से उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई की थी। उन्होंने बताया कि यह सबसे अच्छा वक्त है जब मैं अपने देश के काम आ सकती हूं। मालूम हो, इंग्लैंड में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और वहां हालात बद से बदतर हो गए हैं। इस वक्त इंग्लैंड के पीएम बोरिस जॉनसन खुद भी कोरोना संक्रमित हैं और आईसीयू में ऐडमिट हैं।
बुधवार दोपहर 12 बजे तक इंग्लैंड में कोरोना मरीजों की संख्या 55 हजार के आंकड़े को पार कर गई है। इनमें मरने वालों की संख्या 6 हजार से अधिक है। बात करें पूरी दुनिया की तो दुनियाभर में कोरोना के 14,30,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से मरने वालों की संख्या 82 हजार से अधिक है।
भारत में इसके 5360 मामले सामने आए हैं। इनमें मरने वालों की संख्या 160 है। 468 लोग ऐसे हैं जो इस बीमारी से स्वस्थ हो चुके हैं।