मास्क की कमी को पूरा करने के लिए केरल सरकार की सराहनीय पहल, जेलों में बंद कैदियों से बनवा रही मास्क
भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित मरीजों की संख्या 100 को पार कर गई है। केरल उन राज्यों में शामिल है जहां सबसे पहले कोरोना से संक्रमण के केस आए थे। यहां तक कि कोरोना संक्रमित देश का पहला केस भी केरल से ही आया था। कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क पहनना सबसे पहला स्टेप है। लगातार बढ़ते केसों के कारण मास्क की मांग में भी बढ़ोतरी हुई जिसके कारण लोगों को मास्क मिलना तक दूभर हो गया।
अब केरल की सरकार ने राज्य के लोगों तक मास्क पहुंचाने के लिए एक सराहनीय पहल की है। केरल सरकार ने राज्य की जेलों में बंद कैदियों को मास्क बनाने का काम सौंप दिया है। यानी कि अब केरल की जेलों में बंद कैदी मास्क बनाने का काम कर रहे हैं। इस बारे में केरल सरकार ने बताया कि मास्क की कमी के कारण हमने राज्य की जेलों को मास्क बनाने के काम में शामिल होने का निर्देश दिया था। इस पर तेजी से काम हुआ है। जेल में बने मास्क का पहला बैच भी मिल गया है।
इस बारे में केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने ट्वीट कर बताया,
'कोविड-19, मास्क समस्या का समाधान! मास्क उपलब्धता की कमी को देखते हुए राज्य की सभी जेलों को मास्क बनाने की प्रक्रिया में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे। यह काम युद्ध स्तर पर हुआ है। आज तिरुवनंतपुरम के जेल अधिकारियों ने मास्क का पहला बैच सौंपा है।'
साथ में सीएम ने मास्क के पहले बैच के चार फोटो पोस्ट किए...
केरल सरकार की इस पहल की हर किसी ने तारीफ की। लोगों ने रिप्लाइ में सीएम पिनारई विजयन सरकार के इस स्टेप की सराहना की।
बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने रिप्लाइ कर सरकार की तारीफ करते हुए लिखा, 'अमेजिंग।' इसके अलावा लोगों ने कहा कि केरल सरकार की इस पहल को हर राज्य को फॉलो करना चाहिए।
मालूम हो, देश में आए कोरोना के कुल मामलों में केरल दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर महाराष्ट्र है। अभी तक देश में कोरोना के कुल 107 केस सामने आए हैं जिनमें से महाराष्ट्र से 31 और केरल से 22 केस आए हैं। हालांकि एक खुशखबरी यह है कि देश में कोरोना की सबसे पहली मरीज जो कि केरल से थी, वह अब एकदम स्वस्थ है। वह अब पूरी तरह ठीक हो चुकी है।