कोविड टीकाकरण प्रभावी ढंग से संक्रमण को कम कर देता है: AFMS रिपोर्ट
VIN-WIN सहगण अध्ययन आर्म्ड फोर्सेज़ इंडिया नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन कोविशिल्ड वैक्सीन द्वारा कोविड-19 के खिलाफ मिली सुरक्षा के प्रभाव को दर्शाता है। अध्ययन के अनुसार नये संक्रमणों में 93 फीसदी की कमी, मौतों में 98 फीसदी की कमी आई। यह अध्ययन अधिकतर स्वस्थ पुरुषों पर किया गया था।
सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) ने मंगलवार को एक वैज्ञानिक पत्रिका- Medical Journal Armed Forces India में सशस्त्र बलों के स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अग्रिम कार्यकर्ताओं के बीच किए गए सहगण अध्ययन को प्रकाशित किया।
इस अध्ययन में मौतों और ताजा संक्रमण पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण करके कोविशिल्ड वैक्सीन द्वारा कोविड-19 के खिलाफ मिली सुरक्षा पर प्रकाश डाला गया। अध्ययन के मुताबिक ताजा संक्रमण में 93 फीसदी की कमी आई और मौतों में 98 फीसदी की कमी आई। यह संभवतः कोविड-19 वैक्सीन प्रभावशीलता पर दुनिया भर में अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन है।
AFMS के महानिदेशक एवं सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता, जो एक प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ और अध्ययन के सह-लेखक हैं, ने कहा कि 1.59 मिलियन स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता और सशस्त्र बलों के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता वैक्सीन का टीका लगवाने वाले उन पहले लोगों में से थे जब भारत ने दिनांक 16 जनवरी, 2021 को कोविड-19 के खिलाफ अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था।
अध्ययन बड़े पैमाने पर स्वस्थ पुरुषों पर किया गया था जिनमें से कुछ सह-रुग्ण बीमारियों से पीड़ित थे। इसमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल नहीं थे। विन-विन (VIN-WIN) अध्ययन में अध्ययनकर्ताओं ने होने वाली घटनाओं की दर और घटनाओं की दर के अनुपात की गणना की। वैक्सीन प्रभावशीलता की गणना एक घटना अनुपात के रूप में की गई थी। दैनिक आधार पर तीन समूहों में महामारी, दूसरी लहर और बदलती संख्या के लिए क्रूड और सही दोनों दरों का अनुमान और समायोजन किया गया था। उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण करके अध्ययन का परिणाम बिना किसी अतिरिक्त लागत के प्राप्त किया गया।
AFMS के महानिदेशक ने कहा कि विन-विन सहगण अध्ययन मौजूदा सशस्त्र बल स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली से प्राप्त अनाम आंकड़ों पर किया गया था जिस प्रणाली को कोविड-19 की निगरानी के लिए बेहतर बनाया गया था। निगरानी प्रणाली में पहली और दूसरी खुराक के प्रतिदिन के टीकाकरण आंकड़े थे, साथ ही कोविड-19 से संक्रमण की पुष्टि होने वाले दिन की तारीख तथा कोविड से संबंधित मौतों के आंकड़े भी थे- जिनका विश्लेषण किया गया।
इलाके और स्थान की बाधाओं के बावजूद, सशस्त्र बल दिनांक 30 मई, 2021 की शुरुआत में लक्षित आबादी के 82 प्रतिशत से अधिक को टीका लगाने में कामयाब रहे थे। यह अध्ययन AFMS के विभिन्न अंगों द्वारा प्राप्त सहयोग के कारण संभव हुआ। सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, सेना, नौसेना और वायु सेना के चिकित्सा निदेशालयों ने अध्ययन को पूरा करने के लिए AFMS के महानिदेशक के साथ सहयोग किया।
अध्ययन के संबंधित लेखक, कंसल्टेंट मेडिसिन एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट एयर कमोडोर शंकर सुब्रमण्यम ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती सांख्यिकीय रूप से सटीक रहते हुए बड़ी संख्या से निपटने में थी। जैसे-जैसे आबादी बिना टीके से आंशिक रूप से टीकाकरण की ओर बढ़ी और फिर पूरी तरह से टीकाकरण किया गया, प्रत्येक समूह में संख्या दैनिक आधार पर बदल गई।
उन्होंने कहा कि हालांकि सशस्त्र बलों के पास रिकॉर्ड रखने की एक असाधारण प्रणाली है, लेकिन डेटा का मिलान और विश्लेषण करना एक बहुत बड़ा काम था जिसमें निरंतर और गहन समन्वय शामिल था।
यह अध्ययन तब हुआ जब राष्ट्र महामारी की दूसरी लहर देख रहा था। इसके बावजूद, पूरी तरह से टीका लगाया गया समूह जो 1.59 मिलियन के 82 प्रतिशत तक पहुंच गया था, उसने केवल सात मौतें दिखाईं। एयर कमोडोर सुब्रमण्यन ने कहा कि यह खुशी की बात है कि इतने सारे लोगों की मिलीजुली कड़ी मेहनत का परिणाम निकला जो हर किसी को इतनी उम्मीद दिखाता है।
(साभार: PIB)