आखिर क्यों 6 महीने के निचले स्तर तक गिर गया Crude Oil, जानिए Petrol-Diesel सस्ता हो सकता है या नहीं!
कुछ ही महीने पहले तक कच्चा तेल 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था, जो अब 6 महीनों के निचले स्तर पर है, क्या अब डीजल-पेट्रोल सस्ता होगा?
इस कारोबारी हफ्ते का आखिरी दिन एक बड़ी खुशखबरी लाया है. कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम गिरकर करीब 6 महीनों के न्यूनतम स्तर पर आ गए हैं. इस गिरावट की वजह से लोगों के मन में पेट्रोल-डीजल सस्ता (Petrol-Diesel Price Fall) होने की उम्मीद जगी है. वैसे भी पिछले करीब 4 महीनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ऐसे में कच्चा तेल सस्ता होना पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट का इशारा देने वाली खबर है. हालांकि, सवाल ये है कि क्या वाकई ऐसा होगा या इसका फायदा तेल कंपनियों को मिलेगा?
क्या हो गए कच्चे तेल के दाम?
कच्चे तेल की कीमत गुरुवार को अपने 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. इसकी कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुकी है. फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद की बात करें तो कच्चा तेल सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. करीब दो महीने पहले ही कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे.
क्यों सस्ता हो रहा कच्चा तेल, टेंशन की बात तो नहीं?
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है मंदी का डर. कुछ समय पहले तक कच्चे तेल के दाम तेजी से ऊपर जा रहे थे, लेकिन अब इसमें तगड़ी गिरावट देखी जाने लगी है. ऐसे में भले ही कच्चे तेल के गिरते दाम हमें खुश कर रहे हों, लेकिन असर में यह एक चिंता की वजह है. ग्लोबल मंदी के संकेत मिलने लगे हैं और इसके चलते कच्चे तेल पर दबाव बढ़ता जा रहा है. अर्थशास्त्रियों ने तो यह साफ कर दिया है अमेरिका में मंदी आना तय है. हालांकि, माना जा रहा है कि भारत इससे बचा रहेगा.
डीजल-पेट्रोल सस्ता होगा या नहीं?
अगर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखें तो अभी पेट्रोल-डीजल का सस्ता होना थोड़ा मुश्किल लग रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले ही एक रिपोर्ट आई थी, जिससे पता चला था कि इंडियन ऑयल को हर लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये जबकि प्रति लीटर लीटर पर 14 रुपये का नुकसान हो रहा है. अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को 1992.53 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. इससे पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 5,941.37 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. वहीं इस कैलेंडर वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी को 6,021.90 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. कच्चा तेल सस्ता होने से मिले फायदे को कंपनियां अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं.
क्यों हुआ ये नुकसान?
अप्रैल-जून तिमाही में कच्चे तेल की कीमत औसतन 109 डॉलर प्रति बैरल रही है. वहीं रिटेल पंप के रेट्स करीब 85-86 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तय किए गए हैं और वही चले आ रहे हैं. कच्चा तेल महंगा होने के चलते इंडियन ऑयल का मार्जिन बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और कंपनी को नुकसान झेलना पड़ा है. आमतौर पर तेल कंपनियां कच्चे तेल की आयातित कीमत के हिसाब से पेट्रोल-डीजल के दाम तय करती हैं. पिछले करीब 120 दिनों से दाम नहीं बदले हैं, जिससे कंपनियों को नुकसान हुआ है.