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गैंग एनकाउंटर के बाद रियल हीरो बने साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वी सी सज्जनार

गैंग एनकाउंटर के बाद रियल हीरो बने साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वी सी सज्जनार

Saturday December 07, 2019 , 4 min Read

1996 बैच के आईपीएस सज्जनार के नेतृत्व में साइबराबाद (हैदराबाद) के पुलिस कमिश्नर वी सी सज्जनार महिला वेटरनरी डॉक्टर के साथ गैंग रेप-मर्डर केस के चारो आरोपियों को शुक्रवार तड़के मुठभेड़ में मार गिराने के बाद पूरे देश की सुर्खियों में हैं। इस पुलिस कार्रवाई पर देश की महिलाएं सज्जनार को रियल हीरो कहने लगी हैं। 

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पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार (फोटो: सोशल मीडिया)


बाबा तुलसी दास ने रामचरित मानस में लिखा है कि दोनों क्रियाएं एक साथ नहीं हो सकतीं - 'हंसब ठठाइ, फुलाइब गालू।' यानी कोई व्यक्ति गुस्से में मुंह भी फुलाए रहे और ठहाका मारकर हंसता भी रहे। निर्भया कांड के गुनहगार पिछले सात साल फांसी की सजा सुनाए जाने के बावजूद जिंदा हैं। ये तो रहा अदालती नतीजा, दूसरी तरफर साइबराबाद (हैदराबाद) के कमिश्नर वी सी सज्जनार की अगुआई में पुलिस की एक टीम ने महिला वेटरनरी डॉक्टर के साथ गैंग रेप-मर्डर केस के चारो आरोपियों को शुक्रवार तड़के मुठभेड़ में मार गिराया तो देश भर के ज्ञानी लोग समाजवादी गीत गाने लगे हैं।


ऐसे लोगों के बारे में क्या कहा जा सकता है। आतंक के साये में जी रही देश की पचास-करोड़ की आधी आबादी की सुरक्षा के सवाल पर उनके पास कोई उपाय नहीं है। हां, 1996 बैच के आईपीएस सज्जनार की कार्रवाई पर आज उनके पास कहने के लिए बहुत कुछ है। पुलिस का कहना है कि आरोपी रीक्रिएशन के दौरान पुलिसकर्मियों के हथियार छीनकर भाग रहे थे। इसी दौरान क्रॉस फायरिंग में ढेर हो गए।


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तेलंगाना में सज्जनार की छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है। 11 साल पहले भी उन्हीं की अगुआई में एसिड अटैक के 3 आरोपी इसी तरह मारे गए थे।


तब कॉलेज छात्र कई दिन तक उनसे मिलने के लिए घर पहुंचते रहे थे। सज्जनार 2008 में वारंगल के एसपी थे। तब आरोपी एस श्रीनिवास राव ने दो दोस्तों के साथ मिलकर इंजीनियरिंग छात्रा पर एसिड फेंका था क्योंकि उसने श्रीनिवास का लव प्रपोजल ठुकरा दिया था।


घटना से इलाके में काफी गुस्सा था। सज्जनार की अगुआई में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और कुछ घंटे बाद ही आरोपी एनकाउंटर में मारे गए थे। इसके बाद सज्जनार कॉलेज छात्रों और इलाके के युवाओं के लिए किसी हीरो से कम नहीं माने जाते हैं।


इस एनकाउंटर के बाद पीड़ित के कॉलेज की लड़कियां सज्जनार के घर पहुंची थीं और माला पहनाकर उनसे हाथ मिलाया था। कॉलेज में भी छात्र-छात्राओं ने मिठाइयां बांटीं और पुलिस के समर्थन में नारे लगाए थे। शुक्रवार सुबह दुष्कर्म के आरोपियों के मारे जाने के बाद भी घटनास्थल पर पुलिस जिंदाबाद के नारे लगे।





एसिड अटैक के आरोपियों के एनकाउंटर के बाद वारंगल पुलिस ने कहा था कि घटनास्थल पर सबूत जुटाने के दौरान वे सिपाहियों के हथियार छीनकर भाग रहे थे। इसी दौरान क्रॉस फायरिंग में मारे गए।


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दूसरी ओर, कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना था कि जनता का गुस्सा शांत करने और त्वरित न्याय के लिए सुनियोजित तरीके से तीनों को मारा गया था।


2008 के एसिड अटैक कांड के तीनों अभियुक्तों को उस जगह पर ले जाया गया था, जहां उन्होंने घटना के दौरान इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल छिपाई थी।


जैसे ही अभियुक्त मोटरसाइकिल के पास पहुंचे, उन्होंने उसमें छिपाए गए बंदूक और चाकू निकाल लिए और पुलिस वालों पर हमला कर दिया।


दावा है कि पुलिस ने अपने बचाव में जवाबी कार्रवाई की और वो मारे गए। सोशल मीडिया पर एनकाउंटर के लिए जहां लोग एक ओर सज्जनार को हीरो बता रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। 


एनकाउंटर मैन के नाम से विख्यात वी सी सज्जनार को सख्त मिजाजी और महिला सुरक्षा को लेकर संवेदनशील होने के लिए जाना जाता है।


दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा है कि कोर्ट को रेप के दोषियों को 6 महीने के भीतर फांसी पर लटका देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो शायद देश भर की पुलिस हैदराबाद की तरह एनकाउंटर करने लग जाएगी।




स्वाति इन दिनों बलात्कारियों को 6 महीने के भीतर सजा सुनिश्चित करने सहित कई मांगों के साथ दिल्ली में अनशन पर बैठी हुई हैं। निर्भया के पिता ने हत्यारोपियों के मुठभेड़ में मार गिराए जाने को लेकर तेलांगना पुलिस की पीठ थपथपाई है। अरुण बोथरा लिखते हैं कि कानून व्यवस्था पर कुछ लोगों का यकीन इतना कमज़ोर है कि वे पुलिस को हत्या का दोषी मान लेते हैं, बिना किसी सबूत, जांच और ट्रायल के।


सोशल मीडिया पर रमेश श्रीवत्स लिखते हैं कि शायद हैदराबाद पुलिस ने क्राइम सीन को री-क्रिएट किया होगा लेकिन ऐसा करते हुए एनकाउंटर करके हैदराबाद पुलिस ने एक नया क्राइम सीन क्रिएट कर दिया है।


कवि कुमार विश्वास ने हैदराबाद पुलिस को शुक्रिया अदा करते हुए लिखा,

‘इस घटना पर नागरिकों के बीच खुशी न्यायिक व्यवस्था और राजनैतिक संकल्प शक्ति को लेकर गहरे अविश्वास की भी दुखद सूचना है। हमें इस सिस्टम के आमूल-चूल कायाकल्प के बारे में सोचना होगा।’