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शादी में दिव्यांग बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों को बनाया खास मेहमान, चारों ओर हो रही चर्चा

शादी में दिव्यांग बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों को बनाया खास मेहमान, चारों ओर हो रही चर्चा

Wednesday December 11, 2019 , 3 min Read

जबलपुर की संगम कॉलोनी में रहने वाले आसवानी परिवार की शादी में शहर के मूक-बधिर बच्चों, मंदबुद्धि बच्चों और वृद्धाआश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को खास मेहमानों के तौर पर बुलाया गया था।

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अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए लोग क्या नहीं करते हैं। कोई जेसीबी से दुल्हन लेने जाता है तो कोई हेलिकॉप्टर में दुल्हन लाता है। इन दिनों मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुई एक अनोखी शादी चर्चा में है। इसकी वजह शादी में आए बेहद खास मेहमान हैं। आप सोच रहे होंगे कि शादी में ऐसे कौनसे खास मेहमान आए होंगे!


तो जानिए...जबलपुर की संगम कॉलोनी में रहने वाले आसवानी परिवार की इस शादी में शहर के मूक-बधिर बच्चों, मंदबुद्धि बच्चों और वृद्धाआश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को खास मेहमानों के तौर पर बुलाया गया था।


जहां लोग ऐक्टर्स, नेताओं या बड़ी हस्तियों जैसे खास मेहमानों को शादी में बुलाने की सोचते हैं, वहीं आसवानी परिवार ने ऐसे लोगों को बुलाया जिन्हें भगवान ने खास बनाकर भेजा है या जो अपने आप में खास हैं। तीन दिन तक चले इस वैवाहिक कार्यक्रम की शुरुआत माता की चौकी से की गई और तीनों दिन इन खास मेहमानों की खातिरदारी की गई। सभी खास मेहमानों को परिवार वालों ने अपने हाथों से खाना खिलाया। इस नई और सराहनीय पहल का सारा प्लान दूल्हे के पिता सुरेश आसवानी ने बनाया था।





मीडिया से बात करते हुए सुरेश आसवानी ने बताया,

'दो दिन पहले शादी को लेकर मेरी अपने बड़े भाई से बात हुई। बड़े भाई ने कहा कि अपनों के लिए तो पूरी दुनिया करती आई है। क्यों ना हम ऐसे लोगों के लिए कुछ करें जिनके लिए कोई कुछ नहीं कर रहा है। बस उनकी यह बात मेरे दिल में घर कर गई और मैंने पूरा प्लान बना लिया।' वह आगे बताते हैं, 'हम शहर के सभी अनाथ आश्रमों, स्कूलों में गए और उनसे ऐसे दिव्यांगों और बुजुर्गों को शादी में भेजने का अनुरोध किया। हमने 10-12 बसें लगाईं और इनमें दिव्यांगों और बुजुर्गों को लाया गया। बाद में इन्हें वापस भी बसों से छोड़ा गया।'

शादी में आए इन मेहमानों को गिफ्ट भी दिया गया। सुरेश आसवानी के बड़े भाई ने गिफ्ट के तौर बुजुर्गों के लिए इनर (गर्म इनरवियर) और बच्चों के लिए जैकेट की व्यवस्था करवाई। अपने खास मेहमानों की खातिरदारी करके आसवानी परिवार काफी खुश है। इस शादी के बाद समाज में एक अच्छा संदेश गया।


वहीं शादी में आए सभी मेहमानों ने भी उनकी इस पहल की तारीफ की। एक मेहमान ने कहा कि मैंने अपने जीवन में किसी को ऐसे शादी करते नहीं देखा। आगे अगर सभी सक्षम लोग ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि दिव्यांगों के प्रति लोगों का नजरिया बदले।