कोरोना वायरस के बीच ड्रोन बने रखवाले, सैनीटाइजेशन के साथ दवा डिलीवरी में भी कर रहे हैं मदद
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच तमाम सेवाओं और सुविधाओं के लिए ड्रोन एक सुरक्षित विकल्प के रूप में सामने आए हैं।
![मारुत ड्रोन](https://images.yourstory.com/cs/12/511c01b01fd011ea8217c582b4ed63bb/drone2-1585807797106.png?fm=png&auto=format)
मारुत ड्रोन
देश इस समय कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच सभी से सोशल डिस्टेन्सिंग अपनाने की अपील की जा रही है, लेकिन बावजूद कुछ सेवाएँ ऐसी भी हैं जहां पर यह लागू होना मुश्किल है। सैनीटाईजेशन और डिलीवरी सेवाओं में खास कर संबन्धित कर्मियों को लोगों के पास जाना ही पड़ता है, लेकिन अब इसके लिए भी एक बेहतर विकल्प हमारे सामने आ गया है।
मानव संपर्क को कम करने के लिए इस समय ड्रोन काफी मददगार साबित हो रहे हैं। रिमोट के जरिये चलने वाली ये डिवाइस ऐसे समय में वायरस के फैलाव को रोकने में काफी कारगर हैं।
क्या काम कर रहे हैं ड्रोन?
ड्रोन इस समय बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं। किसी बड़े इलाके में दावा का छिड़काव हो या भीड़भाड़ वाले इलाके में नियंत्रण और चेतावनी जारी करना हो, ड्रोन इन सभी कामों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। कोरोना वायरस के लगातार हो रहे विस्तार के बीच अगर किसी भीड़ वाली जगह में मानव शरीर के ताप को ट्रैक कर एनलाइज़ करना हो तो उसमें भी ये ड्रोन माहिर हैं।
ये ड्रोन ऐसी आपात स्थिति में मेडिकल सप्लाई डिलीवर करने का भी काम कर रहे हैं, इसी के साथ जरूरी समय में अगर आसमान से जमीन पर नज़र रखनी हो, तो इस तरह के सर्विलान्स में भी ये ड्रोन मदद कर रहे हैं।
तेलंगाना में शुरू हुआ काम
साल 2018 में स्थापित हुई कंपनी मारुत ड्रोन शुरुआत में ड्रोन के जरिये मच्छर दवाओं का छिड़काव कर मच्छर मारने का काम करती थी, लेकिन फिलहाल कंपनी तेलंगाना सरकार के साथ मिलकर दवाओं के छिड़काव, भीड़ नियंत्रण, दवाओं की डिलीवरी और अन्य कई मसलों पर मिलकर काम कर रही है। कंपनी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के साथ भी साझेदारी की है।
तेलंगाना में जहां कोरोना वायरस के 127 मामले सामने आ चुके हैं, इस स्टार्टअप ने नगर निकायों के साथ साझेदारी कर दवाओं के छिड़कने का जिम्मा लिया है। इसी के साथ तेलंगाना के करीमनगर में पुलिस इन ड्रोन की मदद से कर्फ़्यू को भी मॉनिटर कर रही है।
![मारुत ड्रोन](https://images.yourstory.com/cs/12/511c01b01fd011ea8217c582b4ed63bb/drone11-1585807842143.png?fm=png&auto=format)
मारुत ड्रोन
बेहतर विकल्प है ड्रोन
कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ प्रेम विस्लवथ का कहना है कि अब तब तमाम सरकारें प्रभावित इलाकों को किटाणुरहित करने में जुटी हैं, ऐसे में अपनी ड्यूटी निभा रहे स्वास्थ्य कर्मी भी आसानी से इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए ड्रोन एक बेहतर विकल्प है।
गौरतलब है कि ड्रोन एक बार में 10 लीटर तक कीटाणुनाशक ले जा सकते हैं और एक दिन में लगभग 20 किमी की दूरी तय कर सकते हैं, जबकि एक इंसान एक दिन में लगभग 4-5 किमी की दूरी तय कर सकता है। इस लिहाज से भी ड्रोन सुरक्षित होने के साथ ही किफ़ायती हैं।
व्यवस्था बनाए रखने में मदद
सर्विलान्स के मामले में ये ड्रोन अच्छे परिणाम दे रहे हैं। ड्रोन में लगे कैमरों की मदद से इस लॉकडाउन के दौरान कर्फ़्यू तोड़ने वालों पर पुलिस आसानी से नज़र रख पा रही है। तेलंगाना की करीमनगर पुलिस इस समय इस तरह के 3 ड्रोन की मदद ले रही है।
पुलिस के अनुसार ड्रोन की मदद लेकर उनके लिए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पहले से आसान हो गया है। करीमनगर पुलिस ने ड्रोन पेट्रोलिंग टीम का भी गठन किया है।