2022 की दूसरी तिमाही में एडटेक फंडिंग 64 फीसदी तो टेस्ट प्रिपरेशन स्टार्टअप्स फंडिंग 99 फीसदी गिरी
साल 2022 की पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में एडटेक कंपनियों की फंडिंग में 64 फीसदी की कमी दर्ज की गई. इसका मतलब है कि साल 2022 की पहली तिमाही में 1.5 बिलियन डॉलर (1.18 खरब रुपये) की तुलना में दूसरी तिमाही में केवल 537 मिलियन डॉलर (करीब 43 अरब रुपये) की फंडिंग एडटेक कंपनियों का हासिल हो पाई.
कोविड-19 महामारी के दौरान कारोबार में भारी उछाल देखने के बाद एक बार फिर से एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (EdTech) कंपनियों का कारोबार वापस कोविड के पहले के दौर में वापस लौट रहा है. ऐसे में उनकी फंडिंग में भारी कटौती हो रही है और उन्हें बड़ी संख्या में छंटनी करनी पड़ रही है.
साल 2022 की पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में एडटेक कंपनियों की फंडिंग में 64 फीसदी की कमी दर्ज की गई. इसका मतलब है कि साल 2022 की पहली तिमाही में 1.5 बिलियन डॉलर (1.18 खरब रुपये) की तुलना में दूसरी तिमाही में केवल 537 मिलियन डॉलर (करीब 43 अरब रुपये) की फंडिंग एडटेक कंपनियों का हासिल हो पाई.
वहीं, साल 2022 की पहली छमाही में एडटेक सेक्टर्स ने 2.1 बिलियन डॉलर (1.66 खरब रुपये) की फंडिंग उठाई जबकि साल 2021 की दूसरी छमाही में 4.73 बिलियन डॉलर (3.72 खरब रुपये) की फंडिंग मिली थी.
वहीं, अगल
जैसी दिग्गज एडटेक कंपनी की 800 मिलियन डॉलर (63 अरब रुपये) की फंडिंग को छोड़ दें तो कि साल 2022 की पहली छमाही की फंडिंग 1.3 बिलियन डॉलर (1 खरब रुपये) ही रह जाती है.फंडिंग चार्ट्स के मामले में साल 2021 की पहली छमाही में 75 सौदों के साथ चौथे स्थान पर रहने वाला एडटेक सेक्टर साल 2022 की पहली छमाही में 55 सौदों के साथ 8वें स्थान पर फिसल गया. इस तरह साल 2021 की पहली छमाही में कुल फंडिंग की तुलना में 12 फीसदी हासिल करने वाला एडटेक साल 2022 की पहली छमाही में 6 फीसदी पर सिमट गया.
एडटेक सेक्टर्स में भी अगर तुलनात्मक अध्ययन करें तो सबसे अधिक प्रभावित के-2 और टेस्ट प्रिपरेशन सब-कैटेगरी हुआ. इसका कारण यह है कि मां-बाप वापस अपने बच्चों को स्कूल और ऑफलाइन कोचिंग सेंटर्स भेजने लगे.
फंडिंग के मामले में साल 2022 की पहली तिमाही की तुलना में साल 2022 की दूसरी तिमाही में टेस्ट प्रिपरेशन सब-कैटेगरी में 99 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. पहली तिमाही में जहां यह 830 मिलियन डॉलर (65 अरब रुपये) थी तो वहीं दूसरी तिमाही में घटकर 6.1 मिलियन डॉलर रह गई है. पहली तिमाही में भी 830 मिलियन डॉलर में से भी 800 मिलियन डॉलर (96 फीसदी) BYJU's को एक राउंड की फंडिंग में मिले थे.
पिछले कुछ महीनों में अनअकेडमी, वेदांतु, एरुडिटस, बायजूस की व्हाईटहैटजूनियर, फ्रंटरो, यलो क्लास, लीडो और अन्य ने बड़ी संख्या में छंटनी की है. वहीं, उदय और सुपरलर्न को अपना कारोबार भी बंद करना पड़ा है.
H1 2022 में भारतीय स्टार्टअप्स की फंडिंग में आई 41 फीसदी की कमी
साल 2021 की दूसरी छमाही में भारतीय स्टार्टअप्स को 32 बिलियन डॉलर (25 खरब रुपये) की फंडिंग मिली थी. हालांकि, साल 2022 की पहली छमाही में यह 41 फीसदी घटकर 19 बिलियन डॉलर (15 खरब रुपये)पर आ गई.
कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संकट के बाद आर्थिक संकट से घिरे भारत में स्टार्टअप सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है और साल 2022 में अब तक स्टार्टअप सेक्टर में 12000 से अधिक कर्मचारी अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं. वहीं, दुनियाभर में साल 2022 में 22000 टेक औऱ स्टार्टअप सेक्टर्स के कर्मचारी अपनी नौकरी गवां चुके हैं.