दोस्तों के ज़रिए जीवनसाथी से मिलाने के लिए भाई-बहन की इस जोड़ी ने बनाया 'मैचमेकिंग' ऐप
भारत का वेडिंग मार्केट 50 बिलियन डॉलर का है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। वेडिंग मार्केट की क़ीमत या वर्थ के मामले में भारत सिर्फ़ यूएस से पीछे है। इस इंडस्ट्री से जुड़े सेक्टरों जैसे कि लग्ज़री फ़ैशन और महंगी जूलरी आदि को भी इसका फ़ायदा मिलता है। आज हम एक ऐसे स्टार्टअप (डेटिंग ऐप) के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो आपको अपने हिसाब से जीवनसाथी चुनने में मदद करता है।
नेहा कनोडिया (36) और उनके भाई मीत कनोडिया (31) ने 2018 में बेंगलुरु से GoGaga नाम के स्टार्टअप की शुरुआत की थी। यह एक नेटवर्क बेस्ड ऐप है, जहां पर आप किसी भरोसेमंद दोस्त की मदद से अपने लिए उपयुक्त पार्टनर खोजने की कोशिश करते हैं; एक ऐसा दोस्त, जो दोनों पक्षों को जानता हो।
कंपनी की को-फ़ाउंडर नेहा मानती हैं कि मैट्रीमनी ऐप्स आमतौर पर युवाओं के माता-पिता ऑपरेट करते हैं और इसमें जात आदि के आधार पर सेगमेंट भी बंटे होते हैं, जबकि डेटिंग ऐप्स गंभीर रिश्तों को ज़्यादा तवज़्ज़ो नहीं देते और अधिक संजीदा नहीं होते। नेहा मानती हैं कि गो गागा एक तरह का रिलेशनशिप ऐप है, जो संजीदगी से अपने लिए उपयुक्त साथी खोज रहे युवाओं के लिए बना है।
नेहा तकनीकी क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं और ओरेकल, गोल्मैन सैश और सॉफ़्टवेयर एजी जैसे बड़े प्लैटफ़ॉर्म्स के साथ काम कर चुकी हैं। उन्हें इस क्षेत्र में 14 सालों का लंबा अनुभव है। वहीं कंपनी के दूसरे को-फ़ाउंडर मीत, आईआईटी दिल्ली से पढ़े हुए इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने लंदन मे इनवेस्टमेंट बैंकिंग के क्षेत्र में 6 सालों तक काम किया।
इस स्टार्टअप के आइडिया के बारे में बात करते हुए नेहा ने बताया,
"मेरा भाई मीत अपने लिए जीवनसाथी की तलाश कर रहा था और उसकी अपेक्षा थी कि उसे ऐसा पार्टनर मिले, जो उसकी तरह सोचता हो। ऐसे में मैट्रिमनी ऐप्स के कास्ट-बेस्ड फ़िल्टर्स और डेटिंग ऐप्स के डिस्टेन्स-बेस्ड सर्च के चलते विश्वास का पहलू कमज़ोर पड़ता दिखाई देता है। इस दौरान ही मेरे भाई के एक बचपन के दोस्त अमर जैन ने उनकी मुलाक़ात एक लड़की से करवाई, जो आगे चलकर मेरे भाई की पत्नी बनी। इसके बाद ही मुझे ख़्याल आया कि जैसे दो लोगों को मिलाने में किसी कॉमन फ़्रेंड की अहम भूमिका हो सकती है, वैसे डेटिंग ऐप पर भी मैचमेकर्स हो सकते हैं।"
गोगागा का दावा है कि फ़ेसबुक से मिले इनक्यूबेशन के समर्थन और 40 हज़ार डॉलर के ग्रांट की मदद के साथ-साथ ऐप पर तकनीकी सहयोग और इंसानी हस्तक्षेप की मदद से आम डेटिंग ऐप्स से संबंधित, फ़ेक प्रोफ़ाइल्स और विश्वसनीयता से जुड़ीं ऐसे ही अन्य समस्याओं को हल किया जाता है।
गोगागा ऐप यूज़र दो विकल्पों में से एक का चुनाव कर सकता है: पहला, द फ़्रेंड्स ऑफ़ फ़्रेंड्स मोड, जहां पर यूज़र अपने लिए साथी का चुनाव कर सकते हैं और दूसरा है मैचमेकिंग मोड, जहां पर आप अपने दोस्तों के लिए एक मैचमेकर की भूमिका भी निभा सकते हैं।
नेहा ने जानकारी दी,
"सभी मैचमेकर प्रोफ़ाइल्स अदृश्य या इनविज़िबल होते हैं, ताकि जो लोग पहले से किसी रिश्ते में हैं, वे अपने दोस्तों के लिए सही मैच ढूंढ सकें।"
गोगागा का टारगेट ऑडियंस ग्रुप 21 से 33 वर्ष तक की आयु का है और कंपनी जानकारी देती है कि हाल में उनके यूज़र बेस का 90 प्रतिशत हिस्सा इस आयु वर्ग से ताल्लुक रखता है।
युवाओं के बीच अपने ऐप की लोकप्रियता के संबंध में चर्चा करते हुए नेहा ने बताया,
"हमने आईआईएम बेंगलुरु में कल्चरल फ़ेस्ट के दौरान गो गागा ऐप लॉन्च किया था और वहां स्टूडेंट्स ने इस पर शानदार प्रतिक्रिया दी थी। हमें अपने पहले 100 ग्राहक या यूज़र आईआईएम बेंगलुरु से ही मिले थे।"
इसके बाद सितंबर, 2018 में फ़ेसबुक के इनक्यूबेशन प्रोग्राम एफ़बी स्टार्ट प्रोग्राम के लिए गोगागा को चुना गया। 90 के दशक से अभी तक भारत का मैचमेकिंग मार्केट अख़बारों में विज्ञापन से लेकर ऑनलाइन मैट्रिमनी ऐप्स तक का सफ़र तय कर चुका है और अभी भी यह इंडस्ट्री लगातार विकास कर रही है और इसमें तेज़ी के साथ बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
नेहा मानती हैं कि उनकी प्रतियोगिता सीधे तौर पर डेटिंग ऐप्स से सीधे तौर पर मैट्रिमनियल ऐप्स के साथ अप्रत्यक्ष रूप से है। नेहा ने अपेक्षा जताई की 2020 के अंत तक गो गा का रेवेन्यू 500,000 डॉलर तक पहुंच सकेगा और इसमें प्रॉफ़िट मार्जिन लगभग 35 प्रतिशत तक होगा।
नेहा ने बताया कि उनका ऐप एक नए कॉन्सेप्ट पर आधारित डेटिंग ऐप है और इस वजह से उपभोक्ता इसे जल्दी नहीं समझ पाते। उनका कहना है कि उनकी टीम लगातार लोगों को इस बारे में जानकारी दे रही है और रोचक तरीक़ों से गोगागा पर नेटवर्क बनाने में लोगों की मदद कर रही है।