4 साल की उम्र में खो गई थी बच्ची, आंध्र प्रदेश के इस शख्स ने फेसबुक की बदौलत 12 साल बाद परिवार से मिलाया
जब 16 वर्षीय भवानी विजयवाड़ा में वामसी कृष्णा के घर में नौकरी की तलाश में आई थीं, तो उन्होंने भवानी से उनके डॉक्यूमेंट्स मांगे, जैसा कि वह हायर करने से पहले अपने सभी कर्मचारियों से मांगते हैं। लेकिन भवानी के पास कोई डॉक्यूमेंट नहीं था। भवानी ने कृष्णा को बताया कि जब वह बच्ची थी तो खो गई थी और उसे एक महिला ने गोद लिया था। उसे इस बारे में कुछ नहीं पता था कि उसका असली परिवार कहां है।
वामसी उसकी कहानी सुनकर हिल गए। जिसके बाद उन्होंने उसके असली परिवार की खोज करने का फैसला किया। उन्होंने भवानी की डिटेल जोड़कर लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर सर्चिंग शुरू की। और ये जानने की कोशिश की कि जब वह एक बच्ची थी को गायब कैसे हुई थी।
उनके प्रयासों का नतीजा निकला कि भवानी अपने परिवार के साथ फिर से जुड़ गई। एएनआई से बात करते हुए, वामसी ने कहा,
"मैं उन लोगों के डॉक्यूमेंट्स चेक करता था जिन्हें मैं हायर करता हूं। इसलिए, मैंने लड़की से उसकी उम्र जानने के लिए दस्तावेज मांगे। उसने मुझे बताया कि उसके पास कोई दस्तावेज नहीं है, क्योंकि जब वह लापता हो गई थी तो उसे एक महिला द्वारा गोद लिया गया था। मैंने उससे पूछा कि क्या वह अपने असली माता-पिता के साथ जुड़ना चाहती है। उसने हां कहा। फिर मैंने उससे डिटेल ली और फेसबुक पर खोजना शुरू कर दिया।"
NDTV के अनुसार, वह लड़की विजयवाड़ा में 4 साल की उम्र में अपने माता-पिता से बिछड़ गई थी। इसके बाद उसे एक महिला ने गोद ले लिया और वह तबसे उस महिला के साथ विजयवाड़ा में रह रही है।
वामसी बताते हैं,
"मैंने कुछ लोगों को एक मैसेज भेजा। और एक ने मेरे मैसेज का रिप्लाई किया। मैंने उसकी जानकारी ली, और पता चला कि जो जानकारी उस लड़की ने दी थी वो उससे मैच खा रही थी।" इसके बाद मैंने उसकी सभी चीजें पूछीं, जो लड़की से मिली जानकारी से मिल रही थीं। इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल के लिए कहा फिर लड़की के परिवार ने कहा कि वह उनकी ही बेटी है।''
आखिरकार, भवानी अपने परिवार के साथ फिर से जुड़ गई। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब फेसबुक ने किसी को मिलाने में मदद है। फेसबुक ने कई उदाहरणों में, लापता लोगों को अपने परिवारों के साथ फिर से जुड़ने में मदद की है। इस साल के शुरू में, एक व्यक्ति जो 2011 से लापता था, वह फेसबुक की मदद से अपने परिवार से फिर जुड़ गया।
दरअसल उस व्यक्ति की मां को फेसबुक पर अपने बेटे की प्रोफाइल के बारे में पता चला तो उन्होंने इस बारे में साइबर क्राइम के अधिकारियों को सचेत किया। इंडिया टुडे के अनुसार, साइबर क्राइम ने आईपी एड्रेस को ट्रेस किया और लोकेशन का पता लगाया। लोकेशन उन्हें अमृतसर जिले के रानाकला गाँव, पंजाब की मिली और इस तरह से वे उसे ढूंढ़ने में कामयाब रहे।