Flex-Fuel पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च, एथेनॉल ब्लेडेंड ईंधन पर चलेगी टोयोटा की हाइब्रिड ईवी कार!
जापानी वाहन कंपनी टोयोटा की पहली गाड़ी, जो कि इलेक्ट्रिक और एथेनॉल दोनों के इस्तेमाल से चल सकती है, मंगलवार को लॉन्च किया गया. इसके लॉन्च के मौके पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडे, भूपिंदर यादव और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
यह देश का पहला फ्लेक्सी फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा. बता दें कि फ्लेक्स-फ्यूल वाहन केवल एक तरह के ईंधन पर चलने की बजाय अलग-अलग ईंधन जैसे कि पेट्रोल, इलेक्ट्रीसिटी और एथेनॉल ब्लेडेंड ईंधन पर चल सकते हैं. फिलहाल इस तरह के वाहन अमेरिका, ब्राज़ील और कनाडा में चलते हैं. यह वाहन 100 फीसदी पेट्रोल, 20-100 फीसदी ब्लेंडेड एथेनॉल और इलेक्ट्रिक पावर पर चलेगा.
फ्लेक्स फ्यूल कार का एक बड़ा लाभ ये है कि कार के मालिक इसे किसी भी समय एथेनॉल पर स्विच कर सकते हैं. पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के चलते Flex-Fuel कार के मालिकों के पास फ्यूल के ज्यादा और सस्ते विकल्प उपलब्ध होंगे. भारत में फिलहाल एथेनॉल की कीमत पेट्रोल से काफी कम है. तो जाहिर है, फ्लेक्स-कार मालिकों की जेब में अधिक पैसा बचेगा.
इसके अलावा इथेनॉल और मेथनॉल जैसे जैव ईंधन से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने से प्रदूषण में भी कमी आएगी जो भारत की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है. ऐसे में FFV-SHEV तकनीक काफी मददगार साबित हो सकती है. यह सबसे अधिक इथेनॉल इथेनॉल मिश्रण ईंधन का उपयोग से चलती है और इसमें उच्च ईंधन क्षमता भी होती है.
इस तरह तैयार किया जाता है एथेनॉल
गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन होता है. गन्ना उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है. देश में गन्ने का बड़े पैमाने पर उत्पादन होने से इथेनॉल का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सकता है. यही वजह है कि केंद्र सरकार एथनॉल पर जोर दे रही है. एक बार जब इथेनॉल से चलने वाले वाहन बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतरेंगे, तो इथेनॉल की मांग बढ़ेगी और गन्ना किसानों की आय भी बढ़ सकती है.
Edited by Prerna Bhardwaj