तेजी से बढ़ रहा अस्थायी कर्मचारियों को हायर करने का चलन, एक साल में 2.33 लाख की हायरिंग
देश में कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले उद्योग का शीर्ष निकाय इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्टाफिंग इंडस्ट्री ने 66 हजार नए फ्लेक्सी वर्कफोर्स को हायर किया है और कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद फ्लेक्सी वर्कफोर्स की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
अप्रैल से जून की तिमाही में एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में फ्लेक्सी स्टाफिंग यानि कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई. फ्लेक्सी स्टाफिंग से मतलब एक फिक्स्ड पीरियड या किसी खास प्रोजेक्ट के लिए कर्मचारियों को हायर करने से है.
देश में कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले उद्योग का शीर्ष निकाय इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्टाफिंग इंडस्ट्री ने 66 हजार नए फ्लेक्सी वर्कफोर्स को हायर किया है और कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद फ्लेक्सी वर्कफोर्स की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
फाइनेंशियल ईयर 2023 की पहली तिमाही में फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री इम्प्लॉयमेंट ग्रोथ रिपोर्ट दिखाती है कि साल दर साल स्टाफिंग इंडस्ट्री 28 फीसदी की दर से बढ़ी है. स्टाफिंग इंडस्ट्री ने जुलाई 2021 से जून 2022 तक 2.33 लाख नए फॉर्मल कॉन्ट्रैक्ट वर्कफोर्स को जोड़ा है.
फॉर्मल फ्लेक्सी/कॉन्ट्रैक्ट इम्प्लॉयमेंट ग्रोथ मुख्य तौर पर ईकॉमर्स, रिटेल, मैन्यूफैक्चरिंग, बीएफएसआई सेक्टर्स में देखा गया क्योंकि इन सेक्टर्स में अधिक मांग देखी गई.
बता दें कि, अप्रैल-जून तिमाही में जनरल स्टाफिंग की मांग करने वाले सेक्टर्स में ईकॉमर्स, रिटेल, मैन्यूफैक्चरिंग, बीएफएसआई प्रमुख थे. वहीं, कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद फाइनेंशियल ईयर 2022 की चौथी तिमाही में इंडस्ट्री के विभिन्न सेक्टर्स में डिमांड बढ़ाने में अन्य फैक्टर्स भी जिम्मेदार थे.
वैक्सीनेशनल प्रोग्राम की सफलता और कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बहुत कम प्रभाव के कारण बढ़ती खपत ने व्यापार वृद्धि की मांग को बढ़ावा दिया और इस तरह कार्यबल की मांग में बढ़ोतरी हुई. आईटी इंडस्ट्री अभी स्टाफ डिमांड को लेकर सतर्क है लेकिन फिनटेक, आईटी इन्फ्रा, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी, डेटा एनालिटिक्स आदि में बेहतर अवसर के मौके मौजूद हैं.
2021-22 में ISF ने 12.6 लाख अस्थायी कामगारों को जोड़ा था
बता दें कि, इससे पहले विभिन्न क्षेत्रों को कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले ‘स्टाफिंग’ उद्योग ने 2021-22 में 12.6 लाख अस्थायी कामगारों को जोड़ा था. इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में अस्थायी या काम के हिसाब से निश्चित अवधि के लिये नियुक्त कर्मचरियों (फ्लेक्सी स्टॉफ) की मांग 3.6 प्रतिशत बढ़ी थी.
रिपोर्ट के अनुसार, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी), ई-कॉमर्स, विनिर्माण, स्वास्थ्य, खुदरा, लॉजिस्टिक, बैंक तथा ऊर्जा क्षेत्रों में ‘फ्लेक्सी’ कर्मचारियों की मांग बढ़ी थी. इन क्षेत्रों में ज्यादातर रोजगार डिलिवरी सेवाओं में मिला. ज्यादातर कामगारों की उम्र 25 से 30 साल है और कुल कामगारों में इनकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत रही थी. आईएसएफ के अनुसार, 2021-22 में अस्थायी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी 27 प्रतिशत रही थी. इससे पिछले वित्त वर्ष में भी महिलाओं की भागीदारी इतनी ही थी.
Edited by Vishal Jaiswal