पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की कंपनी बनाएगी प्रेरक फिल्में
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल की कंपनी 'हायर ग्राउंड' अब फिल्म-सिरीज निर्माण के क्षेत्र में कदम रख चुकी है। ओबामा दंपति का कहना है कि उनका मकसद ऐसी फिल्में और सीरीज बनाना है, जो न केवल मनोरंजन करें, बल्कि लोगों के लिए प्रेरक भी हों।
आजकल चैनल फिल्में चलाने के लिए अच्छी क़ीमत चुकाते हैं, कुल लागत का पचास-साठ प्रतिशत हिस्सा निकल आता है। कई बड़े प्रोड्यूसर तो शत-प्रतिशत लागत वसूल लेते हैं, लेकिन ऐसी किस्मत सभी फिल्म निर्माताओं की नहीं होती, फिर भी लोगों में फिल्में बनाने का क्रेज है, क्योंकि उनमें अपनी बात और कहानी पर्दे पर कहने का जुनून होता है। इसी जुनून ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा को इस क्षेत्र में कुछ बड़ा कर दिखाने और उसके बहाने क्रिएटिविटी का सुख हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। अब ओबामा दंपति फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतर चुके हैं। बराक अपनी पत्नी मिशेल ओबामा के साथ मिलकर नेटफ्लिक्स से करार के साथ फिल्में, सिरीज का निर्माण करेंगे। उनका मकसद ऐसी फिल्में और सीरीज बनाना है, जो न केवल मनोरंजन करें, बल्कि लोगों के लिए प्रेरक भी हों।
बराक ओबामा ने वर्ष 2018 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी हायर ग्राउंड बनाई थी। कंपनी की ओर से उन्होंने प्रिया स्वामीनाथन और टोनिया डेविस के साथ मिलकर फिल्म और सीरीज संबंधी सात प्रोजेक्ट की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि फिल्म निर्माण कोई आसान काम नहीं है। यह काफी जोखिम भरा भी होता है। आज के वक़्त में ज़्यादातर फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं, जो कम बजट या बिना स्टार के बनती हैं। इसके कई कारण हैं। आजकल फिल्में बहुत बनती हैं और उनमें आपस में ही काफी प्रतिस्पर्धा होती है। ये बड़े बजट की फिल्मों के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं।
छोटी फिल्में रिलीज के लिए ऐसा हफ्ता ढूंढती हैं, जब कोई बड़ी फिल्म न हो। हालांकि, ऐसे हफ्ते भी बड़ी मुश्किलों से मिलते हैं और, जो भी ऐसा हफ्ता मिलता है, उसमें इतनी सारी छोटी फिल्में आ जाती हैं कि उनमें आपस में काफी प्रतिस्पर्धा हो जाती है। यह प्रतिस्पर्द्धा बॉलीवुट और हॉलीवुड, दोनो की फिल्मों में होती है। छोटे बजट या बिना स्टार वाली फिल्मों को सबसे तगड़ी टक्कर मिल रही है टेलीविजन से। सिरीज बनाने के पीछे ओबामा दंपति एक जरूरी लक्ष्य इस वजह से भी हो सकता है।
अमेरिका में फिल्म निर्माण की अपनी अलग कुछ खास बातें हैं। फिल्म निर्माण का कार्य दुनिया भर में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों की एक विशाल श्रेणी में सभी जगह घटित होता है और इसमें प्रौद्योगिकी और तकनीक की विभिन्न किस्मों का उपयोग किया जाता है। अमेरिका में फिल्म निर्माण के ताजा हालात ये हैं कि चीन उत्तरी अमेरिका और कनाडा के फिल्म बाजार को पछाड़ कर दुनिया का सब से बड़ा फिल्म बाजार बन गया है। भविष्य में निश्चित ही ओबामा की कंपनी के सामने भी यह वैश्विक चुनौती होगी। जहां तक ताज़ा चलन की बात है, आजकल ज़्यादा बिजनेस वीकएंड यानी हफ्ते के तीन दिन शुक्रवार से लेकर रविवार तक होता है और इन दिनों में टीवी पर बड़ी-बड़ी हस्तियों और बड़े-बड़े स्टारों के कार्यक्रम छाए रहते हैं।
ऐसे में दर्शक फिल्में देखने जाने की बजाय टीवी देखना ज़्यादा पसंद करते हैं। इन छोटे बजट की फिल्मों को हॉलीवुड, टीवी और बड़े बजट की फिल्मों से टक्कर मिल ही रही थी कि आईपीएल भी मैदान में आ गया। आईपीएल के समय ज़्यादातर शाम के शो प्रभावित होते हैं। इसीलिए, बड़ी फिल्में ऐसे समय में आने की हिम्मत नहीं कर पातीं। जो समय बड़ी बजट की फिल्में रिलीज के लिए बेहतर नहीं मानतीं, उसी समय छोटे बजट की फिल्में रिलीज होती हैं। निश्चित ही ओबामा प्रॉडक्शन इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए फिल्म-सिरीज निर्माण के क्षेत्र में उतरा है।
आने वाले वक़्त में ओबामा की योजना फेडरिक डगलस पर फिल्म बनाने की है। इसकी कहानी पुलित्जर अवार्ड विजेता डेविड डब्ल्यू ब्लाइट की जीवनी से ली गई है। हालांकि, कंपनी का पहला प्रोजेक्ट स्टीवन बोगनार और जूलिया रिशेर्ट की सन डांस फिल्म फेस्टिवल डॉक्यूमेंट्री अमेरिकन फैक्ट्री पर आधारित होगा। नेटफ्लिक्स और हायर ग्राउंड ने क्रिप कैंप के अधिकार भी खरीदे हैं। यह एक डॉक्यूमेंट्री है। इसे जिम ब्रेशेट औक निकोल न्यूनहम ने तैयार किया था। यह एक समर कैंप की कहानी है, जो विकलांग बच्चों पर आधारित है। ये बच्चे 1970 में न्यूयार्क में मिले थे।
ओबामा दंपति का कहना है कि हमें यह काम बेहद पसंद है। इसमें बहुत सारे अनुभवों से गुजरना होता है। बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है। सबसे अहम बात यह है कि हम उन कहानियों पर काम करेंगे, जो हमें रोजाना अपने चारों तरफ दिखाई देती हैं। यहां सभी के लिए कुछ न कुछ है। चाहे वह कोई उत्सुक बच्चा हो या फिर उसके मेच्यौर माता-पिता। हायर ग्राउंड की ताकत नई और उम्दा कहानियां हैं। इन पर काम किया जाएगा। उनका प्रयास समाज के हर पहलू को छूना होगा। चाहें वो पहलू रेस (वर्ग) से जुड़ा हो या फिर क्लास से। बात चाहें सिविल राइट्स की हो या फिर डेमोक्रेसी की। हमारा ध्येय लोगों का मनोरंजन करने के साथ उन्हें कुछ न कुछ नया बताना भी होगा।
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