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ए सीरिज फंडिंग में खाताबुक ने जीजीवी कैपिटल, डीएसटी ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल के पार्टनर्स से जुटाए 2.5 करोड़ डॉलर

मोबाइल ऐप खाताबुक छोटी कंपनियों (एसएमई) को बिजनेस ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड करने और उनकी निगरानी करने में सहायता करती है।

ए सीरिज फंडिंग में खाताबुक ने जीजीवी कैपिटल, डीएसटी ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल के पार्टनर्स से जुटाए 2.5 करोड़ डॉलर

Tuesday October 01, 2019 , 5 min Read

मोबाइल ऐप खातबुक ने ए सीरिज की फंडिंग में डीएसटी ग्लोबल, जीजीवी कैपिटल, सिकोइया कैपिटल, टेंनसेंट और अन्य के पार्टनर्स से 2.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। यह ऐप छोटी कंपनियों (एसएमई) को बिजनेस ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड करने और उनकी निगरानी करने में सहायता करती है।


इस फंडिंग राउंड में जो प्रमुख निवेशक शामिल हुए थे उनमें क्रेड के फाउंडर कुणाल शाह, स्नैपडील के को-फाउंडर कुणाल बहल, लेजीपे के हेड जितेंद्र गुप्ता और फेसबुक के पूर्व एग्जिक्यूटिव आनंद चंद्रशेखरन का नाम शामिल है। इस फंडिग के बाद खाताबुक की कुल फंडिंग बढ़कर 2.9 करोड़ डॉलर पहुंच जाएगी।




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खाताबुक टीम



खाताबुक उन 17 स्टार्टअप में से एक है, जिन्हें सिकोइया कैपिटल के सर्ज प्रोग्राम के पहले चरण में चुना गया था। सर्ज प्रोग्राम को भारत और दक्षिणी एशिया में नए स्टार्टअप को तेजी से बढ़ावा देने के इरादे से शुरु किया गया था। कॉम्बिनेटर और इंफो एज भी खाताबुक के निवेशकों में शामिल हैं।


खाताबुक के सीईओ और को-फाउंडर रवीश नारेश ने बताया,


'इस राउंड की फंडिंग से हम अपने टेक टीम को बढ़ाने, एसएमई को बिजनेस संभालने में मदद करने के लिए नए प्रॉडक्ट बनाने और सिक्योरिटी व दूसरे जरूरी ऐप्स पर फोकस करने की तैयारी कर रहे हैं।'


उन्होंने कहा कि भारत इस समय बदलाव की राह पर है। यहां नाटकीय रूप से डेटा की कीमतें घट रही हैं और लोग खासतौर से छोटे व्यापारी तेजी से स्मार्टफोंस को अपना रहे हैं।


रवीश ने बताया,


'हमने इस ट्रेंड का लाभ उठाते हुए खाताबुक के जरिए देश के दुकानदारों को डिजिटलीकरण से जोड़ने की दिशा में अहम कदम उठाया। हमारे ज्यादातर व्यापारियों के लिए यह उनके पूरे जीवन का पहला बिजनेस सॉफ्टवेयर हैं, जिसका वे इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सेक्टर को अभी तक ज्यादा भुनाया नहीं जा सका है और अपनी ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए आगे भी कई और नए इनोवेशन को विकसित करेंगे।'





इस साल के 3 अगस्त तक खाताबुक के प्लेटफॉर्म पर 3 अरब डॉलर से ज्यादा कीमत के ट्रांजैक्शन हो चुके थे। कंपनी ने बताया कि इससे प्लेटफॉर्म पर आने के कुछ ही हफ्तों के अंदर व्यापारियों का रिसीवेबल्सकम होकर आधा हो गया है।


फंडिंग के बारे में बताते हुए सिकोइया कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेंद्र सिंह ने बताया,


'भारत के लाखों एसएमई तक खाताबुक की पहुंच है। यह उनके मोबाइल फोन पर ही बिजनेस डीलिंग्स को रिकॉर्ड करने का एक सिस्टम मुहैया कराता है, जो बिजनेस लेजर जैसा है। ज्यादातर एसएमई के लिए यह पहला SaaS प्रॉडक्ट है और यह उनके लिए दूसरे मोबाइल एप्लिकेशन को इस्तेमाल करने का जरिया भी बन सकता है। उदाहरण के लिए खाताबुक पर मोबाइल पेमेंट्स काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। सर्ज प्रोग्राम में शामिल होने के बाद कंपनी ने जो शानदार ग्रोथ हासिल की है, सिकोइया इंडिया के लिए इससे खुशी की बात कुछ और नहीं हो सकती। हमारी टीम खाताबुक में अपने निवेश को बढ़ाकर दोगुना करने और रवीश और उनकी कंपनी को सहयोग मुहैया कराने को उत्साहित है।'


कंपनी का दावा है कि इसने एक साल में 50 लाख से ज्यादा व्यापारियों के 60 करोड़ से ज्यादा कार्य घंटे बचाने में मदद किया है। कंपनी ने यह भी कहा कि उसका यूपीआई आधारित पेमेंट प्लेटफॉर्म हर महीने दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है।





देश के MSME सेक्टर पर असर

ऐप ने सिर्फ 6 महीने के भीतर अपने यूजर के फंसे करीब 5 अरब डॉलर के क्रेडिट को रिकवर करने में मदद किया है। देश के एमएसएमई सेक्टर पर इस ट्रेंड का गहरा असर देखने को मिल सकता है।


जीजीवी कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर हैंस तुंग ने बताया, 'हम रवीश और खाताबुक की फाउंडिंग टीम के साथ पार्टनरशिप को लेकर काफी उत्साहित हैं। रवीश इससे पहले भी एक कंपनी के फाउंडर रह चुके हैं। ऐसे में उन्होंने एक अच्छी टीम बनाने और तेजी से ग्रोथ हासिल करने के लिए अहम एरिया की पहचान करने में अपने अनुभव और योग्यता का प्रदर्शन किया। यह किसी भी सफल बिजनेस के दो सबसे अहम घटकों में शामिल हैं। एक ग्लोबल निवेशक के तौर पर हम ऐसे फाउंडर की तलाश रहती है, जिसे स्थानीय मार्केट की समझ हो और जो मार्केट में मौजूद ग्रोथ के मौकों को तेजी से और सफलतापूर्वक भुनाने की क्षमता रखता हो। खाताबुक की टीम में हमें निश्चित तौर से यह देखने को मिलता है।'


टीम का दावा है कि वह हर हफ्ते 20 पर्सेंट की ग्रोथ हासिल कर रही है और 500 से ज्यादा तरह के बिजनेसेज में उसका इस्तेमाल किया जा रहा है। टीम अगले कुछ महीनों में एमएसएमई सेक्टर के लिए कुछ और प्रोडक्ट लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। साथ ही उसने अगले 12 महीनों में 2.5 करोड़ भारतीय व्यापारियों तक पहुंचने का भी लक्ष्य रखा है।


रवीश ने बताया,

'हम फिलहाल व्यापारियों के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं और हमारा फोकस लेजर मैनेजमेंट पर है। हालांकि हम जल्द ही बिलिंग और इनवॉइसेज के अलावाल टैक्स फाइल करने में व्यापारियों को मदद मुहैया कराने वाले प्लेटफॉर्म को भी विकसित करेंगे।'