अडानी ग्रुप का वर्ल्ड टूर: निवेशकों का विश्वास जीतने की तैयारी, लेकिन...?
शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक मैनिपुलेशन के आरोपों के नतीजों को रोकने के लिए उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) का अडानी ग्रुप (Adani Group) इस हफ्ते एशिया में फिक्स्ड-इनकम निवेशकों के साथ एक टूर शुरू कर रहा है.
लगभग एक दर्जन वैश्विक बैंक सोमवार को सिंगापुर के कैपिटल केम्पिंस्की होटल में निवेशक बैठकों की मेजबानी करने में मदद करेंगे. अरबपति गौतम अडानी द्वारा समर्थित समूह फिर मंगलवार और बुधवार को बार्कलेज पीएलसी कार्यालय में हांगकांग में बैठकें करेगा. समाचार एजेंसी ब्लुमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगशिंदर सिंह और कॉर्पोरेट वित्त प्रमुख अनुपम मिश्रा इन बैठकों की अगुवाई करेंगे.
अडानी के बंदरगाहों से सत्ता तक का साम्राज्य अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च के जनवरी में कथित आरोपों के बाद समर्थन बढ़ाने की मांग कर रहा है. इस रिपोर्ट के आने के बाद से समूह की कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है. इसने शेयर बाजार मूल्यांकन से करीब 150 अरब डॉलर का सफाया कर दिया. अडानी समूह ने बार-बार उन दावों का खंडन किया है.
समूह द्वारा जारी किए गए बॉन्ड भी गिर गए, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के 2029 नोटों की कीमत 2 फरवरी को डॉलर पर 72 सेंट के निचले स्तर तक गिर गई और हाल ही में लगभग 78 सेंट तक रिकवर हो गई. समूह की कई फर्मों को अगले वर्ष के अंत तक डॉलर ऋण चुकौती का सामना करना पड़ेगा.
ब्लूमबर्ग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में कम से कम 200 वित्तीय संस्थान - जिनमें दुनिया के सबसे बड़े संपत्ति प्रबंधक, ब्लैकरॉक इंक जैसे लोग शामिल हैं - का अडानी समूह के 8 बिलियन डॉलर के बॉन्ड में निवेश है.
समूह ने 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से कई मौकों पर निश्चित-आय वाले निवेशकों के साथ कॉल की है. प्रतिभागियों के अनुसार, कुछ दिनों बाद नोटधारकों के साथ एक कॉल में अधिकारियों ने प्रकाशन को "फर्जी" करार दिया.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से सिर्फ गौतम अडानी को ही नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि बहुत सारे लोगों और कंपनियों समेत निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है. शेयर बाजारों को भी भारी नुकसान हुआ है. अडानी ग्रुप की 5 कंपनियों में एलआईसी ने बड़ा निवेश किया हुआ है, लेकिन शेयरों में भारी गिरावट की वजह से कंपनी को नुकसान झेलना पड़ रहा है. अडानी ग्रुप ने सबसे ज्यादा लोन भारतीय स्टेट बैंक से लिया है. ऐसे में लोगों को डर है कि अडानी ग्रुप ये कर्ज नहीं चुका पाएगा, जिससे भारतीय स्टेट बैंक का लोन डूब सकता है. यही वजह है कि भारतीय स्टेट बैंक के निवेशकों ने शेयर बेचकर इससे निकलना शुरू कर दिया है.