Gautam Adani नहीं रहे दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स, दो दिन में 10 अरब डॉलर गंवाए, जानिए क्यों हुआ ऐसा
शेयर बाजार की गिरावट में दुनिया के तमाम अरबपतियों को भारी नुकसान हुआ है. दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी को भी 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. अब वह तीसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं.
शेयर बाजार (Share Market) में भारी गिरावट से दुनिया भर में खलबली मची हुई है. इससे छोटे-मोटे निवेशक तो चिंता में हैं ही, गौतम अडानी (Gautam Adani) और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) जैसे दिग्गज अरबपतियों की हालत भी खराब हो गई है. यहां तक कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) की दौलत पर भी शेयर बाजार (Stock Market) की गिरावट का भारी असर पड़ा है. दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स (World's Second Richest Person) बन चुके गौतम अडानी फोर्ब्स की लिस्ट में फिसलकर तीसरे नंबर पर आ गए हैं.
पहले जानिए क्या है शेयर बाजार का हाल
आज यानी 26 सितंबर को सेंसेक्स करीब 953 अंक गिरकर 57,145 अंकों बंद हुआ है. वहीं दूसरी ओर निफ्टी 311 अंक गिरकर 17,016 अंकों के स्तर पर बंद हुआ. पिछले हफ्ते शुक्रवार को सेंसेक्स करीब 1020 अंक गिरा था. उससे पहले भी सेंसेक्स में 337 अंक और 263 अंक की गिरावट देखने को मिली थी. यानी पिछले 4 सत्रों में सेंसेक्स 2,500 अंक से भी अधिक गिर चुका है.
बाजार की गिरावट से अडानी को कितना नुकसान?
अगर सिर्फ आज यानी 26 सितंबर की बात करें तो शेयर बाजार में गिरावट की वजह से गौतम अडानी को करीब 6.4 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. इस भारी नुकसान की वजह से उनकी दौलत घटकर 143.1 अरब डॉलर रह गई है. इसकी वजह से वह फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में खिसक कर तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. इससे पहले शुक्रवार की गिरावट में गौतम अडानी को करीब 3.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. इस तरह देखा जाए तो सिर्फ दो दिनों में ही गौतम अडानी की दौलत 10 अरब डॉलर यानी करीब 81,590 करोड़ रुपये घट गई है.
अंबानी समेत बाकी अरबपतियों का क्या है हाल?
शेयर बाजार की गिरावट में मुकेश अंबानी को भी भारी नुकसान हुआ है. उनकी दौलत 2.2 अरब डॉलर घटकर 85.6 अरब डॉलर रह गई है. शुक्रवार की गिरावट में भी मुकेश अंबानी को करीब 1.77 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. शुक्रवार की गिरावट में एलन मस्क को करीब 9 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था, जबकि आज उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है. शुक्रवार की गिरावट में जेफ बेजोस को भी करीब 3.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था.
नैसडैक में आ चुकी है 31 फीसदी की गिरावट, अभी और गिरेगा
अमेरिका के शेयर बाजारों की चाल का भारत के शेयर बाजार पर बहुत अधिक असर पड़ता है. अगर बात Nasdaq 100 की करें तो सिर्फ इसी साल में यह करीब 31 फीसदी तक टूट चुका है. आने वाले दिनों में इसके और 10 फीसदी तक गिरने का अनुमान जताया जा रहा है.
किन वजहों से लगातार गिर रहा है शेयर बाजार?
शेयर बाजार में गिरावट की कई वजहें हैं. इसमें गिरावट की सबसे बड़ी वजह है ग्लोबल मार्केट, वहां गिरावट की वजह से भारत में भी गिरावट देखी जा रही है.
1- फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई दरें: शेयर बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी. महंगाई को काबू में करने के लिए अमेरिका के पास ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाली दो पॉलिसी मीटिंग में फेडरल रिजर्व 1.25 फीसदी तक की और बढ़ोतरी कर सकता है. इस चिंता से निवेशक घबराए हुए हैं.
2- रिजर्व बैंक बढ़ा सकता है दरें: जब से फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला सामने आया है, तब से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब भारतीय रिजर्व बैंक भी ब्याज दरें बढ़ा सकता है. उम्मीद की जा रही है इस बार भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है. दरें बढ़ाए जाने से आम आदमी की ईएमआई महंगी हो जाती है.
3- रुपये पर दबाव: फेडरल रिजर्व के फैसले से रुपया दबाव में है. विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर के लगातार मजबूत बने रहने और निवेशकों के बीच जोखिम से दूर रहने की प्रवृत्ति हावी रहने से शुक्रवार को रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपये प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ. आज यानी 26 सितंबर को रुपये ने 81.62 रुपये का नया ऑल टाइम लो का लेवल छू लिया है.
4- एफआईआई की बिकवाली: फेडरल रिजर्व की तरफ से दरें बढ़ाने के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकालेंगे और अमेरिका में निवेश कर सकते हैं. पिछले महीने विदेशी निवेशकों ने करीब 51 हजार करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. इस महीने अब तक वह करीब 10,865 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. सिर्फ गुरुवार को ही एफआईआई ने करीब 2500 करोड़ के शेयर बेचे हैं. अगले दिन शुक्रवार को भी एफआईआई ने करीब 2900 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
5- ग्लोबल मार्केट की कमजोरी: अगर ग्लोबल मार्केट में कमजोरी आती है, तो उसका सीधा असर भारत के शेयर बाजार पर पड़ता है. डाऊ जोन्स में 0.4 फीसदी और नैसडैक में 1.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. नैसडैक में इस साल 31 फीसदी की गिरावट आ चुकी है और अभी इसमें 10 फीसदी और गिरावट का अनुमान है. वहीं एशिया के बाजार लगातार चौथे दिन दबाव में हैं. ऐसे में भारत के शेयर बाजार में कोहराम तो मचना ही था.
6- मंदी का डर: इस वक्त पूरी दुनिया मंदी के डर से जूझ रही है. सबसे ज्यादा चिंता में अमेरिका है, जहां एक मामूली सी हलचल से भी दुनिया भर के बाजार कांप उठते हैं. अर्थशास्त्री Nouriel Roubini ने 2008 की मंदी का अनुमान पहले ही लगा लिया था. एक बार फिर उन्होंने कहा है कि अमेरिका और बाकी दुनिया एक बार फिर भारी मंदी झेल सकती है. अनुमान है कि S&P 500 में 30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. हालात बद से बदतर भी हो सकते हैं और ये गिरावट 40 फीसदी तक पहुंच सकती है.