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Google पर दो देशों की अदालतों में 25.4 बिलियन डॉलर का मुकदमा दायर, लेकिन क्यों?

Google पर दो देशों की अदालतों में 25.4 बिलियन डॉलर का मुकदमा दायर, लेकिन क्यों?

Tuesday September 13, 2022 , 3 min Read

इसी साल, जून महीने में टेक जगत की दिग्गज कंपनी Google ने लैंगिक भेदभाव और समान वेतन पर लंबे समय से चल रहे मुकदमे को निपटाने के लिए सहमति व्यक्त की थी. मुकदमे का निपटारा करने के लिए 118 मिलियन डॉलर यानि करीब 900 करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमति जताई थी. यह राशि 14 सितंबर, 2013 से लेकर मुकदमे का फैसला आने, तक गूगल में काम कर चुकी 15500 महिलाओं को मिलेगी.

लेकिन अब एक बार फिर गूगल की समस्याएं बढ़ती नज़र आ रही है. हाल ही में ब्रिटिश और डच अदालतों में एक कानूनी फर्म ने गूगल पर एडटेक (Adtech) प्रैक्टिस के चलते दो मुकद्दमें दायर किए है. कानूनी फर्म ने यह केस यूरोपियन यूनियन और यूके पब्लिशर्स की ओर से दायर किए हैं. इसके चलते गूगल को 25.4 बिलियन डॉलर तक के नुकसान के दावों का सामना करना पड़ रहा है.

इस मामले में गेराडिन पार्टनर के डेमियन गेराडिन ने कहा है कि यह समय है कि Google अपनी जिम्मेदारियों को समझे और इस महत्वपूर्ण उद्योग को हुए नुकसान का भुगतान करे. यूरोपियन यूनियन और यूके पब्लिशर्स को मुआवजा दिलाने के लिए हमने दो न्यायालयों में केस दर्ज किए हैं.

पब्लिशर्स की शिकायतों के बाद गूगल ने हाल ही में एडटेक एंटीट्रस्ट रेगूलेटर्स जांच की है. फिलहाल गूगल ने मामले कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. मामले में ब्रिटिश पब्लिशर्स का दावा है वह अपील ट्रिब्यूनल में न्यूज पब्लिशर्स की वेबसाइटों और ऑनलाइन विज्ञापन द्वारा आने वाले रेवन्यू के खो जाने के खिलाफ मुआवजे की मांग करेगा.

फ्रांसीसी कॉम्पीटिशन वॉचडॉग ने पिछले साल कंपनी पर 220 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया था, जबकि यूरोपियन यूनियन और उसके यूके के सहकर्मी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या Google का एडटेक इसे कॉम्पीटिशन और विज्ञापनदाताओं में लाभ पहुंचाता है.

इससे पहले गूगल के खिलाफ ऐप डेवलपर्स द्वारा सैन फ्रांसिस्को की संघीय अदालत में केस दायर किया गया था. इस मुकदमे को निपटाने के लिए 90 मिलियन डॉलर (लगभग 711 करोड़ रुपये) का भुगतान करना था. उस समय ऐप डेवलपर्स ने Google पर स्मार्टफोन निर्माताओं के साथ एग्रीमेंट, टेक्निकल बैरियर और रेवन्यू शेयरिंग करने का आरोप लगाया था, ताकि ऐप इको सिस्टम को बंद किया जा सके और अपने Google Play बिलिंग सिस्टम के माध्यम से ज्यादातर भुगतानों को 30 फीसदी डिफ़ॉल्ट सर्विस टेक्स के साथ अलग किया जा सके.

इसके साथ ही आपको बता दें कि अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc), जोकि गूगल की पैरेंट कंपनी है, पिक्सेल फोन (Google Pixel) के कुछ उत्पादन को भारत में शिफ्ट करने पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि Alphabet ने भारत में मैन्युफैक्चरर्स से 5-10 लाख पिक्सेल स्मार्टफोन बनाने के लिए बोलियां मांगी हैं. यह डिवाइस के अनुमानित वार्षिक उत्पादन के 10 से 20 प्रतिशत के बराबर है.