प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना: अब दिसंबर तक मिलेगा 5 किलो अतिरिक्त फ्री राशन
इस स्कीम को ऐसे समय में आगे बढ़ाया गया है जब अक्टूबर से देशभर में त्यौहारों का मौसम शुरू होने जा रहा है. ये त्यौहार देश की आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में भी काफी मददगार होते हैं.
केंद्र सरकार देश की अधिकांश आबादी को कवर करने वाले अपने मुफ्त खाद्यान्न स्कीम (Free Food Grains Program) को तीन महीने तक बढ़ा दिया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी है. इस स्कीम पर सालाना 18 बिलियन डॉलर (करीब 15 खरब रुपये) से अधिक का खर्च आता है.
ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) का कार्यकाल दिसंबर 2022 तक बढ़ाया जा रहा है. अगले तीन महीनों में इस योजना के तहत करीब 44,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे गरीबों के चेहरे पर मुस्कान आएगी.
इस स्कीम को ऐसे समय में आगे बढ़ाया गया है जब अक्टूबर से देशभर में त्यौहारों का मौसम शुरू होने जा रहा है. ये त्यौहार देश की आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में भी काफी मददगार होते हैं. वहीं, अगले कुछ महीनों में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात और साथ ही हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं.
वित्त मंत्रालय आगे बढ़ाने के खिलाफ था
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, योजना के विस्तार से राष्ट्रीय खजाने पर 45,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ने की संभावना है. इससे पहले ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि वित्त मंत्रालय की आपत्ति के बाद भी खाद्य मंत्रालय इस स्कीम को आगे बढ़ाने की मांग पर जोर दे रहा था.
सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त वित्तीय देनदारी को देखते हुए मंत्रालय ने सिफारिश की थी कि योजना के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले खाद्यान्न की मात्रा को कम किया जाए, लेकिन सरकार इस योजना को अपने मौजूदा स्वरूप में जारी रख सकती है. पिछले दो वर्षों में इस योजना के तहत लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए.
क्या है मुफ्त खाद्यान्न स्कीम?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना मार्च, 2020 में शुरू की गई थी. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) में शामिल लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जा रहा है.
इससे गरीब परिवारों को कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान काफी मदद मिली थी. यह एनएफएसए के तहत सामान्य आवंटन से अधिक है.
कितना मिलता है राशन
इस स्कीम में जो अतिरिक्त मुफ्त 5 किलो अनाज घोषित हुआ है, वह राशन कार्ड पर हर माह मिलने वाले राशन के अलावा है. इसे एक उदाहरण से समझें. अगर किसी परिवार के राशनकार्ड में 4 सदस्य हैं और अभी उस पर प्रति सदस्य 5 किलो राशन (चावल/गेहूं) मिलता है तो उस राशन कार्ड पर एक माह में कुल मिलने वाला राशन 20 किलो हुआ.
स्कीम की समयसीमा कई बार बढ़ा चुकी है सरकार
इस योजना को कई बार बढ़ाया जा चुका है और अब यह 30 सितंबर तक वैध है. सरकार ने मार्च में पीएमजीकेएवाई योजना को और छह महीने यानी सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया था. सरकार ने इस योजना पर मार्च तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और सितंबर, 2022 तक 80,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे. इससे पीएमजीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. इस योजना में लगभग 80 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं.
Edited by Vishal Jaiswal