Amazon और Byju's को सरकार ने लगाई लताड़, ग्राहकों के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप
Amazon का एल्गोरिदम उसके प्राइवेट लेबल्स और जिन कंपनियों में उसने इंवेस्ट किया है, उनको प्राथमिकता देता है. वहीं, BYJU's को उन विज्ञापनों को रोकने के लिए कहा गया है कि जो कि ग्राहकों को गुमराह करके उसके कारोबार को बढ़ाने में मदद करते हैं.
ग्राहकों के हितों के खिलाफ वाली गतिविधियों को लेकर केंद्र सरकार ने दिग्गज अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन
और भारतीय एडटेक कंपनी बायजू को लताड़ लगाई है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.अमेजन का एल्गोरिदम उसके प्राइवेट लेबल्स और जिन कंपनियों में उसने इंवेस्ट किया है, उनको प्राथमिकता देता है. वहीं, बायजूस को उन विज्ञापनों को रोकने के लिए कहा गया है कि जो कि ग्राहकों को गुमराह करके उसके कारोबार को बढ़ाने में मदद करते हैं.
Amazon को एल्गोरिदम पारदर्शी बनाने का सुझाव
एक इंडस्ट्री सेमिनार उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने कहा, 'हमने अमेजन से कहा है कि आपका एल्गोरिदम और जिस तरह से आप लोगों को नतीजे दिखाते हैं, वह पारदर्शी होना चाहिए. आपके पास अपना लेबल नहीं हो सकता है और केवल वही कंपनियां सर्च रिजल्ट में टॉप पर नहीं हो सकती हैं, जिनमें आपने इंवेस्ट किया हो. यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि बिक्रेता और ग्राहक के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है.'
सिंह ने आगे कहा, 'ऐसा कैसे हो सकता है कि जब मैं जूते के लिए Google पर सर्च करता हूं, तो मेरे Facebook फ़ीड पर अगली चीज़ जूते का विज्ञापन होता है? उसके लिए कौन जिम्मेदार है? मुझे पता है कि यह विक्रेताओं के लिए अच्छा है, लेकिन एक उपभोक्ता के रूप में यह बहुत दर्दनाक है और मेरे अधिकारों को चोट पहुंचाता है कि मेरे बारे में जानकारी, मेरी पसंद मेरी सहमति के बिना साझा की जा रही है.'
BYJU's को भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने का सुझाव
वहीं, सिंह ने बायजूस को लेकर कहा, 'हमने सभी एडटेक कंपनियों को बुलाकर कहा कि छात्रों के ऊपर दबाव न डालें. क्या शाहरुख खान को एक मां को यह बताते हुए नहीं दिखाया गया कि एक ट्यूटर से अच्छे दो ट्यूटर होते हैं और एक के दाम में दो ट्यूटर पाएं.'
दरअसल, BYJU’s लंबे समय से अपने आक्रामक सेल्स तरीके और कोर्सेज की मिससेलिंग को लेकर पैरेंट्स की शिकायतों और नाराजगी को झेल रहा है. हाल में, राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग (NCPCR) ने भी उसे चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया था.
हालांकि, पिछले महीने जनवरी में BYJU’s ने इसे एक बड़ी समस्या मानते हुए अपने सेल्स तरीके में बदलाव करने की बात कही थी. BYJU’s ने कहा था कि वह कोर्सेज बेचने के लिए ग्राहकों की सहमति की पुष्टि करने के लिए एक नई प्रक्रिया अपनाएगी.
15 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स वाले BYJU’s ने कहा था कि उसकी नई सेल्स प्रक्रिया चार चरणों की है और टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इस प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी अब रिमोट सेल्स के जरिए काम करेगी और उसके लिए एक सेंट्रलाइज ऑडिट प्रॉसेस होगा. हालांकि, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सेक्रेटरी की हालिया टिप्पणी से ऐसा लगता है कि समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ है.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
बता दें कि, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत विभाग के पास भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है. ग्राहकों के पास भी अनुचित व्यापार प्रथाओं, प्रतिबंधित व्यापार प्रथाओं और ग्राहकों के शोषण के खिलाफ समाधान मांगने का अधिकार है. केंद्रीय उपभोक्ता कंज्यूमर संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के पास ग्राहकों की शिकायतों पर कार्रवाई करने का अधिकार है. इसके साथ ही वह खुद से भी मामले को उठा सकता है.
Edited by Vishal Jaiswal