2027 तक भारत में बनने लगेंगे Apple के 50 फीसदी आईफोन
डिजिटाइम्स रिसर्च एनालिस्ट्स ल्यूक लिन के अनुमान के मुताबिक चीन में प्रोड्यूस होने वाले एपल आईफोन की संख्या में भारी कमी आई है. इसके सबसे ज्यादा फायदा इंडिया और वियतनाम को मिलने वाला है.
2027 तक आते-आते Apple के 40-50 पर्सेंट आईफोन का उत्पादन भारत (Apple iPhone production in India) में होने लगेगा. यह आंकड़ा 2022 के दौरान चीन में प्रोड्यूस हुए 80-85 फीसदी आईफोन की संख्या के बराबर है. एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
डिजिटाइम्स रिसर्च एनालिस्ट्स ल्यूक लिन के अनुमान के मुताबिक चीन में प्रोड्यूस होने वाले एपल आईफोन की संख्या में भारी कमी आई है. इसके सबसे ज्यादा फायदा इंडिया और वियतनाम को मिलने वाला है.
लिन ने बताया कि 2022 के आखिर में आईफोन के ओवरऑल प्रोडक्शन में इंडिया की हिस्सेदारी 10 से 25 पर्सेंट थी. मगर तुलना की जाए तो एपल प्रोडक्शन में सिर्फ 5 फीसदी का ही इजाफा हुआ है.
लिन ने कहा, हालांकि आने वाले समय में एपल आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का सप्लाई चेन और तेजी से भारत में शिफ्ट होगा क्योंकि चीन में महामारी के नियंत्रण के संबंध में मौजूद अनिश्चितता का कंपनी के लिए चिंताजनक बनी हुई है.
एपल ने इस स्थिति को देखते हुए आईफोन का प्रोडक्शन इंडिया में और आईपैड और मैकबुक का प्रोडक्शन वियतनाम में शिफ्ट करने में तेजी लाई है.
लिन ने कहा, कुछ एपल वॉच की असेंबलिंग भी चीन के बाहर की जाएगी. रिपोर्ट मे कहा गया कि भारत में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए तमाम पॉलिसी लाई गई हैं. एपल इसका फायदा उठाने के लिए इंडिया में धीरे धीरे अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा रही है.
लिन के मुताबिक, एपल का मानना है कि इस प्लान से उसे लोकल कंज्यूमर्स के साथ अपनी ब्रैंड को जोड़ने में मदद मिलेगी और अपना मार्केट शेयर भी बढ़ा पाएगा. इसके अलावा रिपोर्ट बताती है कि सैमसंग में ने भी अपना फोन प्रोडक्शन क्षमता चीन के बाहर शिफ्ट किया है. उसके ज्यादातर फोन 2019 से वियतनाम में हो रहे हैं.
वियतनाम के अलावा इंडोनेशिया और साउथ कोरिया में भी सैमसंग के असेंबली प्लांट्स हैं. लिन ने इस ओर भी इशारा किया कि सैमसंग भी धीरे-धीरे इंडिया में आउटपुट बढ़ाने पर काम कर रही है ताकि लोकल मार्केट के बीच अपनी पहुंच बढ़ा सके.
इधर सरकार ने एपल के कई चीनी सप्लायर्स को शुरुआती क्लीयरेंस दे दी है. इस मंजूरी के बाद ये सप्लायर्स भारतीय कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर में फैसिलिटी सेंटर बना सकेंगी.
सरकार के पास 17 चीनी सप्लायर्स ने आवदेन दिया था जिसमें से 14 के आवेदन को मंजूरी मिली है इस मामले में जुड़े अधिकारियों ने ये जानकारी दी.
सरकार से मंजूरी मिलने वाली चीनी सप्लायर्स को इस लिस्ट में लक्सशेयर, सन्नी ऑप्टिक, हैन्स लेजर टेक्नोलॉजी, यूटो पैकेजिंग टेक्नोलॉजी, स्ट्रॉन्ग, सैलकॉम्प और बोसन जैसी कंपनियों का नाम है. ये कंपनियां एपल के अलावा अन्य स्मार्टपोन और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रैंड को भी सप्लाई करती हैं.
Edited by Upasana