मेहनत से हासिल किया मुकाम: मिलें पंजाब क्रिकेट टीम की कप्तान परवीन खान से
भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह ही लोकप्रियता हासिल है। यहां क्रिकेटरों को किसी हीरो से कम नहीं समझा जाता। लेकिन ये लोकप्रियता सिर्फ पुरुष क्रिकेटरों को मिलती है। एक तरफ जहां पुरुष क्रिकेट टीम के एक एक खिलाड़ी का नाम लोगों की जुबां पर होता है तो वहीं दूसरी ओर महिला क्रिकेटरों को शायद ही कोई जानता हो। हम आपको एक ऐसी महिला क्रिकेटर से मिलवाने जा रहे हैं जो क्रिकेट में अपना मुकाम बना रही है।
हम बात कर रहे हैं पंजाब की कप्तान परवीन खान की। पंजाब के मोगा जिले की रहने वाली परवीन खान इन दिनों पंजाब स्टेट क्रिकेट टीम की कप्तान हैं। उन्होंने गली मोहल्ले में क्रिकेट खेलते हुए आज जो मुकाम हासिल किया है वो काबिले तारीफ है। वे कहती हैं, 'मैं अपने दोस्तों के साथ सोसाइटी में ही क्रिकेट खेला करती थी। मुझे हमेशा से क्रिकेट खेलने का शौक था। मुझे लगता है कि ये ऐसा खेल है जिसे हर कोई प्यार करता है।'
परवीन खुशनसीब थीं कि उनके माता-पिता को कभी उनके इस शौक से दिक्कत नहीं हुई। वे कहती हैं, 'मुझे मेरे पैरेंट्स का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने हमेशा मेरे खेल और क्रिकेट के लिए मेरे प्यार को समझा। उन्होंने मुझे मनचाहे फील्ड में करियर बनाने की आजादी दी। हालांकि समाज के बाकी लोगों की मानसिकता थोड़ी अलग थी। वे मुझे और मेरे क्रिकेट को लेकर प्रेम को अलग नजरिए से देखते थे।' वे बताती हैं कि जब वे लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने जाती थीं तो लोग उनके पापा के पास आकर उनकी शिकायत करते थे।
वे कहती हैं, 'लेकिन मेरे पिता ऐसे लोगों को सीधे कह देते थे कि वह मेरी बेटी और वो जो करना चाहती है उसे करने दिया जाए।' भारतीय टीम में ऑलराउंडर की भूमिका निभा रहीं हरमनप्रीत कौर परवीन की बचपन की दोस्त रही हैं। दोनों ने साथ में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। परवीन हरमनप्रीत को अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं।
एक समय था जब पंजाब जीत के लिए तरसता रहता था, लेकिन परवीन के कप्तान बनने के बाद डोमेस्टिक टूर्नामेंट ने पंजाब ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। हाल ही में 2018-19 सत्र के सीनियर वूमन टूर्नामेंट का फाइनल मैच जीता है। अब परवीन की निगाहें देश के लिए खेलने पर हैं। उनकी ख्वाहिश है कि वे ऑस्ट्रेलिया की टीम के खिलाफ अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेलें।
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