स्वास्थ्य मंत्री के रूप में पदभार संभालने के लिए साइकिल से गए डॉक्टर हर्षवर्धन
डॉक्टर हर्षवर्धन ने सोमवार को निर्माण भवन में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में पदभार संभाला। वे साइकिल चलाकर निर्माण भवन तक गए और अपने इस कार्य को आज का एक अच्छा हरित कार्य बताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश की जनता को स्वस्थ रखना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रोत्साहक और निवारक रणनीतियों को मजबूत बनाने पर ध्यान देगी, ताकि लोग सकारात्मक और स्वस्थ जीवन शैली अपना कर स्वस्थ रहें।
आयुष्मान भारत के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की मौजूदा सूची से बाहर रहे उन गरीब और वंचित व्यक्तियों को शामिल करने के लिए इस योजना के पात्रता मानदण्ड का विस्तार करने के बारे में विचार करेंगे।
उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। सरकार आयुष्मान भारत की आम आदमी तक पहुंच आसान बनाएगी। हम आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई और स्वास्थ्य तथा देखभाल केन्द्रों (एचडब्लयूसी) को जन आंदोलन बनाएंगे। ऐसे 18,000 से अधिक एचडब्ल्यूसी कार्यरत हैं। सरकार सेवा विस्तार के साथ इस कार्यक्रम को अगले स्तर तक ले जाएगी। इसके अलावा दवाइयों और नैदानिकी केन्द्रों तथा टेली-मेडिसन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के लक्ष्य को पूरा करने की क्षमता और सामर्थ्य मौजूद है। डॉ. हर्षवर्धन ने 2025 तक भारत से टीबी की बीमारी का उन्मूलन करने पर जोर देते हुए कहा कि सरकार कुष्ठ और काला अजार बीमारियों का उन्मूलन करने के लिए ठोस और समयबद्ध कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा उपकरणों के लिए एक अलग नीति तैयार करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार एमसीआई के पुनर्गठन जैसे लंबित बिलों को दुरूस्त करके चिकित्सा शिक्षा सुधारों को मजबूत करेगी। “सरकार पूर्ण टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करने और सभी बच्चों तथा गर्भवाती महिलाओं की रक्षा के लिए यूआईपी के हिस्से के रूप में मिशन इंद्रधुनष का उपयोग करेगी। उन्होंने कहा कि 2022 तक बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाकर उनकी अनेक बीमारियों से रोकथाम की जाएगी।
साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग को शामिल कर साझा कार्य समूह बनाने का सुझाव दिया, ताकि दोनों मंत्रालय के संसाधनों और सामर्थ्य का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि उन नीतियों की फिर से समीक्षा करने की तत्काल आवश्यकता है जो कई साल पहले बनाई गई थीं और वर्तमान समय के साथ उनमें बदलाव करने की जरूरत है।