हिंडनबर्ग का बड़ा डैमेज, अडानी ग्रुप ने बंद किया ये बिजनेस, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ सस्पेंड
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक गौतम अडानी नुकसान पर नुकसान झेल रहे हैं. पहले एफपीओ को सस्पेंड करना पड़ा, वहीं अब पेट्रोकैमिकल बिजनेस की बंद करना पड़ गया. जानिए अब तक क्या-क्या हुआ सस्पेंड.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) के आने के बाद से अब तक गौतम अडानी (Gautam Adani) लगातार परेशानियां ही झेल रहे हैं. इस रिपोर्ट के आने से पहले तक गौतम अडानी तेजी से विस्तार करने में लगे हुए थे. आए दिन कोई ना कोई बिजनेस (Business) खरीद लेते थे और हर ओर उनकी चर्चा होती थी. अब भी वह आए दिन चर्चा में रहते हैं, लेकिन बिजनेस बढ़ाने नहीं, बल्कि तेजी से घटाते रहने के लिए. वह बिजनेस एक्सपेंशन के प्लान को पहले ही टाल चुके हैं और अब वह कई प्रोजेक्ट भी बंद करते जा रहे हैं. आइए जानते हैं हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक गौतम अडानी किन-किन प्रोडेक्ट या बिजनेस को बंद कर चुके हैं.
पेट्रोकैमिकल प्रोजेक्ट किया बंद
ताजा मामला गुजरात के मुद्रा में 34,500 करोड़ रुपये के पेट्रोकैमिकल प्रोजेक्ट को बंद किए जाने का है. अब अडानी ग्रुप का प्लान अपने ऑपरेशन को कंसलिडेट करने और निवेशकों की चिंता को दूर करने का है. निवेशकों के मन में अभी अडानी ग्रुप के ऊपर जो भारी-भरकम कर्ज है, उसकी चिंता है. अडानी एंटरप्राइजेज ने 2021 में सब्सिडियरी मुंद्रा पेट्रोकैम की शुरुआत की थी. इसके तहत अडानी पोर्ट्स की जमीन पर कोयलले से पीवीसी बनाने का प्लांट लगना था, जो गुजरात के कच्छ में लगाए जाने की योजना थी. अब अडानी ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी वेंडर्स और सप्लायर्स को एक ईमेल भेजकर तुरंत काम बंद करने के लिए कहा है.
डीबी पावर खरीदने की डील छोड़ी
पिछले ही साल अडानी पावर ने एक बड़ी डील की थी, जिसके तहत वह डीबी पावर को खरीदने वाली थी. 15 फरवरी 2023 डीबी पावर के अधिग्रहण को पूरा करने की तारीख थी, लेकिन कंपनी अपनी इस डील से पीछे हट गई है. ये डील करीब 7017 करोड़ रुपये में हुई थी. सीसीआई ने इस अधिग्रहण को पिछले साल 29 सितंबर को ही 2022 को ही मंजूरी दे दी थी.
एफपीओ भी करना पड़ा था रद्द
हिंडनबर्ग रिपोर्ट का सबसे बुरा असर तो अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ पर देखने को मिला. 27 जनवरी को अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ खुला था, जो 31 जनवरी को बंद हुआ. इसके खुलने के बस 2 दिन पहले ही हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आई, जिसने गौतम अडानी पर फ्रॉड के गंभीर आरोप लगाए. नतीजा ये हुआ कि उनकी कंपनी के तमाम शेयर बुरी तरह गिरे. यह एफपीओ 1.02 गुना तक सब्सक्राइब हो गया. अगले ही दिन अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कंपनी के बोर्ड के साथ मीटिंग में ये फैसला किया कि एफपीओ को वापस लिया जाए. उनका तर्क था कि अगर इसे जारी रखते हैं तो निवेशकों को नुकसान हो सकता है, ऐसे में उसे नैतिकता के आधार पर वापस ले लिया.
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद तो कहा था कि वह बिजनेस के विस्तार की योजना से पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन बाद में हटना मजबूरी हो गया. दरअसल, उसस रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी की कंपनियों का मार्केट कैप दो-तिहाई तक गिर गया. अभी गौतम अडानी की दौलत करीब 47.1 अरब डॉलर है और वह फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में 24वें नंबर पर हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के एक दिन पहले तक वह दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स थे.