अडानी की नेटवर्थ हुई एक तिहाई, SBI-LIC को भारी नुकसान, जानिए महीने भर में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट क्या-क्या ले डूबी!
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने ना सिर्फ गौतम अडानी को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि बहुत सारे लोग इससे प्रभावित हुए हैं. निवेशकों को तो भारी नुकसान हुआ ही है, एसबीआई और एलआईसी को भी तगड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. जानिए रिपोर्ट आने के महीने भर बाद क्या हैं हालात.
आज का दिन गौतम अडानी के लिए बहुत ही अहम है. महीने भर पहले आज ही के दिन अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg Research Report) ने गौतम अडानी (Gautam Adani) पर अकाउंटिंग फ्रॉड और शेयरों की कीमत में हेरा-फेरी का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट जारी की थी. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया था कि गौतम अडानी के शेयरों की कीमत करीब 85 फीसदी तक अधिक है और इनमें 85 फीसदी तक की गिरावट देखी जा सकती है. कुछ शेयरों में तो हिंडनबर्ग का दावा लगभग सच हो ही गया है. खैर, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से सिर्फ गौतम अडानी को ही नुकसान (Gautam Adani Net Worth Fall) नहीं हुआ है, बल्कि बहुत सारे लोगों और कंपनियों समेत निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है. शेयर बाजारों को भी भारी नुकसान हुआ है. आइए जानते हैं महीने भर की इस अवधि में गौतम अडानी समेत किसे-किसे कितना नुकसान हुआ है.
अडानी की नेवटर्थ हुई एक तिहाई, टॉप-25 अमीरों की लिस्ट से बाहर
गौतम अडानी फोर्ब्स की लिस्ट में 23 फरवरी की शाम तक 26वें नंबर पर थे. इस लिस्ट के अनुसार उनकी दौलत 42.2 अरब डॉलर रह गई है. महीने भर पहले 23 जनवरी को गौतम अडानी की दौलत करीब 130 अरब डॉलर थी. यानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से महीने भर में गौतम अडानी की नेटवर्थ का करीब दो-तिहाई हिस्सा स्वाहा हो गया है और अब उनकी दौलत सिर्फ एक तिहाई बची है.
वहीं दूसरी ओर अगर ब्लूमबर्ग बिलियनेर इंडेक्स को देखें तो उसमें गौतम अडानी की दौलत सिर्फ 41.5 अरब डॉलर बची है और वह अमीरों की लिस्ट में 29वें नंबर पर पहुंच गए हैं. बता दें कि 23 जनवरी को गौतम अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे, लेकिन एक रिपोर्ट ने सब कुछ तबाह कर दिया.
80 फीसदी तक टूटे अडानी ग्रुप के शेयर
1- अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 23 जनवरी की शाम को 3436 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 59.75 फीसदी गिरकर 1382.65 रुपये पर पहुंच गया है.
2- अडानी टोटल गैस लिमिटेड का शेयर 23 जनवरी को 3901 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 79.71 फीसदी गिरकर 791.35 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
3- अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड का शेयर 23 जनवरी को करीब 2784 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 73 फीसदी गिरकर 749.35 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
4- अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का शेयर 23 जनवरी को 1932 रुपये पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 73 फीसदी गिरकर 512.10 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
5- अडानी पोर्ट्स का शेयर 23 जनवरी को 769 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 28.23 फीसदी गिरकर 551.85 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
6- अडानी पावर लिमिटेड का शेयर 23 जनवरी को 273 रुपये पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 43.46 फीसदी गिरकर 154.35 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
7- अडानी विल्मर लिमिटेड का शेयर 23 जनवरी को 546 रुपये पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 31.44 फीसदी गिरकर 374.30 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
8- अंबुजा सीमेंट का शेयर 23 जनवरी को 501 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 32.75 फीसदी गिरकर 336.90 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
9- एसीसी का शेयर 23 जनवरी को 2323 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 25.60 फीसदी गिरकर 1727.55 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
10- एनडीटीवी का शेयर 23 जनवरी को 284 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 23 फरवरी तक कंपनी का शेयर 29.90 फीसदी गिरकर 199.10 रुपये के लेवल पर पहुंच गया है.
LIC ने जितने में खरीदे थे शेयर, कीमत उससे 11% नीचे पहुंची
गौतम अडानी की वजह से उनके निवेशकों को भी भारी नुकसान हुआ है. इन्हीं निवेशकों में से एक है लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एलआईसी. अडानी ग्रुप की 5 कंपनियों में एलआईसी ने बड़ा निवेश किया हुआ है, लेकिन शेयरों में भारी गिरावट की वजह से कंपनी को नुकसान झेलना पड़ रहा है. एलआईसी ने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी पोर्ट्स में निवेश किया हुआ है. 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की इन कंपनियों में एलआईसी का कुल निवेश 72,193.87 करोड़ रुपये था, जो 23 फरवरी तक घटकर 26,861.88 करोड़ रुपये हो गया है. यानी एलआईसी के निवेश की वैल्यू में करीब 62.79 फीसदी की गिरावट आई है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एलआईसी ने जब इन 5 कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी थी तो उसकी कुल वैल्यू 30,127 करोड़ रुपये थी, जो करीब 11 फीसदी गिरकर 26,861.88 करोड़ रुपये बची है.
एलआईसी का शेयर भी 17 फीसदी टूटा
गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में गिरावट की वजह से एलआईसी पर दोहरी मार पड़ी है. एक तो अडानी ग्रुप की कंपनियों में उसके निवेश पर नुकसान हुआ है, वहीं कंपनी के शेयर भी बुरी तरह से टूटे हैं. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले तक कंपनी के शेयरों ने 714.50 रुपये का दिन का उच्चतम स्तर छू लिया था, लेकिन शाम तक गिर गए और 702.10 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. वहीं 23 फरवरी को कंपनी का शेयर 590.90 रुपये के लेवल पर बंद हुआ है. इस तरह महीने भर में एलआईसी का शेयर 123 रुपये यानी करीब 17 फीसदी टूट गया है.
भारतीय स्टेट बैंक को हुआ भारी नुकसान
गौतम अडानी के शेयरों में गिरावट की जो सबसे बड़ी वजह है वह इस बात का डर है कि कंपनी अपना कर्ज चुका पाएगी भी या नहीं. अडानी ग्रुप पर भारी-भरकम कर्ज है, जबकि कंपनी के पास उसे चुकाने के लिए उतने पैसे या असेट नहीं दिखते. अडानी ग्रुप ने सबसे ज्यादा लोन भारतीय स्टेट बैंक से लिया है. ऐसे में लोगों को डर है कि अडानी ग्रुप ये कर्ज नहीं चुका पाएगा, जिससे भारतीय स्टेट बैंक का लोन डूब सकता है. यही वजह है कि भारतीय स्टेट बैंक के निवेशकों ने शेयर बेचकर इससे निकलना शुरू कर दिया है. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले तक भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों ने 604.60 रुपये का दिन का उच्चतम स्तर छू लिया था, लेकिन शाम होते-होते गिरावट के साथ 594.35 अंकों पर बंद हुआ. वहीं 23 फरवरी को कंपनी का शेयर 521 रुपये के लेवल पर बंद हुआ है. महीने भर में भारतीय स्टेट बैंक का शेयर 83 रुपये यानी करीब 14 फीसदी टूट गया है.
सेंसेक्स 1660 अंक गिरा, निफ्टी 690 अंक टूटा
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को पता चली थी. इस रिपोर्ट के आने से पहले तक सेंसेक्स करीब 61,266 अंकों तक चढ़ गया था, लेकिन रिपोर्ट की वजह से गिरावट आई और उसी दिन 60,978 अंकों पर बंद हुआ. 23 फरवरी को सेंसेक्स 59,605.80 अंकों पर बंद हुआ. देखा जाए तो महीने भर में सेंसेक्स में 1,660 अंकों की भारी गिरावट देखने को मिली है.
दूसरी ओर अगर बात की जाए निफ्टी की तो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने से पहले तक निफ्टी करीब 18,201.25 अंकों तक चढ़ गया था, लेकिन रिपोर्ट की वजह से गिरावट आई और उसी दिन निफ्टी 18,118.30 अंकों पर बंद हुआ. 23 फरवरी को निफ्टी 17,511.25 अंकों पर बंद हुआ. देखा जाए तो महीने भर में निफ्टी में 690 अंकों की भारी गिरावट देखने को मिली है.
इस तरह देखा जाए तो गौतम अडानी का जिस-जिस से संबंध है, उन सभी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से नुकसान झेलना पड़ा है. यहां तक कि भारत ग्रीन एनर्जी के मामले में जल्द ही बड़ी उपलब्धि हासिल करना चाहता था, लेकिन ग्रीन एनर्जी में भारत में सबसे बड़ा नाम गौतम अडानी ही थे. ऐसे में यूं लग रहा है मानो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से ग्रीन एनर्जी का वो सपना देर से पूरा होगा. हालात ये हैं कि अब सेबी ने भी गौतम अडानी की कंपनियों को दिए लोन की जांच शुरू कर दी है, सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सक्रिय दिख रहा है. अब ये देखने वाली बात होगी की भविष्य में फिर से सब सही हो जाता है या अडानी ग्रुप वाकई में डूब जाएगा!