छोटे व्यवसायों को कुछ इस तरह डिजिटल बना रहा है GoDaddy
भारत के लघु और मध्यम आकार के व्यवसाय देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। महामारी के बाद लागू किए गए लॉकडाउन के चलते खंड बुरी तरह प्रभावित हुआ है और और इससे उपजी समस्याओं से निपटने के लिए इन व्यवसायों के लिए डिजिटल होना अनिवार्य हो गया है।
योरस्टोरी द्वारा आयोजित एशिया के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली स्टार्टअप-टेक इवेंट टेकस्पार्क्स 2021 में गोडैडी इंडिया के एमडी और वीपी, निखिल अरोड़ा ने कहा, "पहले एसएमबी ऑनलाइन आने के बारे में झिझक जाते थे, लेकिन महामारी के बाद अब वे ऑनलाइन आने में देर नहीं कर रहे हैं।”
छोटे व्यवसायों के लिए इस डिजिटल विभाजन को खत्म करने के विषय पर बात करते हुए निखिल कहते हैं कि भारत में इंटरनेट की खपत में न केवल टियर- I शहरों में बल्कि टियर- II और III शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्टेटिस्टा के अनुसार भारत में वर्तमान में 560 मिलियन से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं और 2025 तक यह आंकड़ा 900 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें अधिकांश यूजर्स के देश के गैर-अंग्रेजी भाषी हिस्सों से आने की उम्मीद है।
एक विशाल दायरा
भारत में भारत में लगभग 65 मिलियन SMB हैं। निखिल ने कहा कि उनमें से केवल 10 से 12 मिलियन ही ऑनलाइन मौजूद हैं, इसलिए GoDaddy जैसे खिलाड़ियों के लिए यहाँ पर काम करने की गुंजाइश भी बहुत बड़ी है।
उन्होने बताया,
"वहाँ एक व्यापक और लंबा रनवे है और हमारे व्यवसाय में लोगों के पास बहुत अधिक अवसर हैं। यहाँ नए खिलाड़ी आने के बाद भी रुकने का डर नहीं है।”
निखिल ने कहा कि GoDaddy उद्यमशीलता के सपने का समर्थन करता है। उन्होने कहा, "जब वे एक व्यवसाय स्थापित करने का सपना देखते हैं, तो प्लेटफॉर्म उन्हें उस नाम को चुनने में सक्षम बनाता है और वेबसाइट लॉन्च करके उन्हें अपनी डिजिटल यात्रा शुरू करने में मदद करता है।"
मुख्य अंतर तब आता है जब GoDaddy उत्पाद के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और 24x7 ग्राहक सेवा प्रदान करता है।
आगे का रास्ता
GoDaddy के अब भारतीय बाजार में एक मिलियन से अधिक ग्राहक हैं और निखिल ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म के पास 45 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा है और इसकी ब्रांड जागरूकता 85 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में वोकल और क्षेत्रीय भाषा की सामग्री महत्वपूर्ण होगी क्योंकि बाजार में डिजिटल अपनाने में 25-30 प्रतिशत की तेजी आएगी। ऑटोमेशन इसमें और तेजी लेकर आएगा।
निखिल ने अंत में कहा,
“अब आपके सपनों को बनाने में लाखों और करोड़ों रुपये नहीं लगते हैं, बस जरूरत है बस एक छोटा कदम आगे बढ़ाने की। मैं देख रहा हूं कि अगले कुछ वर्षों में 10-12 मिलियन एसएमबी बढ़कर 30-35 मिलियन हो जाएंगे।"
Edited by Ranjana Tripathi