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इस आईएएस ने अपने दम पर झारखंड में बदल दी आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूरत

इस आईएएस ने अपने दम पर झारखंड में बदल दी आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूरत

Saturday February 29, 2020 , 3 min Read

आईएएस अदित्य रंजन अपने लगातार प्रयासों के जरिये सूबे के आँगनवाड़ी सिस्टम में बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

अदित्या रंजन (चित्र: फेसबुक)

अदित्य रंजन (चित्र: फेसबुक)



देश की वृद्धि और विकास में शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हेल्थकेयर भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसे विकसित करने और प्रगति की दिशा में काम करने के लिए नागरिकों को विकसित करने की आवश्यकता है।


इस दिशा में झारखंड के एक आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन झारखंड में सिंहम जिले की स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए श्रमिकों के साथ काम कर रहे हैं।


जिला विकास अधिकारी (डीडीसी) के रूप में तैनात आदित्य रंजन ने आंगनवाड़ी प्रणाली को एक मॉडल में बदल दिया है, जहां बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण की सुविधा मिलती है। यह एक गैर सरकारी संगठन तितली की मदद से पूरा हुआ, जिसने इन केंद्रों में महिलाओं को प्रशिक्षित करने में आदित्य की मदद की। केंद्र अब नियमित स्वास्थ्य जांच करने के लिए सुसज्जित हैं और मुफ्त दवा भी प्रदान करते हैं।


द लॉजिकल इंडियन से बात करते हुए आदित्य ने कहा,

“सरकारी क्षेत्र में काम करने की गति धीमी है। इसलिए, यहां तक कि अगर आप किसी भी नई पहल को लागू करना चाहते हैं और इसके परिणामों का विश्लेषण करना चाहते हैं, तो इसमें लंबा समय लगेगा। अब तक हमें जिले के लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रियाएं मिली हैं, और यह मुझे रोजाना उत्तेजित करता है। जब आप अपने काम के साथ सकारात्मक रूप से जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, तो इससे अपार संतुष्टि मिलती है और यह भावना अपूरणीय होती है। यद्यपि हमें नए आंगनवाड़ी केंद्र खोलने के लिए धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है, इसके लिए भारी वित्तीय निवेश की आवश्यकता होगी। मुझे उम्मीद है कि राज्य इस तरह की सफल परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित करेगा।”
(चित्र: फेसबुक)

(चित्र: फेसबुक)



अब आदित्य साल के अंत तक जिले और राज्य भर में लगभग 1,000 ऐसी आंगनवाड़ियों के विकास के लिए तैयार हैं। शिक्षा के संदर्भ में इस आईएएस अधिकारी ने जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम (डीजीएस) शुरू किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर छात्र को कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त हो।


इस कार्यक्रम में दो महीने का लंबा पाठ्यक्रम शामिल है जिसमें 32 मॉड्यूल शामिल हैं जो कंप्यूटर के सभी मूल सिद्धांतों को कवर करते हैं और लगभग 1,700 छात्र इससे पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने ‘वंडर ऑन व्हील्स’ कार्यक्रम भी पेश किया है, जिसका उद्देश्य उनकी शिक्षा को जारी रखते हुए, उन्हें गणित और विज्ञान में रुचि पैदा करना है, ताकि वे आगे के लिए साइंस स्ट्रीम का चयन कर सकें।


आदित्य ने ह्यूमन ऑफ झारखंड को बताया कि उन्होंने 2015 में 99 रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा को क्रैक किया था। वह कहते हैं,

“एक आम आदमी होने के नाते मैंने हमेशा छोटी-छोटी समस्याओं के बारे में सोचा, जिन्हें आसानी से लोग सत्ता के जरिये हल कर सकते हैं, फिर भी वे अधूरी रह जाती हैं। इसलिए, मैंने इस उद्देश्य के साथ बदलाव का निर्णय लिया और मैंने इस चुनौती को उठाया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और उत्तीर्ण हुआ।”