भारत की ‘बायो इकोनॉमी’ पिछले 8 वर्षों में 8 गुना बढ़ी, स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 70000
बीते 8 वर्षों में हमारे देश में स्टार्टअप्स की संख्या, कुछ सौ से बढ़कर 70 हजार तक पहुंच गई है. ये 70 हजार स्टार्ट-अप्स लगभग 60 अलग-अलग इंडस्ट्रीज में बने हैं.
भारत की ‘बायो इकोनॉमी’ पिछले 8 वर्षों में 8 गुना बढ़ी है और यह 10 अरब अमेरिकी डॉलर से 80 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है. यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो (Biotech Startup Expo) को संबोधित करते हुए कही. यह देश का पहला बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो है. इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन 9 जून को हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि भारत जैव प्रौद्योगिकी के वैश्विक इकोसिस्टम में शीर्ष 10 देशों की श्रेणी में पहुंचने से बहुत दूर नहीं है. पिछले आठ वर्षों में देश में स्टार्टअप की संख्या कुछ सौ से बढ़कर 70,000 से अधिक हो गई है.
मोदी ने कहा कि ये 70,000 स्टार्टअप लगभग 60 विभिन्न उद्योगों से हैं. दुनिया में हमारे आईटी प्रोफेशनल्स का भरोसा बहुत अधिक है. बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो 2022 बायोटेक क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ आंदोलन को मजबूत करेगा.
बायोटेक सेक्टर, विकास को नई गति देने के लिए अहम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि नए भारत की इस नई छलांग में Biotechnology Industry Research Assistance Council यानी ‘BIRAC’ की बड़ी भूमिका रही है. बीते वर्षों में भारत में Bio-economy का, रिसर्च और इनोवेशन का जो अभूतपूर्व विस्तार हुआ है, उसमें ‘BIRAC’ का अहम contribution रहा है. ऐसे समय में जब भारत, अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, अगले 25 वर्षों के लिए नए लक्ष्य तय कर रहा है, तब बायोटेक सेक्टर, देश के विकास को नई गति देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
पीएम मोदी के अनुसार, बीते दशकों में हमने दुनिया में अपने डॉक्टरों, हेल्थ प्रोफेशनल्स की रेपुटेशन को बढ़ते हुए देखा है. दुनिया में हमारे IT प्रोफेशनल्स की स्किल और इनोवेशन को लेकर भरोसे का जो माहौल है, वह एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है. यही भरोसा, यही रेपुटेशन, इस दशक में भारत के Biotech sector, भारत के बायोप्रोफेशनल्स के लिए होते हुए हम सब देख रहे हैं.
बायोटेक सेक्टर में क्यों हैं ज्यादा मौके
पीएम मोदी ने कहा कि अगर भारत को biotech के क्षेत्र में अवसरों की भूमि माना जा रहा है, तो उसके अनेक कारणों में पांच बड़े कारण मैं देखता हूं. पहला-डायवर्स पॉपुलेशन, डायवर्स क्लाइमेट जोन, दूसरा- भारत का टैलेंटेड ह्यूमन कैपिटल पूल, तीसरा- भारत में Ease of Doing Business के लिए बढ़ रहे प्रयास, चौथा- भारत में लगातार बढ़ रही Bio-Products की डिमांड और पांचवां- भारत के बायोटेक सेक्टर यानि आपकी सफलताओं का ट्रैक रिकॉर्ड. ये पांचों फैक्टर मिलकर भारत की शक्ति को कई गुना बढ़ा देते हैं.
70 हजार में से 5 हजार स्टार्टअप बायोटेक से
बीते 8 वर्षों में हमारे देश में स्टार्टअप्स की संख्या, कुछ सौ से बढ़कर 70 हजार तक पहुंच गई है. ये 70 हजार स्टार्ट-अप्स लगभग 60 अलग-अलग इंडस्ट्रीज में बने हैं. इसमें भी 5 हज़ार से अधिक स्टार्टअप्स, बायोटेक से जुड़े हैं. यानि भारत में हर 14वां स्टार्ट-अप बायोटेक्नॉलॉजी सेक्टर में बन रहा है. इनमें भी 11 सौ से अधिक तो पिछले साल ही जुड़े हैं. बीते सालों में हमने अटल इनोवेशन मिशन, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जो भी कदम उठाए हैं, उनका भी लाभ बायोटेक सेक्टर को मिला है. स्टार्ट अप इंडिया की शुरुआत के बाद हमारे बायोटेक स्टार्ट अप्स में निवेश करने वालों की संख्या में 9 गुना वृद्धि हुई है. बायोटेक इंक्यूबेटर्स की संख्या और टोटल फंडिंग में भी लगभग 7 गुना बढ़ोतरी हुई है.
रोजगार के भी नए मौके
पीएम मोदी ने कहा कि हाल में ही हमने पेट्रोल में इथेनॉल की 10 प्रतिशत ब्लेंडिंग का टारगेट हासिल कर लिया. भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट भी 2030 से 5 साल कम करके अब इसे 2025 कर लिया है. ये सारे प्रयास, बायोटेक के क्षेत्र में रोजगार के भी नए अवसर बनाएंगे, बायोटेक प्रोफेशनल्स के लिए नए मौके बनाएंगे. सरकार ने अभी हाल में जो लाभार्थियों के सैचुरेशन, गरीब के शत-प्रतिशत सशक्तिकरण का अभियान शुरू किया है, वो भी बायोटेक सेक्टर को नई ताकत दे सकता है.