भारत को मिली देश की पहली महिला अण्डरग्राउंड माइन मैनेजर
भारतीय खनन क्षेत्र में एक अग्रणी कदम के तहत हिंदुस्तान जिंक ने संध्या रासकतला को भारत की पहली महिला अण्डरग्राउंड माइन मैनेजर और योगेश्वरी राणे को अण्डरग्राउंड माइन डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया है।
"संध्या और योगेश्वरी की उपलब्धि यह बताती है कि विगत कुछ समय से भारत में खनन उद्योग किस प्रकार सकारात्मक विकास से गुजरा है। खनन क्षेत्र में कार्यरत किसी भी अन्य महिला की तरह ही संध्या और योगेश्वरी वर्ष 2019 में ऐतिहासिक फैसले से यह गौरव हासिल करने में सक्षम रही हैं।"
राजस्थान के उदयपुर-मुख्यालय वाली हिन्दुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) में कार्यरत संध्या रासकतला को अतिप्रतिबंधीत श्रेणी में देश की पहली अण्डरग्राउण्ड माइन मैनेजर बनाया है। हिन्दुस्तान जिंक भारत की पहली कंपनी है जिसे महिला अंडरग्राउण्ड माइन मैनेजर नियुक्त करने का गौरव मिला है।
संध्या फर्स्ट क्लास मैनजर्स सर्टिफिकेट के बाद उदयपुर जिले में स्थित जावरमाला माइंस में माइन मैनेजर के रूप में कार्य करेंगी। संध्या ने वर्ष 2018 में ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी के रूप में शुरूआत की थी।
खनन जैसे उद्योग में समावेश और विविधता के फलस्वरूप भूमिगत खदान में खनन परिचालन प्रबंधन के लिए हिंदुस्तान जिंक की संध्या रासकतला और योगेश्वरी राणे भारतीय खनन में फर्स्ट क्लास माइन मैनेजर्स प्रमाणित है।
संध्या के साथ ही योगेश्वरी राणे फर्स्ट क्लास मैनेजर्स से प्रमाणीत होने के उपरान्त अजमेर जिले में स्थित कायड माइंस की हेड प्लानिंग और ऑपरेशंस के पद पर अपनी सेवाएं देगीं।
अंडरग्राउंड माइन ऑपरेशन प्रबंधन करने वाली हिन्दुस्तान जिंक की ये दोनो कर्मचारी देश की चुनिंदा महिलाओं में शामिल हो गयी है जिन्होंने, महानिदेशालय खान सुरक्षा द्वारा अतिप्रतिबंधित श्रेणी में ‘फर्स्ट क्लास मैनेजर्स सर्टिफिकेट ऑफ कॉम्पीटेन्सी‘ प्राप्त करने का गौरव हासिल किया है।
इस गौरवान्वित उपलब्धि पर हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा,
“खनन में महिलाओं को अनुमति देना एक क्रांतिकारी निर्णय है। सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए यह हिन्दुस्तान जिंक और महिला खनन इंजीनियरों के लिए एक अवसर है। हमने इसे अपनाया है और हमारे खनन कार्यों में हमारी महिला इंजीनियरों के लिए समान अवसर दिया है। मुझे यकीन है कि संध्या और योगेश्वरी की नियुक्ति उन सभी युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा होगी जो खनन इंजीनियर के रूप में आगे बढ़ना चाहती हैं। यह खनन उद्योग में आगे आने वाली महिला नेतृत्व के लिए पहला कदम है।“
संध्या और योगेश्वरी की उपलब्धि यह बताती है कि विगत कुछ समय से भारत में खनन उद्योग किस प्रकार सकारात्मक विकास से गुजरा है। खनन क्षेत्र में कार्यरत किसी भी अन्य महिला की तरह ही संध्या और योगेश्वरी वर्ष 2019 में ऐतिहासिक फैसले से यह गौरव हासिल करने में सक्षम रही हैं।
विगत वर्ष खान अधिनियम 1952 में संशोधन के बाद जिसमें सरकार ने खान अधिनियम, 1952 की धारा 46 के प्रावधानों से ओपनकास्ट और अंडरग्राउंड किसी भी खदान में कार्य करने वाली महिलाओं को कार्य हेतु प्रवेश देने का फैसला किया। हिंदुस्तान जिंक ने भूमिगत खदान के परिचालन में अनुभव हासिल करने के लिए महिला इंजीनियरों को अवसर प्रदान किया।