'भारंदाज दांव' से पलटी बजंरग पुनिया ने बाजी, कुश्ती में दिलाया भारत को स्वर्ण पदक
एशियन चैंपियनशिप में भारत के लिए लगातार खुशखबरी आ रही हैं। एक के बाद एक भारतीय खिलाड़ी अपने जज्बे से पदक जीतने के साथ ही देशवासियों का दिल भी जीत रहे हैं। कुश्ती में बजरंग पुनिया ने गोल्ड मेडल जीता। बजरंग ने पुरुषों के 65 किग्रा फ्रीस्टाइल फाइनल में कजाखस्तान के सयातबेक ओकासोव को 12-7 से हराकर गोल्ड हासिल किया। 800 मीटर रेस में गोमती मारिमुतु ने भी भारत को स्वर्ण पदत जिताया था।
बजरंग इससे पहले कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के चैंपियन रह चुके हैं। बजरंग ने एक तरह से हारी हुई बाजी अपने नाम की। क्योंकि खेल खत्म होने में सिर्फ कुछ मिनट शेष थे और स्कोरबोर्ड पर बजरंग पुनिया 2-7 से पीछे थे। कजाखस्तान के रेसलर सायतबेक ओकासोव खेल में बाजी मार रहे थे। लेकिन बजरंग ने कुछ सेकेंड्स में ही सारा खेल पलट दिया। उन्होंने भारंदाज दांव की बदौलत ओकासोव को पटखनी दी और खेल को अपनी तरफ मोड़ लिया।
2008 में भी इसी दांव की बदौलत सुशील कुमार ने ओलिंपिक में 66 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। बजरंग ने इस मौके पर टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा, 'ये दांव है तो पुराना पर सब का अपना अपना तरीका होता है इसको इस्तेमाल करने का।' बजरंग के साथ ही प्रवीण राणा को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
बजरंग के गुरु योगेश्वर दत्त ने उनकी इस सफलता पर बधाई दी। योगेश्वर ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा, 'एशियाई चैम्पियनशिप 2019 में स्वर्ण पदक जीतने पर आपको ढेरों शुभकामनाएं बजरंग बेटा। 2017 के बाद ये आपका दूसरा स्वर्ण है। हम सब को गर्व है आप पर, इसी तरह आगे बढ़ते रहें और टोक्यो ओलंपिक-2020 में भी देश का ध्वज ऊंचा करो।'
यह भी पढ़ें: रॉयल सोसाइटी की सदस्यता पाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक बनीं गगनदीप