NDTV से इस्तीफा देने के बाद पत्रकार रवीश कुमार ने क्या कहा?
एक आंतरिक मेल में NDTV ने कहा कि इस्तीफा तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गया है. रवीश दशकों से एनडीटीवी का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं, उनका योगदान बहुत बड़ा रहा है, और हम जानते हैं कि वह सफल होंगे क्योंकि वह एक नई शुरुआत करेंगे.
नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने प्रवर्तक समूह की इकाई आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ पत्रकार और एनडीटीवी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार ने भी बुधवार को तत्काल प्रभाव से कंपनी से इस्तीफा दे दिया था.
एक आंतरिक मेल में चैनल ने कहा कि इस्तीफा तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गया है. मेल में कहा गया कि कुछ पत्रकार ही रवीश के जितना लोगों को प्रभावित कर पाए हैं. वह भीड़ में हमेशा अलग दिखते हैं. उन्होंने देश के साथ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई और अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किए. रवीश दशकों से एनडीटीवी का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं, उनका योगदान बहुत बड़ा रहा है, और हम जानते हैं कि वह सफल होंगे क्योंकि वह एक नई शुरुआत करेंगे.
रवीश कुमार 1996 में नई दिल्ली टेलीविजन नेटवर्क (NDTV) के साथ अपने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत की थी और तब से इसी चैनल से जुड़े हुए थे. उन्होंने NDTV इंडिया पर कई न्यूज बेस्ड शो जैसे हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम में रिपोर्टिंग और एंकरिंग की. कुमार को 2019 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के अलावा पत्रकारिता पुरस्कार में दो बार रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है.
इस्तीफ़ा देने के बाद कुमार ने एक वीडियो संदेश जारी किया है. वीडियो में उन्होंने कहा कि भारत में पत्रकारिता का स्वर्ण युग कभी नहीं था लेकिन आज के दौर की तरह का भस्म युग भी नहीं था, जिसमें पत्रकारिता पेशे की हर अच्छी बात भस्म की जा रही हो.
मीडिया की मौजूदा स्थिति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि गोदी मीडिया और सरकार भी पत्रकारिता का अपना मतलब आप के ऊपर थोपना चाहती है. इस वक्त अपने संस्थान को लेकर कुछ ख़ास नहीं कहूंगा क्योंकि भावुकता में आप तटस्थ नहीं रह सकते. एनडीटीवी में 26-27 साल गुज़ारे हैं. कई शानदार यादें हैं एनडीटीवी में, जो अब किस्से सुनाने की काम आएंगी.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे सबसे कुछ न कुछ मिला है, मैं सबका आभारी हूँ. एक का ज़िक्रकर बाक़ी को छोड़ना न्याय नहीं होगा. बेटी विदा होती है, तो वो दूर तक पीछे मुड़कर अपने मायके को देखती है. मैं उसी स्थिति में हूं.
NDTV के अधिग्रहण के करीब पहुंच अडानी समूह
अडानी समूह अब इस समाचार चैनल के अधिग्रहण के करीब पहुंच चुका है. अडानी समूह ने आरआरपीआर का अधिग्रहण कर लिया था. आरआरपीआर के पास एनडीटीवी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है. अडानी समूह ने इस सप्ताह आरआरपीआर होल्डिंग्स का नियंत्रण हासिल कर लिया है.
हालांकि, रॉय दंपति के पास प्रवर्तक के रूप में एनडीटीवी में अब भी 32.26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और उन्होंने समाचार चैनल के निदेशक मंडल से इस्तीफा नहीं दिया है. प्रणय रॉय एनडीटीवी के चेयरपर्सन और राधिका रॉय कार्यकारी निदेशक हैं.
26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करने की प्रक्रिया जारी
बता दें कि, 22 नवंबर को, अडानी समूह ने 5 दिसंबर को समाप्त होने वाला ओपन ऑफर शुरू करके कंपनी में अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी.
28 नवंबर तक 53 लाख शेयरधारकों ने अपने शेयर अडानी ग्रुप को बेचने की इच्छा जाहिर की थी. कॉरपोरेट निवेशकों की श्रेणी ने सबसे अधिक 39 लाख शेयरों की पेशकश की है, जबकि खुदरा निवेशकों ने 7,06,000 से कुछ अधिक शेयरों को बेचने की पेशकश की है.
अडानी समूह ने तीन निदेशक नियुक्त किए
एनडीटीवी ने कहा कि आरआरपीआर होल्डिंग के निदेशक मंडल ने सुदिप्त भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंतिल चेंगलवारायण की बोर्ड में तत्काल प्रभाव से नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. सोमवार को अडानी ग्रुप ने आरआरपीआर होल्डिंग्स का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया और इसके साथ ही उसने तीनों सदस्यों को नामित किया.
अडानी ने ऐसे हासिल की NDTV में हिस्सेदारी
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) गौतम अडानी की कंपनी है और एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (AMNL) इसी की मीडिया कंपनी है. इस साल अगस्त में अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी अडानी मीडिया नेटवर्क्स ने वीपीसीएल का अधिग्रहण कर लिया. वीपीसीएल का मालिकाना हक इससे पहले एमिनेंट नेटवर्क्स एंड नेक्स्टवेव टेलिवेंचर्स के पास था.
वीपीसीएल के पास एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी आरआरपीआर के कन्वर्टिबल डिबेंचर्स थे, जिसे कंपनी ने लोन के बदले जारी किया था. कन्वर्टिबल डिबेंचर्स ऐसे वॉरंट होते हैं, जिनसे डेट यानी कर्ज को इक्विटी में बदला जा सकता है. ये डिबेंचर्स 2009-10 में 404 करोड़ रुपये के लोन के बदले लिए गए थे.
वीपीसीएल ने इन डिबेंचर्स को ही इक्विटी में बदल दिया. इसका मतलब है कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में एनडीटीवी के संस्थापकों ने कंपनी को मीडिया समूह में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की इजाजत दी थी. वीपीसीएल ने आरआरपीआर में 99.50 फीसदी हिस्सेदारी को कंट्रोल करने के अधिकार का इस्तेमाल किया है.
विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) ने एएमजी मीडिया नेटवर्क्स (AMG Media Networks) और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Ltd) के साथ 294 रुपये प्रति शेयर की ऑफर प्राइस पर अतिरिक्त 26 फीसदी या 1.67 करोड़ इक्विटी शेयर हासिल करने का प्रस्ताव रखा है. यह ऑफर पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाता है तो इसकी कुल कीमत 492.81 करोड़ रुपये हो जाएगी.