केरल में सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतलों से बनाया गया दुनिया का पहला समुद्री कब्रिस्तान
इस क्रबिस्तान को जिला प्रशासन के 'क्लीन बीच मिशन और बेपोर पोर्ट विभाग' की मदद से जेलीफिश वाटरस्पोर्ट्स द्वारा कोझिकोड के बेपोर तट पर बनाया गया है। इस सिंगल-यूज प्लास्टिक बोतलों से निर्मित दुनिया के पहले मरीन सेमेट्री का संचालन जलवायु कार्यकर्ता आकाश रानिसन द्वारा किया जा रहा है।
लगभग एक सप्ताह पहले, विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस यानी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन डे पर, केरल के एक समुद्र तट पर कुछ ऐसी चीज देखने को मिली, जो शायद दुनिया में अपनी तरह की अनोखी पहली है। दरअसल केरल के कोझिकोड में बेपोर बीच पर प्लास्टिक की बोतलों से दुनिया का पहला मरीन सिमिट्री यानी समुद्री कब्रिस्तान बनाया गया है।
इस क्रबिस्तान को जिला प्रशासन के 'क्लीन बीच मिशन और बेपोर पोर्ट विभाग' की मदद से जेलीफिश वाटरस्पोर्ट्स द्वारा कोझिकोड के बेपोर तट पर बनाया गया है। इस सिंगल-यूज प्लास्टिक बॉतलों से निर्मित दुनिया के पहले मरीन सेमेट्री का संचालन जलवायु कार्यकर्ता आकाश रानिसन द्वारा किया जा रहा है।
इस समुद्री कब्रिस्तान का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक, शहरी और औद्योगिक प्रदूषण और मछली पकड़ने के विनाशकारी प्रभावों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है।
कोझीकोड के जिला कलेक्टर एस संबाशिव राव बताते हैं,
“समुद्री कब्रिस्तान उस विनाश की याद दिलाता है, जिसे हम सुविधा के नाम पर इस ग्रह पर ला रहे हैं। इसलिए, हम जागरूकता फैलाने के लिए क्लीन बीच मिशन के हिस्से के रूप में इस पहल का समर्थन और प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि यह न केवल स्थानीय लोगों और दुनिया को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रभावों के बारे में शिक्षित करता है, बल्कि यह कोझीकोड को एक सस्टेनेबल ट्रैवल डेस्टीनेशन बनने में भी मदद करेगा।"
यह कब्रिस्तान तेजी से लुप्त हो रही 8 समुद्री प्रजातियों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया है। इनमें सीहॉर्स, पैरटफिश, लेदरबैक कछुए, ईगल रेज, सॉफिश, डुगॉन्ग, जेबरा शार्क, हैमरहेड मछली और केरल की स्थानिक मीठे पानी की मछली शामिल हैं। मिस केरल नाम से फेमस ये मछली पश्चिमी घाट की तेजी से बहने वाली पहाड़ी नदियों में पायी जाती है।
इसके अलावा, तट के साथ प्रदूषण के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए, जिला प्रशासन ने क्लीन बीच मिशन, कोझीकोड के तत्वावधान में एक बड़े सफाई अभियान की शुरुआत की है।
लोगों की सामूहिक भागीदारी को सुनिश्चित करके, यह अभियान न केवल सार्वजनिक स्थानों को साफ रखने के लिए उनको आगे लाता है, बल्कि समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों पर कूड़े के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा भी करता है।
जेलीफिश वाटरस्पोर्ट्स के संस्थापक कौशिक कोडिथोडी ने कहा,
"बाढ़ आने के बाद, जब हम चलियार नदी में कायाकिंग कर रहे थे, तो आसपास के इलाकों में प्लास्टिक की मात्रा को देखकर घबराहट हो रही थी। हम, मानव, सचमुच इन समुद्री प्रजातियों के लिए कब्र खोद रहे हैं। हमने सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग और दुरुपयोग किया है, अब ये प्लास्टिक हमारे जल निकायों में कहर पैदा कर रही है और तेजी से समुद्री जीवन को बड़े पैमाने पर विलुप्त होने की ओर धकेल रही है। इसलिए हमने सोचा, चलो लोगों को दिखाते हैं कि वे असल में इन जीवों के लिए क्या कर रहे हैं और इसके लिए हमने कब्रिस्तान बनाया जो लोगों को हमेशा उन जीवों की याद दिलाता रहेगा।"
जलवायु कार्यकर्ता आकाश रानिसन बताते हैं,
"यह समुद्री कब्रिस्तान मानव जाति को झकझोर देने के लिए बनाया गया है, ताकि उन्हें उस विस्फोट का एहसास हो सके, जो उन्होंने किया है। साथ ही उन्हें इस तथ्य के बारे में शिक्षित करे कि हमारी नदियों और महासागरों के आसपास वनस्पतियों और जीव रेड अलर्ट पर हैं। अब पाठ्यक्रम-सुधार की दिशा में कदम उठाने का समय आ गया है।”