जानिए कैसे अनक्लेम्ड शेयर, डिविडेंड्स को रिकवर करने में मदद करता है GLC Wealth
दिल्ली स्थित GLC Wealth Advisor की स्थापना साल 2020 में संचित गर्ग और अंकित गर्ग ने मिलकर की थी. GLC Wealth का मिशन वरिष्ठ नागरिकों, NRIs और व्यापारिक परिवारों सहित निवेशकों को उनके पुराने/खोए/भूले हुए इन्वेस्टमेंट्स को वापस पाने में मदद करना है जो कई दशकों से अनक्लेम्ड पड़े हैं.
इस वर्ष के आम बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों को IEPF (Investor Education Protection Fund) से अवैतनिक लाभांश और शेयरों (unpaid dividends and shares) को पुनः प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक IT पोर्टल का प्रस्ताव रखा. इससे निश्चित रूप से बैंकिंग गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी.
भारत में अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट्स की रिकवरी के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा है. कंपनी उन निवेशकों की पहचान करती है और उनका पता लगाती है जिनके पास शेयरों और अन्य फाइनेंशियल सिक्योरिटीज में अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट है. या निवेशक शेयरों में निवेश करके उन्हें भूल चुके हैं. GLC Wealth का मिशन वरिष्ठ नागरिकों, NRIs और व्यापारिक परिवारों सहित निवेशकों को उनके पुराने/खोए/भूले हुए इन्वेस्टमेंट्स को वापस पाने में मदद करना है जो कई दशकों से अनक्लेम्ड पड़े हैं.
कंपनी IEPF से या ट्रांसफर/ट्रांसमिशन, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड, यूटीआई योजनाओं, बैंक जमा, एफडी, निष्क्रिय बैंक खातों आदि के माध्यम से दावा न किए गए शेयरों और दावा न किए गए लाभांश का दावा करने के लिए भारत और विदेशों में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व और सेवा करती हैं.
दिल्ली स्थित GLC Wealth Advisor की स्थापना साल 2020 में संचित गर्ग और अंकित गर्ग ने मिलकर की थी. को-फाउंडर और सीईओ संचित गर्ग ने हाल ही में YourStory से बात करते हुए GLC Wealth की शुरुआत, बिजनेस मॉडल, फंडिंग, रेवेन्यू, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया.
सीईओ संचित गर्ग बताते हैं, "हम निवेशकों या उनके परिवारों को भारत में फाइनेंशियल सिक्योरिटीज में उनके पुराने, भूले हुए, खोए हुए, पैतृक और अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट्स को वापस पाने में मदद करते हैं. कंपनी मुख्य रूप से कई UHNIs (ultra high net-worth individuals), HNIs, वरिष्ठ नागरिकों, NRIs/OCI/PIO को सेवाएं मुहैया करती हैं जो विदेश में बस गए हैं या उत्तराधिकारी/कानूनी उत्तराधिकारी हैं जिन्होंने कई वर्षों से अपने निवेश का हिसाब नहीं रखा है और कई मामलों में नियमों में बदलाव का हवाला देते हुए सरकारी निकाय/फंड्स द्वारा उन पर कब्ज़ा कर लिया गया है."
गर्ग आगे बताते हैं, "हम डेटा माइनिंग, रिसर्च और बड़े डेटा का विश्लेषण करके निवेशकों को ढूंढने और उनके अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट्स का पता लगाने में माहिर हैं. इसके अलावा, विभिन्न डोमेन, सेबी अनुपालन, विरासत कानून आदि को नियंत्रित करने वाले नियमों और कानूनों के बारे में हमारी गहन जानकारी हमें ऐसे निवेशों को पुनः प्राप्त करने के लिए अनुपालन और कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अपने ग्राहकों को कानूनी और वित्तीय सलाहकार सेवाएं मुहैया करने में मदद करती है."
कई बाजार अनुमानों के अनुसार, ~2 लाख करोड़ रुपये के निवेश हैं जो शेयर, लाभांश, PPF/EPF खाते, बैंक जमा आदि जैसे विभिन्न वित्तीय साधनों में सरकार के धन के साथ भौतिक दस्तावेजों (प्रमाणपत्र और लाभांश/ब्याज) के रूप में फंसे हुए हैं.
GLC Wealth के बिजनेस मॉडल के बारे में विस्तार से समझाते हुए को-फाउंडर संचित गर्ग कहते हैं, "हमारा बिजनेस मॉडल मुख्य रूप से परिवारों को उनके परिवार के अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट्स के बारे में जानकारी देता है और इसके बाद सभी कानूनी प्रक्रियाओं और विनियमों का अनुपालन करके ऐसे इन्वेस्टमेंट्स को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है."
संचित गर्ग बताते हैं, "हमारे पास एक डेटा माइनिंग टीम है जो उन निवेशकों का पता लगाने के लिए विभिन्न स्रोतों से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध बड़ी मात्रा में डेटा की खोज करती है जिन्होंने अपने इन्वेस्टमेंट्स को क्लेम नहीं किया है. हम फिजिकल विजिट, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप, लिंक्डइन, ईमेल आईडी और रेफरेंस समेत सभी संभावित माध्यमों से निवेशकों / कानूनी उत्तराधिकारियों / उत्तराधिकारियों से संपर्क करते हैं. हमारी कानूनी टीम इस मामले को उठाती है और ऐसे अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट्स को सही निवेशकों/कानूनी उत्तराधिकारियों तक पहुंचाने के लिए सभी डॉक्यूमेंट तैयार करती है. हमें बहुत से निवेशकों के अनुरोध प्राप्त होते हैं जिनमें उनके अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट्स को पुनर्प्राप्त करने के लिए हमारी सहायता की आवश्यकता होती है. हमें ऐसे संभावित ग्राहकों से प्रतिदिन कम से कम 30-40 कॉल आती हैं."
संचित आगे बताते हैं, "अपनी यात्रा की शुरुआत में, जब हम विरासत और उत्तराधिकार से संबंधित मामलों को संभाल रहे थे, तो हमें महसूस हुआ कि फाइनेंशियल सिक्योरिटीज में भारी मात्रा में इन्वेस्टमेंट्स, मुख्य रूप से भौतिक शेयर प्रमाणपत्र और निष्क्रिय डीमैट खातों के रूप में, अनक्लेम्ड थे. रिसर्च से यह भी पता चला कि बहुत से निवेशकों और परिवारों ने 1960 से 1990 के दशक की शुरुआत में अपने इन्वेस्टमेंट्स का हिसाब नहीं रखा है; वे फिजिकल सिक्योरिटीज में निवेश करते थे और फिर इसके बारे में भूल जाते थे. इनमें से कई निवेशकों की मृत्यु हो चुकी है, और उनके परिवार उनके इन्वेस्टमेंट्स से अनजान हैं; कुछ परिवार स्थायी रूप से विदेश में बस गए हैं और कई ने ऐसे इन्वेस्टमेंट्स को क्लेम करने के लिए डॉक्यमेंट्स खो दिए हैं. इन तथ्यों ने हमारे लिए अपनी सेवाओं का विस्तार करने और वेल्थ की रिकवरी के एक बहुत ही खास सेक्टर में कदम रखने के लिए नए दरवाजे खोल दिए."
संचित कहते हैं, "हमारा प्रयास कम से कम संभव समय में अनक्लेम्ड इन्वेस्टमेंट्स को सही व्यक्तियों को वापस दिलाना है. एक बार जब इन्वेस्टमेंट्स और पैसे निवेशकों के खाते में जमा हो जाते हैं, तो हमें रिकवर किए गए इन्वेस्टमेंट की मात्रा की सफलता शुल्क का भुगतान किया जाता है."
फाउंडर्स ने GLC Wealth को शुरु करने के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये का निवेश किया है. कंपनी ने अभी तक कोई बाहरी फंडिंग नहीं जुटाई है. यानि कि यह बूटस्ट्रैप्ड है.
GLC Wealth के रेवेन्यू मॉडल पर बात करते हुए को-फाउंडर और सीईओ संचित गर्ग कहते हैं, "हम मुख्य रूप से सफलता शुल्क आधारित मॉडल पर ग्राहकों से अपना शुल्क लेते हैं. जब भी इन्वेस्टमेंट्स रिकवर होते हैं तो वे रिकवरी के बाद हमें हमारी पूर्व-निर्धारित फीस का भुगतान करते हैं. उन पर कोई मौद्रिक प्रतिबद्धता नहीं है. हमारी इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मैट्रिक AUR (Assets under recovery) है. वर्तमान में हम ~500 करोड़ के इन्वेस्टमेंट्स की रिकवरी संभाल रहे हैं. हमारा लक्ष्य अगले 2-3 वर्षों में इसे 2000 करोड़ तक ले जाना है. हमारा प्रयास AUR के 10-15% के बीच फीस प्रतिशत बनाए रखना है."
इस बिज़नेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में संचित कहते हैं, "हमने वेल्थ रिकवरी का एक नया डोमेन बनाया है यानी लोगों के लिए छिपे हुए खजाने को सामने लाना है जिसके बारे में वे पूरी तरह से अनजान हैं या भूल गए हैं. ऐसे में संभावित ग्राहकों के साथ विश्वास बनाना हमारे काम का एक चुनौतीपूर्ण हिस्सा है. शुरुआत में चूंकि यह विचार भारत में लोगों के लिए बहुत नया था, इसलिए हमें विश्वास और धोखाधड़ी/घोटाले की संभावना के बारे में उनकी आशंकाओं पर काबू पाने से संबंधित मुद्दों का सामना करना पड़ा. हालाँकि, हमने अपने अच्छे बैकग्राउंड के चलते हुए इस चुनौती पर बहुत जल्दी काबू पा लिया. समय के साथ जैसे-जैसे हमने मशहूर हस्तियों और प्रतिष्ठित व्यवसायियों, सीईओ, कॉर्पोरेट जगत के लोगों, सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटरों, शाही परिवारों आदि का ग्राहक आधार बनाना शुरू किया, वे हमारे ब्रांड एंबेसडर बनने लगे."
संचित आगे बताते हैं, "आज, हमारे पास लगभग 1000 ग्राहकों का ग्राहक आधार है. हालाँकि, हम प्रतिदिन कम से कम 40-50 निवेशकों को परामर्श प्रदान करते हैं, जहाँ हम कई पीड़ित निवेशकों और परिवार के सदस्यों को प्रक्रिया को सही ढंग से करने के लिए मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से उनसे कोई शुल्क नहीं लेते हैं. हमने अब तक की हमारी यात्रा में 25,000 से अधिक परिवारों से बातचीत की है जो अपने इन्वेस्टमेंट्स के साथ संघर्ष कर रहे हैं."
GLC Wealth को लेकर भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए को-फाउंडर और सीईओ संचित गर्ग कहते हैं, "वर्तमान में हमारा ध्यान भारत के अधिकांश महानगरीय शहरों जैसे हैदराबाद, बैंगलुरु, अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना है. इसके अलावा, हम भविष्य में वेल्थ मैनेजमेंट और शायद PMS सेक्टर में भी प्रवेश करना चाहते हैं. एक बार जब हम अपने ग्राहकों को 1000 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट्स की रिकवरी का आंकड़ा पार कर लेंगे, तो हम धन सलाहकार सेवाओं के लिए अपने मौजूदा ग्राहकों के साथ अपने विश्वास का लाभ उठाना चाहेंगे."
संचित आगे बताते हैं, "पारिवारिक निपटान के जटिल मामलों सहित विरासत और उत्तराधिकार योजना से संबंधित कई मामलों को संभालने के बाद हम विरासत/उत्तराधिकार के आसपास के भारतीय कानूनों को अच्छी तरह से समझते हैं. हम समुदाय में बढ़ती जागरूकता के साथ भविष्य में एस्टेट प्लानिंग और वसीयत ड्राफ्टिंग को अपने आप में एक पूरी तरह से समर्पित सेवा के रूप में देखते हैं. हमारे कई ग्राहकों में NRIs शामिल हैं. इसलिए भारत में NRIs को उनके निवेश, रियल एस्टेट हस्तांतरण, कराधान सलाह, विरासत की जरूरतों आदि से संबंधित संपूर्ण समाधान प्रदान करना एक और डोमेन है जो हमें उत्साहित करता है."