अमेरिका की कंपनी में नौकरी छोड़ फूलों की खेती कर रहे ललित उप्रेती, हो रही है अच्छी कमाई
उत्तराखंड में फूल कारोबार का सालाना टर्नओवर करीब 200 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। यहां के गंगोलीहाट क्षेत्र के निवासी ललित उप्रेती अमेरिकी कंपनी डीआई सेंट्रल लिमिटेड की एरिया मैनेजर की नौकरी छोड़कर अपने गांव कुंजनपुर में फूल, शरूम की खेती के साथ ही दुग्ध के भी कारोबार से घर बैठे अच्छी कमाई कर रहे हैं।
उत्तराखंड में लगभग डेढ़ दशक पहले जहां फूलों की खेती का रकबा महज 150 हेक्टेयर था, करीब दस हजार किसान उसमें अब 10 गुना का इजाफा कर चुके हैं। राज्य में आज फूल कारोबार का सालाना टर्नओवर करीब 200 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। यहां के पहाड़ों पर उद्यम की कमी नहीं है। इन्ही स्थितियों के बीच गंगोलीहाट के 38 वर्षीय ललित उप्रेती करीब सात साल तक अमेरिकी कंपनी डीआई सेंट्रल लिमिटेड में एरिया मैनेजर की 80 हजार रुपए महीने की नौकरी करने के बाद अब सब छोड़छाड़ कर अपने गांव कुंजनपुर लौट आए हैं और अपने खेतों में फूल तथा मशरूम की खेती कर रहे हैं।
इसके अलावा वह अन्य कई तरह की सब्जियों और दुग्ध उत्पादन भी कर घर बैठे अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। ललित ने अपने काम-धंधे में उन्होंने पांच और लोगों को भी रोजगार दे रखा है। वह गंगोलीहाट को मशरूम और फूलों की खेती का हब बनाना चाहते हैं।
ललित बताते हैं कि अमेरिकी कंपनी डीआई सेंट्रल लिमिटेड की नौकरी से उनकी अच्छे से घर-गृहस्थी चल थी। उन्होंने सात साल तक इस कंपनी में रहकर दुनिया के 12 देशों में काम किया। एक साल पहले जब उनको पता चला कि पौड़ी गढ़वाल की मशरूम गर्ल दिव्या रावत घर बैठे लाखों की कमाई कर रही हैं, उन्होंने भी उसी राह पर चलने का संकल्प ले लिया।
उन्होंने आठ माह पहले अमेरिकी कंपनी की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अपने गांव में आकर फूल और मशरूम की खेती करने लगे हैं। सबसे पहले उन्होंने अपने खेतों में ग्लेडियस प्रजाति के फूलों की खेती शुरू की। उससे उन्हे हर माह करीब 40 हजार रुपये की कमाई होने लगी है।
ललित अपने फूल पिथौरागढ़ और हल्द्वानी की मंडियों में बेच रहे हैं। अब वह अपने पचास बिस्वा खेत में ग्लेडियस के अलावा हजारी फूलों की भी खेती कर रहे हैं। ग्लेडियस प्रति स्टिक 10 रुपए में तथा हजारी के फूल 70 रुपये किलो बिक रहे हैं।
ललित उप्रेती आगे अपने गांव कुंजनपुर में किसानों का एक ग्रुप बनाकर लिलियम और ग्लेडियस फूलों की बड़े पैमाने पर खेती करना चाहते हैं ताकि उनका पूरा गांव आत्मनिर्भर हो सके। इसके अलावा ललित उप्रेती अपने खाली पड़े पुराने मकान में मशरूम की खेती कर रहे हैं। साथ ही वह अच्छी नस्ल की अपनी दो गायों के दूध का भी धंधा शुरू कर चुके हैं।
उधर, उत्तराखंड सरकार भी फूलों की खेती में राज्य के किसानों की दिलचस्पी बढ़ते देख इस पर खास फोकस करने और क्लस्टर आधार पर इसे बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
सरकार फूलों की खेती को खास तौर से चारधाम यात्रा मार्ग पर खास फोकस करना चाहती है ताकि विपणन की दिक्कत आड़े न आए। साथ ही इससे फूलों की सर्वाधिक डिमांड वाले चारो धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक आसानी से फूलों की पर्याप्त आपूर्ति की जा सकेगी।