मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के साथ जिंदगी: कैसे एडवांस थैरेपीज इसके दोबारा होने के बाद आपकी मदद कर सकती हैं
भले ही पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर से बचने की दर में सुधार हुआ हो, लेकिन अभी भी काफी सारे रोगी ऐसे हैं, जिनकी जिंदगी में इसकी वापसी और मेटास्टैटिस के बाद डर का साया मंडराता रहता था.
ब्रेस्ट कैंसर का पता चलना, जिंदगी को बदल देने वाला क्षण होता है, लेकिन सबसे भयावह चीज होती है इसकी वापसी की आशंका. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पहली बार ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने के 10 सालों के भीतर, 30% से 60% इसके दोबारा होने की आशंका होती है. इस बीच, भारत से जो सबसे चिंताजनक बात सामने आ रही है वो है स्वास्थ्य सेवाओं को मिलने में होने वाली देरी. इसकी वजह से 60% ब्रेस्ट कैंसर की पहचान एडवांस स्टेज, आमतौर पर स्टेज II स्टेज III में होती है. यह बेहद चिंताजनक है, क्योंकि जिस स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर की पहचान होती है उससे वापसी या मेटास्टैटिस की संभावना प्रभावित होती है. जैसे, जिन्हें स्टेज III का ब्रेस्ट कैंसर होता है, उन्हें स्टेज I या स्टेज II की तुलना में दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है. भले ही पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर से बचने की दर में सुधार हुआ हो, लेकिन अभी भी काफी सारे रोगी ऐसे हैं, जिनकी जिंदगी में इसकी वापसी और मेटास्टैटिस के बाद डर का साया मंडराता रहता था.
आइए सबसे पहले समझते हैं, कैंसर मेटास्टेसाइज्ड होने का क्या अर्थ है?
मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर (mBC) को ज्यादातर स्टेज IV कहा जाता है. यह बताता है कि कैंसर, ब्रेस्ट से आगे बढ़ चुका है और वह उसके आस-पास के लिम्फ नोड्स के आस-पास फैल चुका है. कैंसर, फेफड़े, लिवर या ब्रेन तक पहुंच चुका है. यदि आपको mBC होने का पता चलता है तो घबराहट और डर महसूस होना बहुत ही सामान्य बात है. हालांकि, यह बात ध्यान मे रखना जरूरी है कि आंकड़े केवल संख्या बताते हैं और हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है. इसके लिए मौजूदा उपचार को इस तरह से तैयार किया गया है कि इससे ना केवल उम्र बढ़ती है, बल्कि इस मुश्किल सफर से गुजर रहे लोगों की जिंदगी भी बेहतर हो सकती है.
उपचार के विकल्प और mBC के साथ जीवनयापन
मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर को लेकर एक आम धारणा प्रचलित है कि इसकी पहचान होने का मतलब है आपके पास जीने के लिए सिर्फ कुछ ही महीने बचे हैं. हालांकि, यह धारणा भले ही समझने लायक हो, लेकिन यह पूरी तस्वीर बयां नहीं करती. इस बात को जानना बेहद जरूरी है कि उन्नत थैरेपीज अहम भूमिका निभा सकती हैं. ये उपचार, कैंसर को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं और उससे जुड़े काफी सारे लक्षणों को कम कर सकते हैं. कुछ खास प्रकार के मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर में यह पूरी तरह संभव है कि ब्रेस्ट के बाहर कैंसर फैल जाने के बाद भी रोगी कई सालों तक जीवित रह सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर के वापस आने पर उसका उपचार मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वह पहली बार से भी बुरा है. अपने डॉक्टर के साथ मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के बारे में खुलकर और विस्तार से चर्चा करना बहुत जरूरी है. इस बातचीत से आपको आपकी समस्या को समझने में मदद मिलेगी और इसके बाद आपको उपचार योजना के बारे में बताया जाएगा. रोगियों के लिए उपचार विकल्पों को लेकर तेजी से बदलती स्थिति के बारे में जानकारी होना आवश्यक है. जैसे, रिसर्च बताती है, पारंपरिक हॉर्मोनल उपचार, एडवांस थैरेपी की मदद से कैंसर से लड़ना बेहद प्रभावी साबित हो सकता है. आपके चिकित्सक आपकी समस्या के अनुरूप आपके लिए उपचार योजना बना सकते हैं, जो आपकी जरूरतों के अनुसार और मनमुताबिक होगा. यह तभी संभव है, जब उन्हें आपकी समस्या के बारे में संपूर्ण जानकारी होगी.
इसके साथ ही, जब आप कोई उपचार योजना चुनते हैं तो रोगियों को ऐसी लाइफस्टाइल का चुनाव करना चाहिए, जोकि उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ को बेहतर बना सके और उनकी आयु लंबी कर सके. इसके अंतर्गत सेहतमंद भोजन, नियमित एक्सरसाइज, प्रभावी रूप से तनाव का प्रबंधन और पर्याप्त आराम के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत उपचार योजना शामिल है. स्वस्थ होने के इस सफर में एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम, जिसमें परिवार तथा दोस्तों और चिकित्सकों का साथ हो, उतना ही अहम होता है.
वैसे, मैटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का पता चलना डरावना अनुभव हो सकता है, लेकिन यह निराशा का संकेत नहीं है. जैसे-जैसे तकनीक और चिकित्सा ज्ञान में प्रगति जारी है, वैसे-वैसे मैटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का उपचार भी बेहतर होता जा रहा है. इससे उन लोगों को उम्मीद की एक नई किरण नजर आ रही है, जो इसका पता चलने के बाद डर से गुजर रहे हैं. उनकी आयु में भी बढ़ोतरी हो रही है.
(लेखक डॉ. अजय गोगिया - एम्स दिल्ली में ऑन्कोलॉजिस्ट हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक