अचानक देश की सुर्खियों में छा गईं भारतीय मूल की ब्रितानी नागरिक मधु शर्मा
जिस भारतीय मूल की ब्रितानी नागरिक मधु शर्मा उर्फ मादी शर्मा को भारत के इक्का-दुक्का लोग ही जानते रहे होंगे, उनके एनजीओ 'विमेन्स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक' के बुलावे पर यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर दौरे से वह अचानक देश की सुर्खियों में हैं। इसी तरह वह पिछले साल यूरोपीय सांसदों के साथ मालदीप भी जा चुकी हैं। मादी बताती हैं कि वह समोसे की कमाई से दो फैक्ट्रियां भी लगा चुकी हैं।
भारतीय मूल की इस ब्रितानी नागरिक मादी शर्मा (मधु शर्मा) पिछले कुछ दिनो से सुर्खियों में हैं। वही मादी, ग़ैर सरकारी संगठन 'विमेन्स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक' की फाउंडर डाइरेक्टर, जो कभी अपने घर में समोसे बनाकर बेचा करती थीं, और कभी अपने भाषण में स्वयं कह चुकी हैं -
'मेरे पास कोई योग्यता नहीं थी, कोई दक्षता नहीं थी, कोई प्रशिक्षण नहीं था, कोई पैसा नहीं था। मैं एक अकेली मां थी। मैं घरेलू हिंसा की पीड़ित थी। मेरे अंदर कोई विश्वास नहीं था। मैं क्या कर सकती थी। मैं सिर्फ़ एक ही चीज़ कर सकती थी। एक उद्यमी बन सकती थी। मैंने अपने घर में, अपने किचन से कारोबार शुरू किया। मैंने घर में समोसे बनाकर बेचे और मुनाफ़ा कमाया। आगे चलकर मैंने दो फ़ैक्ट्रियां लगाईं और उन लोगों को रोज़गार दिया, जिनके पास कोई काम नहीं था।'
वही मधु शर्मा, जो बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में रहती हैं, जो अपने ट्विटर एकाउंट में स्वयं को सोशल कैप्टिलिस्ट, लेखक, इंटरनेशनल बिजनेस ब्रोकर, एजुकेशनल एंटरप्रीन्योर, इंटरनेशनल स्पीकर आदि बताती हैं। उनका एनजीओ 'विमेन्स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक' दक्षिण अफ्रीका, यूरोपीय देश और भारत सरकारों के साथ मिलकर काम करने का दावा करता है। कश्मीर दौरे से पहले यूरोपीय संघ के 23 सांसदों को मादी शर्मा ने भारत आमंत्रित करते हुए लिखा था कि इस दौरान दिल्ली में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी विशिष्ट मुलाक़ात भी करवाई जाएगी।
मादी शर्मा यूरोपीय संघ की आर्थिक और सामाजिक समिति (ईईएससी) की सदस्य भी हैं। ईईएससी यूरोपीय संघ की सलाहकार संस्था है जिसमें सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोग होते हैं। एक हलफ़नामे के मुताबिक, ईईएससी में मादी शर्मा को ब्रितानी सरकार के कैबिनेट कार्यालय की महिला इकाई की ओर से नामित किया गया है।
मादी शर्मा अचानक सुर्खियों में इसलिए आ गई हैं, क्योंकि वर्ष 2013 में स्थापित उनका एनजीओ 'विमेंस इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक' ही पिछले दिनों कश्मीर दौरे के लिए यूरोपीय सांसदों को भारत ले आया था। कथित रूप से ये एनजीओ दुनियाभर में महिलाओं और बच्चों के लिए काम करता है। मादी शर्मा ने यूरोपीय सांसदों को भेजे अपने निमंत्रण में बताया था कि उनके भारत आने-जाने का पूरा ख़र्च 'इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नॉन अलाइड स्टडीज़' (आईआईएनएस) उठाएगा।
बताया जाता है कि ग़ैर सरकारी संगठन आईआईएनएस का भारत में वर्ष 1980 में पत्रकार गोविंद नारायण श्रीवास्तव ने गठन किया था। मादी शर्मा इस एनजीओ के साप्ताहिक अखबार 'न्यू डेल्ही टाइम्स' में लिखती रही हैं। बताते हैं कि पिछले साल मालदीव में चुनावों के दौरान यूरोपीय संघ के सांसदों ने जब वहां का दौरा किया था तो उसमें मादी शर्मा भी शामिल रही थीं।