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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल कृषि को आगे ले जाने के लिए निजी कंपनियों के साथ साइन किए 5 MOU

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल कृषि को आगे ले जाने के लिए निजी कंपनियों के साथ साइन किए 5 MOU

Wednesday September 15, 2021 , 3 min Read

नई तकनीकों के द्वारा कृषि का आधुनिकीकरण जारी रहेगा, जिससे किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि भवन में एक समझौता ज्ञापन (MOU) हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। ये समझौता ज्ञापन CISCO, Ninjacart, Jio Platforms Limited, ITC Limited और NCDEX e-Markets Limited (NeML) के साथ पायलट परियोजनाओं के लिए किया गया।


इन पायलट परियोजनाओं के आधार पर किसान सोच समझकर ये फैसले लेने में सक्षम हो जाएंगे कि कौन-सी किस्म के बीज उपयोग करने हैं और अधिकतम उपज के लिए कौन सी विधियां अपनानी हैं। कृषि आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोग सही समय और समयबद्ध जानकारी पर अपनी खरीद और लॉजिस्टिक की योजना बना सकते हैं। किसान इस बारे में उचित फैसला ले सकते हैं कि अपनी उपज को बेचना है या भंडारण करना है और कब, कहां व किस कीमत पर बेचना है।


सरकार ने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक, ड्रोन रोबोट आदि के उपयोग के लिए 2021-25 की अवधि को ध्यान में रखते हुए एक डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है।

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कृषि क्षेत्र में बदलाव के किसी प्रयास में एक इकोसिस्टम से जुड़ी सोच और एक डिजिटल इकोसिस्टम को अपनाने की जरूरत होती है। कृषि मूल्य श्रृंखला फसल चयन से लेकर फसल प्रबंधन और बाजार तक फैली होती है; कृषि से जुड़ी सामग्रियों व सेवाओं और लॉजिस्टिक में भी सार्वजनिक और निजी कंपनियां शामिल होती हैं। कृषि के डिजिटल इकोसिस्टम की स्थापना के लिए इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के अलावा इंटरऑपरेबिलिटी, डाटा गवर्नेंस, डाटा गुणवत्ता, डाटा मानक, सुरक्षा और निजता के पहलुओं पर एक दीर्घकालिक नजरिए की जरूरत होती है।


एक विकेंद्रीकृत और संस्थागत व्यवस्था को अपनाना एक अहम आवश्यकता है, जिससे सेवा प्रदाताओं और सभी अन्य पक्षों की स्वायत्ता का भरोसा मिलता है और साथ ही इंटरआपरेबिलिटी सुनिश्चित होती है। कषि में डिजिटलीकरण के महत्व को स्वीकार करते हुए विभाग एक संस्थागत फार्मर्स डाटाबेस तैयार कर रहा है और इस डाटाबेस के इर्दगिर्द विभिन्न सेवाओं को विकसित कर रहा है, जिससे कृषि का एक डिजिटल इकोसिस्टम तैयार किया जा सके।


किसानों के संस्थागत डाटाबेस को देश भर के किसानों की जमीनों के रिकॉर्ड के साथ जोड़ा जाएगा, साथ ही विशेष फार्मर आईडी तैयार की जाएगी।


इस एकीकृत डाटाबेस के अंतर्गत सभी किसानों के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के सभी लाभों और विभिन्न योजनाओं के समर्थन से जुड़ी जानकारी रखी जाएगी और यह भविष्य में किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जानकारियां हासिल करने का स्रोत बन सकता है। अभी तक, डाटाबेस लगभग 5.5 करोड़ किसानों के विवरण के साथ तैयार है।


इस अवसर पर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, DA&FW सचिव संजय अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव (डिजिटल कृषि) विवेक अग्रवाल, सिस्को के प्रबंध निदेशक (सार्वजनिक मामलों और रणनीतिक संबंध) हरीश कृष्णन, निंजाकार्ट के सह संस्थापक और सीईओ तिरुकुमारन नागराजन, जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के प्रेसिडेंट और प्रमुख (नियामकीय और कॉरपोरेट मामलों) डॉ. शंकर अदावल, आईटीसी लिमिटेड के मंडलीय मुख्य कार्यकारी रजनीकांत राय और NCDEX ई-मार्केट्स लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरुगंक परांजपे भी उपस्थित रहे।


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Edited by Ranjana Tripathi