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कोरोना वायरस के नए, अधिक संक्रामक भिन्न रूप से वैश्विक स्तर पर मामले बढ़े: रिसर्च

अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस का एक भिन्न प्रकार, ‘डी614जी’ प्रयोगशाला की स्थितियों में ‘सेल कल्चर’ में अधिक संक्रामक पाया गया।

(सांकेतिक चित्र)

(सांकेतिक चित्र)



लंदन, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कोरोना वायरस के जीन समूह में विभिन्नता के कारण मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने की उसकी क्षमता में सुधार हुआ और वह दुनिया भर में सबसे ताकतवर संक्रमण के रूप में फैल गया।


पत्रिका ‘सेल’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस का एक भिन्न प्रकार, ‘डी614जी’ प्रयोगशाला की स्थितियों में ‘सेल कल्चर’ में अधिक संक्रामक पाया गया।


अमेरिका में लॉस अलामॉस नेशनल लैबोरेटरी के इस अध्ययन के मुख्य लेखक बेट कोर्बर ने कहा, ‘‘डी614जी पहली बार अप्रैल की शुरुआत में हमारी नजर में आया जब हमने आश्चर्यजनक रूप से दोहराव वाली प्रवृत्ति देखी।’’


कोर्बर ने कहा, ‘‘दुनियाभर में जब स्थानीय महामारियों के फैलने के कई मामले सामने आए तो इसके तुरंत बाद डी614जी क्षेत्र में आया और तेजी से फैल गया।’’

वैज्ञानिकों के अनुसार संक्रमण का यह नया रूप कोविड-19 के मरीजों की ऊपरी श्वास नली में अधिक संक्रमण से जुड़ा है जिसका मतलब है कि इस विषाणु की लोगों को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ सकती है।