6 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगा म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Spotify
म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म
ने घोषणा की है कि वह मौजूदा "चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल" में लागत कम करने के लिए अपने लगभग 6% कर्मचारियों की छंटनी करेगा.सीईओ डैनियल एक (Daniel Ek) ने कर्मचारियों को लिखे एक ईमेल में कहा, "कई दूसरे लीडर्स की तरह, मुझे महामारी के चलते बिजनेस में ग्रोथ की उम्मीद थी और विश्वास था कि हमारा ग्लोबल बिजनेस और विज्ञापनों में मंदी के प्रभाव का कम जोखिम हमें प्रेरित करेगा."
उन्होंने कहा, "मैं अपनी राजस्व वृद्धि के आगे निवेश करने में बहुत महत्वाकांक्षी था. और इसी कारण से, आज हम कंपनी में अपने कर्मचारियों की संख्या में लगभग 6% की कमी कर रहे हैं. मैं उन चालों की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं जो आज हमें यहां तक ले आई हैं.”
बता दें कि Spotify ने अक्टूबर में अपने Gimlet Media और Parcast पॉडकास्ट स्टूडियो से 38 कर्मचारियों को निकाल दिया था. म्यूजिक स्ट्रीमिंग दिग्गज कंपनी में लगभग 9,800 कर्मचारी काम करते हैं.
Spotify ने कहा कि प्रभावित कर्मचारियों को "अगले कई घंटों में" सूचित किया जाएगा और उन्हें औसतन पांच महीने का वेतन मिलेगा, इस दौरान कंपनी उनकी स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कवर करना जारी रखेगी.
प्रभावित कर्मचारियों को स्थानीय नोटिस अवधि आवश्यकताओं और कर्मचारी कार्यकाल के आधार पर लगभग पांच महीने का मुआवजा प्राप्त होगा. इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य लाभ के तहत भी कवर किया जाएगा.
कंपनी उन कर्मचारियों की भी सहायता करेगा जिनकी अप्रवासन स्थिति उनके रोजगार से जुड़ी हुई है.
Spotify उन बड़ी कंपनियों में शामिल हो गई है जिन्होंने कम विज्ञापन राजस्व और अस्थिर आर्थिक दृष्टिकोण के चलते छंटनी की घोषणा की है.
Amazon, Meta और Microsoft और Google उन टेक दिग्गजों में से हैं जिन्होंने हाल ही में कर्मचारियों की कटौती की घोषणा की है. Google की पैरेंट कंपनी Alphabet Inc. ने शुक्रवार को कहा कि वह लगभग 12,000 नौकरियों में कटौती करेगी. यानि कि कंपनी अपने वैश्विक कर्मचारियों की कुल संख्या के 6% से अधिक की छंटनी करेगी.
इससे पहले, ऑनलाइन फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म Swiggy ने अपने 380 एम्प्लोयीज़ को "रीस्ट्रक्चरिंग एक्सरसाइज" के चलते आर्थिक स्थितियों का हवाला देते हुए कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कंपनी के सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने इस फैसले के पीछे ओवर-हायरिंग को एक अहम कारण बताया है.
भारत की टॉप आईटी कंपनियों में से एक, Wipro ने भी छंटनी की घोषणा की है. विप्रो ने कथित तौर पर खराब प्रदर्शन के कारण 452 फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया है.