फिर चर्चा में आया Zomato, म्यूचुअल फंड ने खरीदे 11 करोड़ शेयर, जानिए अब कितने रुपये का हो गया स्टॉक
जोमैटो सबसे ज्यादा चर्चा में अपने आईपीओ की वजह से आया था. उसने लिस्टिंग के दिन ही 18 लोगों को करोड़पति बना दिया था. जुलाई के दौरान जोमैटो ने ऑल टाइम लो छुआ, लेकिन अब फिर तेजी दिखा रहा है.
का शेयर एक बार फिर चर्चा में आ गया है. इस बार चर्चा की वजह है इसे लेकर म्यूचुअल फंड्स की राय. जुलाई के महीने में तमाम म्यूचुअल फंड्स ने तेजी से जोमैटो के शेयर (Zomato Share) खरीदे थे. हालांकि, अगस्त में उनकी राय बंटी हुई दिख रही है. अगस्त के महीने में म्यूचुअल फंड्स ने जोमैटो के करीब 11 करोड़ शेयर खरीदे (नेट खरीदारी) हैं. यहां दिलचस्प ये है कि जोमैटो के शेयरों में करीब 20 म्यूचुअल फंड्स ने ट्रांजेक्शन की हैं, जिनमें से 12 ने शेयर बेचे हैं और सिर्फ 8 ने ही खरीदे हैं.
दो म्यूचुअल फंड ने थोक में खरीदे जोमैटो के शेयर
शेयर खरीदने वाले दो म्यूचुअल फंड ऐसे हैं, जिन्होंने थोक में खरीदारी की है. Mirae Asset सबसे बड़ा खरीदार है, जिसने 9.47 करोड़ शेयर खरीदे हैं. वहीं Franklin Templeton ने करीब 1.18 करोड़ शेयर खरीदे हैं. इसके अलावा ICICI Prudential Mutual Fund, Motilal Oswal Mutual Fund और UTI Mutual Fund जैसे बड़े म्यूचुअल फंड्स ने भी जोमैटो के शेयर खरीदे हैं.
क्यों थोक में जोमैटो का शेयर खरीद रहे हैं म्यूचुअल फंड?
कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में रेवेन्यू में तेजी दर्ज की है. कंपनी का फूड डिलीवरी बिजनस भी ebitda स्तर पर ब्रेक-इवन प्वाइंट पर पहुंच चुका है. अब विशेषज्ञ भी अपने क्लाइंट्स को इसे खरीदने की सलाह दे रहे हैं. जोमैटो के शेयरों को लेकर लगातार एक बेहतर नजरिया बन रहा है, यही वजह है कि तमाम विशेषज्ञ इसे खरीदने की सलाह दे रहे हैं.
क्या है जोमैटो के शेयर का हाल?
जोमैटो के शेयर ने करीब 50 दिन पहले अपना ऑल टाइम लो का लेवल छुआ था, जो अब करीब 65 रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है. यानी सिर्फ 50 दिनों में ही इस शेयर ने करीब 58 फीसदी का रिटर्न दिया है. तेजी से कंपनी का आउटलुक बेहतर होने की वजह से ही इसमें म्यूचुअल फंड की दिलचस्पी बढ़ी है. तमाम विशेषज्ञ तो यह भी मान रहे हैं कि इस शेयर में अभी 85-100 रुपये तक के लेवल को छूने की क्षमता है.
आईपीओ ने लिस्टिंग के दिन बना दिए थे 18 करोड़पति
जोमैटो अपने आईपीओ की वजह से काफी ज्यादा चर्चा में आया था. जोमैटो का आईपीओ एक-दो या तीन नहीं बल्कि 40 गुना से भी अधिक सब्सक्राइब हुआ था. इसका मतलब है कि हर एक शेयर के लिए 40 से भी ज्यादा दावेदार. पिछले साल 14 जुलाई को यह आईपीओ खुला था और 27 जुलाई को लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग के दिन ही शेयर में निवेश करने वाले 18 लोग करोड़पति बन गए थे. शेयर का इश्यू प्राइस 76 रुपये था, लेकिन शेयर करीब 115 रुपये पर लिस्ट हुआ.
लोगों को पसंद नहीं आई जोमैटो की ग्रोफर्स से डील
Zomato ने इसी साल ग्रोफर्स को खरीदने की योजना का खुलासा किया था. जून के महीने में यह डील 4447 करोड़ रुपये में फाइनल भी हो गई. डील के बाद ग्रोफर्स का नाम भी बदलकर ब्लिंकइट कर दिया गया. नाम के साथ-साथ कंपनी में कई बदलाव भी हुए. भले ही जोमैटो ने इस डील को बहुत ही शानदार समझा था, लेकिन लोगों को शायद यह डील पसंद नहीं आई. तभी तो, इस डील के बाद से कंपनी के शेयरों में गिरावट और अधिक बढ़ गई. गिरते-गिरते शेयर ने 41 रुपये के ऑल टाइम लो के लेवल को छू लिया.
जोमैटो का अजीब ट्रेंड, शेयर गिरता है तो लोग जमकर करते हैं खरीदारी
जब जोमैटो के शेयरों में गिरावट जारी थी, उस वक्त जीरोधा के फाउंडर नितिन कामत ने एक खास बात नोटिस की. उन्होंने एक चार्ट के जरिए दिखाया कि जब-जब जोमैटो के शेयर में गिरावट आती है, तो इसके शेयरों में पैसा लगाने वाले या यूं कहें कि इसके निवेशकों की संख्या उम्मीद से भी ज्यादा तेजी से बढ़ने लगती है. नितिन कामत के अनुसार ऐसा ही ट्रेंड यस बैंक और रिलायंस अनिल धीरूबाई अंबानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के साथ भी देखने को मिला था. उस वक्त ये सवाल उठ रहा था कि क्या जोमैटो का हाल भी यस बैंक जैसा हो जाएगा? हालांकि, जोमैटो ने बहुत ही शानदार कमबैक किया है और अब इसकी खरीदारी की सलाह दी जा रही है.