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इंजेक्शन से मिलेगी राहत, सरकार ने नाक से दी जाने वाली वैक्सीन को दी मंजूरी

हैदराबाद की कंपनी ने करीब 4000 स्वयंसेवकों पर ‘‘इंट्रानेजल टीके’’ (नाक के जरिये लिए जाने वाले टीके) का क्लीनिकल परीक्षण किया है और किसी में दुष्प्रभाव या विपरीत प्रतिक्रिया नहीं देखी गई है.

इंजेक्शन से मिलेगी राहत, सरकार ने नाक से दी जाने वाली वैक्सीन को दी मंजूरी

Wednesday September 07, 2022 , 2 min Read

भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा तैयार, नाक से दिए जाने वाले ‘‘इंट्रानेजल कोविड टीके’’ का 18 साल से अधिक उम्र के लोगों पर सीमित आपात इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को बड़ा प्रोत्साहन मिला है. भारत बायोटेक के सीएचएडी36- सार्स-कोव-एसकोविड-19 (चिम्पैंजी एडिनोवायरस वेक्टर्ड) नेजल टीके को आपात स्थिति में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के प्राथमिक टीकाकरण में इस्तेमाल की मंजूरी भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दी है.’’

4000 वालंटियर्स पर किया गया क्लिनिकल टेस्ट

कंपनी के सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद की कंपनी ने करीब 4000 वालंटियर्स पर ‘‘इंट्रानेजल टीके’’ (नाक के जरिये लिए जाने वाले टीके) का क्लीनिकल परीक्षण किया है और किसी में दुष्प्रभाव या विपरीत प्रतिक्रिया नहीं देखी गई है. उल्लेखनीय है कि कंपनी ने अगस्त महीने में बताया था कि ‘‘कोविड-19 इंट्रानेजल टीका’’ (BBV154) तीसरे चरण के नियंत्रित चिकित्सकीय परीक्षण में सुरक्षित, वहनीय और प्रतिरोधी क्षमता से युक्त साबित हुआ है.

टीका निर्माता ने बताया कि BBV154 को विशेष तौर पर नाक के रास्ते देने के लिए तैयार किया गया है. कंपनी ने कहा कि इसके साथ ही नाक से टीका देने की प्रणाली को इस तरह से डिजाइन व विकसित किया गया है जिससे यह निम्न व मध्य आय वाले देशों के लिए किफायती हो.

कंपनी ने कहा, ‘‘ इंट्रानेजल टीका, BBV154 श्वांस मार्ग के ऊपरी हिस्से में एंटीबॉडी पैदा करता है, जिससे कोविड-19 के संक्रमित करने और प्रसार करने की संभावित क्षमता कम करने में मदद मिलती है. इस दिशा में और अध्ययन की योजना बनाई गई है.’’

गौरतलब है कि BBV154 की प्राथमिक खुराक (शुरुआती दो खुराक) के तौर पर प्रभाव और कोविड-19 के अन्य टीके (कोविशील्ड या कोवैक्सीन) की दो शुरुआती खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक के तौर पर BBV154 देने पर होने वाले असर का आकलन करने के लिए दो अलग-अलग और साथ-साथ क्लीनिकल परीक्षण किए गए.

डीसीजीआई ने अलग से कंपनी को कोवैक्सीन के साथ BBV154 (इंट्रानेजल)की प्रतिरोधक क्षमता और सुरक्षा की तुलना करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की भी अनुमति दी थी. यह परीक्षण नौ स्थानों पर करने की अनुमति दी गई थी.


Edited by Vishal Jaiswal