हाइवे पर कम हों एक्सीडेंट, इसके लिए NHAI लागू कर रहा यह सिस्टम
ATMS को लगभग 3,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए क्रियान्वित किया गया है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) राजमार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग को प्राथमिकता दे रहा है. सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं के प्रबंधन और राजमार्गों पर गति सीमा व अन्य नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) को लागू किया जा रहा है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बयान में कहा है कि एटीएमएस को लगभग 3,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए क्रियान्वित किया गया है.
इसके अलावा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं पर भी एटीएमएस स्थापित किए जा रहे हैं. एनएचएआई राजमार्गों पर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की पहचान करने के लिए ड्रोन वीडियो और नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन डेटा का विश्लेषण करने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली-जीआईएस तकनीक का लाभ प्राप्त करने पर भी विचार कर रहा है.
इंजीनियरों को सड़क सुरक्षा ऑडिट प्रशिक्षण
बयान में यह भी कहा गया है कि एनएचएआई सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए अपने इंजीनियरों को अनिवार्य रूप से 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा ऑडिट प्रशिक्षण दे रहा है. प्रबंधक और उप महाप्रबंधक के पद पर इंजीनियरों की पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण को पूरा करने को एक प्रमुख मानदंड बनाया गया है. वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लगभग 240 इंजीनियरों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी दिल्ली, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान और भारतीय राजमार्ग अभियंता एकेडमी में प्रशिक्षित किया गया है.
11 से 17 जनवरी 2023 तक 'सड़क सुरक्षा सप्ताह' मनाया जा रहा है. इस सप्ताह के दौरान, आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने और सभी को अवसर प्रदान करने के लिए पूरे देश में हितधारकों को सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में योगदान देने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. इसमें सड़क दुर्घटनाओं के कारणों और उन्हें रोकने के उपायों से संबंधित विभिन्न जागरूकता अभियान शामिल हैं.
दोषपूर्ण फास्टैग को लेकर कोई आंकड़ा नहीं
एक अन्य खबर के मुताबिक, एनएचएआई ने कहा है कि उसके पास दोषपूर्ण फास्टैग और राजमार्ग टोल प्लाजा पर फास्टैग के काम नहीं करने की स्थिति में वाहन चालकों से वसूले गए जुर्माने के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. अगर किसी वाहन चालक के पास फास्टैग नहीं है या काम नहीं कर रहा है, तो इस स्थिति में टोल प्लाजा पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता है.
एनएचएआई के अनुसार 31 अक्टूबर 2022 तक छह करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए जा चुके हैं. एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार एनएचएआई शुल्क प्लाजा पर 16 फरवरी 2021 से 16 अप्रैल 2022 तक फास्टैग के जरिए कुल टोल कलेक्शन 39,118.15 करोड़ रुपये रहा.
Edited by Ritika Singh