अब सेना के कुत्ते बनेंगे एडवांस, टीम ने तैयार की ऑडियो-विडियो सर्विलांस वाली बुलेट प्रूफ जैकेट
December 26, 2019, Updated on : Thu Dec 26 2019 11:31:30 GMT+0000

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भारतीय सेना के जवानों की मदद में जुटे प्रशिक्षित कुत्तों को अब एक खास तरीके की बुलेट प्रूफ जैकेट उपलब्ध कराई गई है। इस जैकेट को ऑडियो-विडियो सर्विलांस सिस्टम से लैस किया गया है, जिससे अब सतर्कता में और अधिक बढ़ोत्तरी हो जाएगी।

सांकेतिक चित्र (साभार: इंटरनेट)
आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सेना के प्रशिक्षित कुत्तों की यूनिट यानी डॉग स्कवाड का बड़ा योगदान होता है। ये अपनी चतुराई, खूबी और क्षमताओं के कारण सेना का महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। सेना के कई खास ऑपरेशनों और खुफिया अभियानों की सफलता में इन कुत्तों का बड़ा हाथ होता है।
अब भारतीय सेना में प्रशिक्षित कुत्तों के लिए खास तरीके की बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार की है। यह अपने आप में बहुत खास जैकेट है क्योंकि इसमें ऑडियो-विडियो सर्विलांस सिस्टम लगाया गया है। यह आतंकियों की गोली से कुत्तों की सुरक्षा तो करेगी ही, साथ में आतंकियों की गतिविधियों से भी सेना को अवगत कराएगी। लेफ्टिनेंट वी. कमल राज की अध्यक्षता वाली आर्मी डॉग यूनिट ने इसे तैयार किया है।
इस अनोखी जैकेट में ऑडियो रिसीवर, ट्रांसमीटर और कैमरा लगा हुआ है। इससे सेना को दुश्मन की जासूसी करने में मदद मिल सकेगी।
इसे बनाने वाली कमिटी के अध्यक्ष कर्नल वी. कमल राज ने कहा कि
"सेना के कुत्ते कई उद्देश्यों के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं। उन्हें पूरी सुरक्षा देना सेना की और हमारी जिम्मेदारी है। ये हमारे लिए बहुत काम के होते हैं, इसलिए हम इन्हें लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठा सकते।"
नए एडवांस सर्विलांस सिस्टम में जैकेट में लगे ट्रांसमीटर रिसीवर और कैमरे के कारण खुफिया से खुफिया जानकारी सेना तक पहुंच सकती है। वह आगे बताते हैं कि
"इस नए सिस्टम को चलाने के लिए इंटरनेट की जरूरत भी नहीं होगी और इसकी रेंज 1 किलोमीटर तक है।"
सेना के डॉग स्कवाड में शामिल कुत्ते अपनी चतुराई के लिए मशहूर हैं। उनकी सूंघने की क्षमता कमाल की होती है। कई फीट नीचे गड़े विस्फोटकों का पता सूंघकर लगाने वाले इन कुत्तों ने कई दफा बड़े आतंकी हमलों को नाकाम करने में सेना की मदद की है। आपदाओं के समय भी ये मलबे में दबे शवों को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉग स्कवाड में शामिल इन कुत्तों को खास ट्रेनिंग दी जाती है। शामिल कुत्तों में अधिकांश जर्मन शैफर्ड ब्रीड के होते हैं।
मालूम हो, इससे पहले सेना के ही मेजर अनूप मिश्रा ने जवानों के लिए एक ऐसी बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार की है जिसपर स्नाइपर राइफल का हमला भी असर नहीं करता। यानी कि अगर 10 मीटर की रेंज से कोई स्नाइपर जैकेट पहने सेना के जवान पर गोली चलाता है तो भी वह जैकेट पर असर नहीं करेगी, इसके लिए उन्हें सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सम्मानित भी किया है।
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