NSE बढ़ाना चाहता है शेयर बाजार में ट्रेडिंग के घंटे, जानिए आप पर इसका क्या होगा असर
अगर ऐसा होता है तो ये पहली बार नहीं होगा जब ट्रेडिंग के घंटों को बढ़ाया जाएगा. 2009 में भी सेबी ने ट्रेडिंग के घंटों को बढ़ाया था. अब ट्रेडिंग को करीब डेढ़ घंटे तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. सवाल ये है कि इसका रिटेल निवेशकों पर क्या असर होगा.
शेयर बाजार (Share Market) में ट्रेडिंग करने वालों के लिए एक बड़ी खबर आ रही है. खबर है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी निफ्टी जल्द ही ट्रेडिंग के घंटों (NSE Trading Hours) को बढ़ा सकता है. अगर ऐसा होता है तो ये पहली बार नहीं होगा जब ट्रेडिंग के घंटों को बढ़ाया जाएगा. इससे पहले 2009 में भी सेबी (SEBI) ने ट्रेडिंग के घंटों को बढ़ाया था. वहीं अक्टूबर 2018 में भी इक्विटी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट के घंटों को बढ़ाकर सुबह 9 बजे से रात 11.55 तक कर दिया गया था.
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार इक्विटी सेगमेंट में मार्केट ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने को लेकर एनएसई ने अपने मेंबर्स से बात करनी शुरू कर दी है. बिजनेस स्टैंडर्ड ने एनएसई के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर आशीष कुमार चौहान को कोट करते हुए लिखा है- 'सेबी ने पहले ही मार्केट टाइमिंग को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक करने की इजाजत दे दी है. अब हम अपने मेंबर्स के साथ बात कर रहे हैं और उनके फीडबैक का इंतजार कर रहे हैं कि क्या करना चाहिए.'
अभी एनएसई पर क्या हैं ट्रेडिंग के घंटे?
मौजूदा वक्त में एनएसई और बीएसई के कैश सेगमेंट और एनएसई एफ एंड ओ सेगमेंट के लिए ट्रेडिंग के घंटे सुबह 9.15 बजे से लेकर शाम 3.30 बजे तक हैं. सुबह 9 से 9.15 बजे तक प्री-ओपनिंग सेशन होता है और उसके बाद 6 घंटे 15 मिनट तक एक्टिव ट्रेडिंग होती है. एनएसई चाहता है कि इसे डेढ़ घंटे बढ़ाकर 5 बजे तक कर दिया जाए. वहीं दूसरी ओर एनएसई पर करंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलता है. इसके अलावा कमोडिटी मार्केट में करीब 15 घंटों तक यानी सुबह 9 बजे से रात 11.55 बजे तक ट्रेडिंग होती है.
रिटेल निवेशकों पर इसका क्या होगा असर?
जैसे ही ट्रेडिंग के घंटे बढ़ेंगे, लोग ज्यादा देर तक ट्रेडिंग करेंगे. इससे ट्रेडिंग का वॉल्यूम बढ़ जाएगा. हालांकि, इससे शेयरों की कीमतों पर कोई बड़ा असर नहीं होगा. लेकिन ट्रेडिंग के घंटे बढ़ने से तब शेयरों पर असर देखने को मिलेगा, जब कोई बड़ी खबर आएगी. अभी घंटे कम हैं, तो उसी बीच की खबरों का असर शेयरों पर दिखता है, जब घंटे बढ़ जाएंगे तो ज्यादा देर तक मार्केट खुलेगा और उसका असर देखने को मिलेगा.
इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इससे ओवरनाइट मार्केट रिस्क घटेगा. ज्यादा देर तक मार्केट खुलेगा तो ट्रेडर्स अपने ट्रेड्स को थोड़ा बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे. इससे मार्केट में म्यूचुअल फंड्स और एफआईआई को अधिक आकर्षित होंगे. कुछ मार्केट एक्सपर्ट का ये भी मानना है कि रिटेल निवेशकों के लिए ट्रेडिंग के घंटों में डेढ़ घंटे की बढ़ोतरी का रिटेल निवेशकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनका मानना है कि मार्केट के घंटों को 11.55 तक बढ़ाया जाना चाहिए, तब जाकर कुछ फायदा होगा. अगर घरेलू बाजार की टाइमिंग को अमेरिका और सिंगापुर एक्सचेंज की ट्रेडिंग टाइमिंग के हिसाब से रखा जाए तो इससे ट्रेडर्स का रिस्क काफी कम हो जाएगा और मार्केट में उतार-चढ़ाव भी घटेगा.