उड़ीसा के कक्षा 9 के छात्र ने बनाया स्मार्ट वॉटर डिस्पेंसर, रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी इसके हुए मुरीद
छात्र पी. बिस्वनाथ पात्रा द्वारा बनाया गया स्मार्ट वाटर डिस्पेंसर पेयजल के संरक्षण में सहायक है।
जलवायु परिवर्तन और घटते जल संसाधन वर्तमान समय के ज्वलंत मुद्दे हैं, वहीं, उड़ीसा के एक युवा छात्र ने एक अभिनव और "स्मार्ट" पानी निकालने की मशीन विकसित करके पानी के संरक्षण के लिए एक समाधान खोजने का प्रयास किया है।
नीति (NITI) आयोग के 'अटल इनोवेशन मिशन' (एआईएम) के सहयोग से रूस के सोची में आयोजित डीप टेक्नोलॉजी एजुकेशन प्रोग्राम तहत उड़ीसा के बेरहमपुर के कक्षा 9 के छात्र पी. बिस्वनाथ पात्रा ने एक प्रभावशाली वॉटर डिस्पेंसर बनाया है।
शैक्षिक केंद्र SIRIUS द्वारा आयोजित यह प्रोग्राम 28 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच आयोजित किया गया था। इस प्रोग्राम में कुल 50 प्रतिभागी शामिल थे, जिसमें भारत के 25 छात्र शामिल थे।
आपको बता दें कि ‘स्मार्ट वाटर डिस्पेंसर’ एक इलेक्ट्रॉनिक वॉटर फ्लो कंट्रोलिंग मैकेनिज्म है जो पानी के मीटर को बदल सकता है और समान वितरण के लिए अधिकारियों को पानी की आपूर्ति का नियंत्रण प्रदान कर सकता है। इस प्रोटोटाइप की लागत सिर्फ दो हजार रुपये थी। इसके मुख्य घटकों में एक आसानी से उपलब्ध माइक्रोप्रोसेसर, एक सॉलोनॉइड वॉल्व और एक प्रवाह सेंसर शामिल हैं।
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस कार्यक्रम का एक वीडियो साझा किया, जिसे ट्विटर पर 2000 से अधिक लाइक्स मिले हैं। इस वीडियो में, बिस्वनाथ को एक अनुवादक की मदद से अपने आविष्कार की व्याख्या करते हुए देखा जा सकता है।
सीएम पटनायक ने ट्विटर पर लिखा,
‘‘बेरहमपुर के नौवीं कक्षा के छात्र पी. बिस्वनाथ पात्रा को अपने नवप्रवर्तनशील पानी के यंत्र के साथ रूस के सोची में दीप प्रौद्योगिकी शिक्षा कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए बधाई और शुभकामनाएं। पानी के संकट को हल करने के उनके नवाचार की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सराहना की है।”
बिश्वनाथ के इस आविष्कार की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जमकर सराहना की।
ओडिशा टीवी को दिये एक इंटरव्यू में इस युवा आविष्कारक ने कहा,
“रूसी राष्ट्रपति से मिलना अपरिहार्य था क्योंकि वह भारत के साथ परमाणु ऊर्जा संबंधों को बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। मेरे जैसे छात्रों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में रुचि लेते देख राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस तरह का बंधन जारी रहना चाहिए।”
आपको बता दें कि रूस के सोची में आयोजित इस प्रोग्राम में विभिन्न देशों से आए प्रतिभागियों ने आईटी डेटा और एनालिटिक्स, क्लीन एनर्जी, बायोटेक, फार्मा, क्लीन एनर्जी, और रिमोट अर्थ सेंसिंग और ड्रोन और रोबोटिक्स, आदि से लेकर श्रेणियों के तहत इनोवेशन प्रैक्टिस पर चर्चा की।