‘बंगाल के पैडमैन’ ने स्थापित की 70 से अधिक पैड वेंडिंग मशीन, जहां महिलाएं 2 रुपये में ले सकती हैं सैनेटरी पैड्स
"अब तक सोभन ने कोलकाता भर में 70 वॉशरूम पर बकायदा वेंडिंग मशीन स्थापित करने का काम किया है, इसी के साथ महिलाओं के लिए ‘बंधन नैपकिन’ नाम से एक ऐप भी तैयार की है जिसके जरिये महिलाएं इन वेंडिंग मशीन को लोकेट कर सकती हैं।"
पश्चिम बंगाल के रहने वाले सोभन मुखर्जी असल जिंदगी के ‘पैडमैन’ हैं। मेंस्ट्रुअल हाइजीन को लेकर जागरूकता फैलाने के मिशन पर निकले सोभन को आज लोग ‘बंगाल का पैडमैन’ कहा जाता है। सोभन बीते चार सालों से लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं और बिना किसी लाभ की आशा रखे आगे बढ़ते जा रहे हैं।
सोभन मुखर्जी साल 2017 से सामाजसेवा के कार्यों में लगे हुए हैं। सोभन के अनुसार उनके लिए समाजसेवा की यात्रा दरअसल अचानक ही शुरू हुई। एक मीडिया चैनल को दिये गए अपने साक्षातकार में सोभन ने बताया है कि स्नातक की पढ़ाई के दौरान उन्होने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम करना शुरू कर दिया था और जब उन्होने परास्नातक में दाखिला लिया तब उन्होने मेंस्ट्रुअल हाइजीन की गंभीरता को देखते हुए उस दिशा में काम शुरू कर दिया था।
कैसे हुई शुरुआत
सोभन के अनुसार मेंस्ट्रुअल हाइजीन को लेकर उनके द्वारा किए जा रहे प्रयास की शुरुआत दरअसल उनके ही दोस्तों के जरिये हुई है। सोभन को अपनी महिला दोस्तों के जरिये पता चला कि किस तरह तय तिथि से पहले मासिक धर्म हो जाने पर महिलाओं को पैड के लिए परेशान होना पड़ सकता है, क्योंकि सामान्य तौर पर सैनेटरी पैड्स मेडिकल दुकानों में ही उपलब्ध होते हैं।
इस समस्या को देखते हुए सोभन के दिमाग में ये आइडिया आया कि क्यों न उन्हीं मेडिकल दुकानों से सैनेटरी पैड्स खरीदकर उन्हें पब्लिक वॉशरूम में रख दिया जाए, जिससे जरूरत पड़ने पर महिलाएं उनका इस्तेमाल कर सकें। सोभन के इस विचार को उनकी महिला दोस्तों से खूब सराहना मिला और ‘बंगाल के पैडमैन’ बनने का सोभन का सफर दरअसल उसी दिन शुरू हो गया।
शुरू हुई एक बड़ी मुहिम
इसके बाद से ही सोभन ने अपने घर से आस-पास के सभी सार्वजनिक शौचालयों में मुफ्त सैनेटरी पैड्स रखने शुरू कर दिये। शुरुआत से ही अपने इस काम को लेकर सोभन को उनके परिवार से पूरा समर्थन हासिल रहा है। सोभन के अनुसार साल 2018 में फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने खुद उन्हें फोन कर ‘वेस्ट बंगाल का पैडमैन’ नाम से संबोधित किया था।
सोभन तब से लगातार इस काम को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। अब तक सोभन ने कोलकाता भर में 70 वॉशरूम पर बकायदा वेंडिंग मशीन स्थापित करने का काम किया है, इसी के साथ महिलाओं के लिए ‘बंधन नैपकिन’ नाम से एक ऐप भी तैयार की है जिसके जरिये महिलाएं इन वेंडिंग मशीन को लोकेट कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका दुरुपयोग न हो इसके लिए शोभन ने सैनेटरी पैड्स दो रुपये का शुल्क तय किया है।
गाँव-गाँव में फैला रहे हैं जागरूकता
सोभन इस समय बंगाल के गाँव-गाँव जाकर लोगों के बीच मेंस्ट्रुअल हाइजीन को लेकर जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं, इसके लिए सोभन इन गांवों में बाकायदा कैंप आदि का आयोजन भी करते हैं। इतना ही नहीं, सोभन इन गांवों में मेडिकल कैंप का भी आयोजन करते हैं जहां बकायदा गायनेकोलॉजिस्ट लड़कियों और महिलाओं की शारीरिक समस्याओं की जांच करती हैं और उन्हें उचित उपचार के सुझाव देती हैं।
आज सोभन ने एक टीम भी तैयार की है जो सस्ते और बेहतर सैनेटरी पैड्स का निर्माण कर उनका वितरण करने का काम भी करती है। अपने काम को लेकर सोभन सरकार से भी अपील करते हैं कि उनके पास कोई फंडिंग नहीं है, लेकिन वे इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं ऐसे में सरकार को उनका सहयोग करना चाहिए। सोभन के अनुसार उन्हें किसी अवार्ड मिलने में उतनी खुशी नहीं होती है जितनी खुशी उन्हें नई वेंडिंग मशीन को स्थापित करके होती है।
Edited by Ranjana Tripathi