Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पेट्रोल, डीजल पर शुल्क आठ रुपये तक और बढ़ाने की संसद की अनुमति, बजट पारित करने की प्रक्रिया पूरी हुई

पेट्रोल, डीजल पर शुल्क आठ रुपये तक और बढ़ाने की संसद की अनुमति, बजट पारित करने की प्रक्रिया पूरी हुई

Tuesday March 24, 2020 , 4 min Read

लोकसभा ने सोमवार को वित्त विधेयक 2020 को बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया। उसके बाद राज्य सभा ने भी इसे बिना चर्चा के लौटा दिया। कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते कुछ ही घंटों में यह काम संपन्न हो गया। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2020- 21 का बजट पारित होने की प्रक्रिया पूरी हो गई।


k

नयी दिल्ली, सरकार ने सोमवार को पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये तक की और वृद्धि के लिये संसद से मंजूरी ले ली है। सोमवार को वित्त विधेयक 2020 को संसद की मंजूरी मिलने के साथ ही कानून में यह प्रावधान शामिल हो गया है। इस विधेय में पेंशन कोषों को सरकारी संपत्ति कोषों के समान मानने को भी मंजूरी मिल गई।


लोकसभा ने सोमवार को वित्त विधेयक 2020 को बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया। उसके बाद राज्य सभा ने भी इसे बिना चर्चा के लौटा दिया। कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते कुछ ही घंटों में यह काम संपन्न हो गया। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2020- 21 का बजट पारित होने की प्रक्रिया पूरी हो गई।


वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिये पेश किया। उन्होंने सरकार की तरफ से वित्त विधेयक में 40 से अधिक संशोधन प्रस्ताव पेश किये। राज्य सभा ने 2020- 21 के विनियोग विधेयक को भी इसके साथ ही बिना चर्चा किये लोकसभा को लौटा दिया। इस विधेयक के पारित होने से सरकार को अपने कामकाज, योजनाओं और कार्यक्रमों के लिये सरकार की संचित निधि से 110 लाख करोड़ रुपये की राशि निकालने का अधिकार मिल गया। लोकसभा ने पिछले सप्ताह इन अनुदान मांगों को पारित कर दिया था।


वित्त विधेयक 2020 में सरकार ने जिन संशोधनों को पेश किया और उन्हें पारित कराया है उनमें प्रवासी भारतीयों के स्वामित्व वाले कारोबार में केवल उसी आय पर कर लगाया जायेगा जो कि उनके भारतीय परिचालन से सृजित होगी। प्रवासी भारतीयों, विदेशी कंपनियों को दिये जाने वाले लाभांश पर 20 प्रतिशत की दर से टीडीएस लगाने को भी मंजूरी मिल गई है। दूसरी तरफ रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) को लाभांश कर से छूट दी गई है।





वित्त विधेयक में एक और अहम बदलाव जो किया गया है वह पेट्रोल, डीजल पर विशेष उत्पाद शुल्क बढ़ाने को लेकर किया गया है। इस संशोधन के बाद सरकार को पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को 8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने का अधिकार मिल गया है। अब सरकार आने वाले समय में जरूरत पड़ने पर कभी भी पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा सकती है।


इस संशोधन के बाद सरकार पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को मौजूदा 10 रुपये प्रति लीटर से 18 रुपये तक ले जा सकती है और डीजल पर इसे मौजूदा 4 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये तक किया जा सकता है। यह काम सरकार एक झटके में करने के बजाय अलग अलग चरणों में भी कर सकती है। यह सरकार के लिये भविष्य के उपाय के तौर पर है, फिलहाल इस समय पेट्रोल, डीजल के उत्पाद शुलक में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


सरकार की तरफ से वित्त विधेयक में जो संशोधन लाये गये उनमें यह संशोधन भी शामिल था। इससे पहले सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये लीटर की वृद्धि कर दी थी। दो रुपये विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में बढ़ाये गये और एक रुपया सड़क एवं अवसंरचना उपकर की मद में बढ़ाया गया।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2020 को वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया था। बजट में कुल 30,42,230 करोड रुपये के बजट में राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का बजट अनुमान लगाया गया है। बजट में पहली बार व्यक्तिगत आयकर की दरों में व्यापक बदलाव किया गया। जहां पहले व्यक्तिगत आय पर पांच, 20 और 30 प्रतिशत की दर से कर लगता था वहीं नई व्यवस्था में व्यक्तिगत आय को छह वर्गों में बांटकर पांच, दस, 15, 20, 25 और 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगाने की व्यवस्था की गई है।


हालांकि, नई कर व्यवस्था को वैकल्पिक रखा गया है। करदाता चाहें तो पुरानी व्यवस्था के तहत भी कर दे सकते हैं। नई व्यवस्था में कई तरह की आयकर रियायतों और कटौतियों को समाप्त कर दिया गया है।